तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के बीच ;
_ आखिर चाँद भी तो तन्हा है इन सितारों के बीच..
अकेले रहने कि शिकायत क्यों करते हो,
_ चाँद भी तो ऊपर अकेला ही रहता है !!
‘तू वो चाँद है’ जिसकी रोशनी बहुत है..
_ और मैं वो रात हूँ.. जिसमें अंधेरा बहुत है..!!
_ आखिर चाँद भी तो तन्हा है इन सितारों के बीच..
_ चाँद भी तो ऊपर अकेला ही रहता है !!