जब आप किसी से बदला लेने के लिए कार्रवाई करने का निर्णय लेते हैं, तो आप अनिवार्य रूप से अपने मन में जहर घोल रहे हैं,
_ क्योंकि आप किसी ऐसे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने पर अड़े हुए हैं _जिसने आपको नुकसान पहुंचाया है.
_ एक बार जब वह बीज आपके दिमाग में जड़ें जमा लेता है और आप कार्रवाई करना चुनते हैं, तो आप एक ऐसे रास्ते पर चले जाते हैं जहां से आप वापस नहीं आ सकते.
घोलिए जहर न ज्यादा, सोचिए अगर पीना पड़ गया तो..
बेइज्जती का बदला लड़ाई करके नहीं ; _ शांति से कामयाब होकर लिया जाता है..
सबसे अच्छा बदला, कोई बदला नहीं लेना है..
_ आगे बढ़ें और उन लोगों की तरह न बनें ..जिन्होंने आपको चोट पहुंचाई है.!!