ना जाने उस शख्स को कैसा यह हुनर आता है …
रात होते ही मेरी आंखों में उतर जाता है…
मैं उसके ख्याल से निकलू तो कैसे निकलू …
वो मेरी सोच के हर रास्ते पे नजर आता है.
कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को,
_ जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे..!!
रात होते ही मेरी आंखों में उतर जाता है…
मैं उसके ख्याल से निकलू तो कैसे निकलू …
वो मेरी सोच के हर रास्ते पे नजर आता है.
_ जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे..!!