एक दिन आएगा…
जब तुम्हें शिकायत – ” वक़्त और जमाने ” से नहीं बल्कि ” खुद ” से होगी..
कि, जिंदगी सामने थी और मैं संसार में उलझा रहा..!!
जब तुम्हें शिकायत – ” वक़्त और जमाने ” से नहीं बल्कि ” खुद ” से होगी..
कि, जिंदगी सामने थी और मैं संसार में उलझा रहा..!!