मस्त विचार 3457

बहती धारा के साथ बहो, किनारा छोड़ दो,

_ रखो यकीं खुद पे, दुनियाँ का सहारा छोड़ दो..!!

जब तक सहारे लेने की आदत नहीं छोड़ोगे,

_ दुनिया आप को अंगुलियों पर नचाती रहेगी.!!

अपने दम पर ज़िंदगी में आगे बढ़ते चले जाओ,

_ वरना सहारे तो इंसान को अपाहिज बना कर छोड़ देते हैं.!!

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