तुम्हारे जीवन की नाव तो चल ही चुकी है..
_ अब तुम हंसते हुए पहुंचो या रोते हुए, ये तुम पर निर्भर करता है..
दो नावों पर सवार थी उसकी ज़िन्दगी,
_ मैंने अपनी नाव डूबा कर उसका सफ़र आसान कर दिया.!!
कितना अजीब है ना…
_ सबको पार लगाने वाली नाव आखिर में नदी में ही रह जाती है..!!