कितने भी दलदल हों ज़िन्दगी में पैर जमाये ही रखना,
_ चाहे हाथ खाली हो ज़िन्दगी में.. लेकिन उसे उठाये ही रखना,
_ कौन कहता है छलनी में पानी रुक नही सकता,
_ अपना हौसला बर्फ़ जमने तक बनाये रखना.!!
हौसला बन बिखरे टुकड़ों को संजोना होगा,
_ कोई नहीं होगा आपका.. आपको ही अपना होना होगा ..!!