हम कभी-कभी ऐसे लोगों से मिलते हैं, यहां तक कि पूर्ण अजनबी भी, जो हमें पहली नजर में, किसी तरह अचानक, एक बार में, एक शब्द बोले जाने से पहले ही दिलचस्पी लेने लगते हैं.
अजनबी सब अपने हुए, अपनों से ही तो बगावत है,
_अपने तो अपने होते हैं, ये तो सिर्फ कहावत है.