“मुश्किल राहें भी आसान हो जाती है, हर राह पर पहचान हो जाती है,
_ जो लोग मुस्करा के करते है सामना, किस्मत उनकी गुलाम हो जाती है”
जब जीवन जीना मुश्किल हो जाता है,
_ तब उस मुश्किल में से ही जीने की कोई राह निकल आती है.
क्या मुश्किलों की सीमाएं आपको रोक लेंगी ?
_ आपके भी तो हाथ हैं, कुछ नया बनाइए..!! जागिए और लीजिए कुछ फैसले..
हम में से अधिकतर लोग..
_ दूसरों के फैसले पर चल कर अपनी पूरी जिंदगी बोझ बना लेते हैं..!!
जिन्दगी राह भी, राही भी, मंजिल भी, सफर भी;
_ जिसे चलना नहीं आता वह अक्सर कुचले जाते हैं..!!
“एक बार आप सही राह देखें तो सही”
“चलना आसान है, लेकिन सही से आगे बढ़ना ?”
_ यह एक पूरी तरह से अलग बात है !!