ख़यालातों के बदलने से भी निकलता है नया दिन,
_ सिर्फ़ सूरज के चमकने से ही सवेरा नहीं होता….
वो तमाम लोग जो गिरने के बाद फिर से खड़े हो गए,
_ उन्होंने अपने पांव नहीं ख़यालात बदले थे..!!
_ सिर्फ़ सूरज के चमकने से ही सवेरा नहीं होता….
_ उन्होंने अपने पांव नहीं ख़यालात बदले थे..!!