कोई इतना करीब हो कर, दूर क्यों हो जाता है.
कोई खुशी बन कर ग़म में, क्यों बदल जाता है.
कोई मन में बस कर, ज़िन्दगी से दूर क्यों हो जाता है.
कोई जीवन को रंगों से भर कर, उजाड़ क्यों देता है.
कोई हमराह बन कर, राह में छोड़ क्यों जाता है.
क्यों और क्यों कोई ऎसा करता है.
कि इतना ख़ास हो कर, बेगाना बन जाता है.
क्यों कोई हमारा साथ छोड़कर, दूसरों का हो जाता है.
क्यों कोई हमें बताये बिना,
अपने दिल से बाहर निकाल देता है.
क्या हम इतने बुरे हैं.
कि उसे हमारे दर्द का, एहसास भी नहीं होता.
पास में रह कर दूर रहने से अच्छा है, दूर रह कर पास रहा जाए..!!
जिनके करीब बहुत लोग हैं,, उनसे दूर रहना ही ठीक होता है…!!
एक हद में थे हम तो बेहद करीब थे,
_ बेहद हुए करीब तो किस्सा हुआ ख़तम..!!
कुछ लोग हमारी वजह से दुखी थे,
_ अब जब हम उनसे दूर हो गए हैं तो, अब वो निश्चित सुखी होंगे..!!
किसी के जीवन से तब पूरी तरह दूर चले जाना चाहिए !
_ जब बिना किसी किंतु-परंतु के आपके द्वारा पूछे गए सवाल उसे परेशान करने लगें..!!