मैं क्या जानूँ दर्द की कीमत ? मेरे अपने मुझे मुफ्त में देते हैं.
अपने ही जानते हैं दर्द कहाँ से उभरेगा,
_गैरों को क्या पता रग कौनसी दबानी है..!!
दुनिया जीत सकने का सामर्थ्य रखने वाले लोग _अपनों से हार जाया करते हैं ;
_उन अपनों से जो अपने होने का आडम्बर रचते हैं, _दरअसल वे कभी हमारे नहीं होते..!!