मस्त विचार 054 | Jul 13, 2014 | मस्त विचार | 0 comments मैं तो रोशन हूँ तेरे ही दीये की रोशनी से. कभी न कभी तो बुझ जाऊँगा. आज शिकायत है लोगों को मेरी रोशनी से. कल अँधेरे में उन्हें बहोत याद आऊँगा. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ