मस्त विचार 082

कितनी आसान थी ज़िंदगी कि राहें,

मुश्किल हम खुद खरीदतें हैं .

और कुछ मिल जाये तो अच्छा होता,

बहोत पा लेने पर भी यही सोचतें हैं .

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