मस्त विचार 3809 | Sep 26, 2023 | मस्त विचार | 0 comments मंजिल का कुछ पता नहीं, लेकिन राहों ने चाहा तो फिर मिलेंगे कहीं.. अजीब तरह से गुज़र रही है ज़िंदगी, _सोचा कुछ हुआ कुछ चाहा कुछ मिला कुछ.. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ