आज का युग भी बड़ा अजीब है, _
_ आप का दुःख दूसरों का मनोरंजन का साधन है ..
किसी जमाने में अपनों के कांटे निकाले जाते थे,
_ अब तो अपनों की राह में कांटे बिछाए जाते हैं ..
अब तो कोयले भी काले नहीं लगते,
_ जब से जाना है अंदर से इंसान को..!!
_ आप का दुःख दूसरों का मनोरंजन का साधन है ..
_ अब तो अपनों की राह में कांटे बिछाए जाते हैं ..
_ जब से जाना है अंदर से इंसान को..!!