यूं तो सब के साथ हंस लेता था मैं.
आज क्यूं बेवजह रोने लगा हूँ मैं.
बरसों से हथेलियां खाली ही रहीं मेरी.
फिर आज क्यों लगा सब खोने लगा हूँ मैं.
आज क्यूं बेवजह रोने लगा हूँ मैं.
बरसों से हथेलियां खाली ही रहीं मेरी.
फिर आज क्यों लगा सब खोने लगा हूँ मैं.