मस्त विचार 4000

लफ्जो की दहलीज पर, घायल ज़ुबान है……!!

_ कोई तन्हाई से तो कोई, महफ़िल से परेशान है..!!

ज़ुबान अगर तेज़ हो तो खंजर से भी गहरा दर्द करती है.

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