मस्त विचार 054

मैं तो रोशन हूँ तेरे ही दीये की रोशनी से.

कभी न कभी तो बुझ जाऊँगा.

आज शिकायत है लोगों को मेरी रोशनी से.

कल अँधेरे में उन्हें बहोत याद आऊँगा.

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