गर्दिश तो चाहती है, #तबाही मेरी मगर..
_ मजबूर है किसी की #दुआओं के सामने..!!
ज़िन्दगी तबाही के किनारे पे खड़ी है और आपको तेरी-मेरी पड़ी है..!!
जान तक देने की बात होती है यहां…!
_ पर यकीन मानो, दुआ तक दिल से नही देते लोग…!!
_ मजबूर है किसी की #दुआओं के सामने..!!