बिना पढ़े ही ज़िन्दगी के पृष्ठ मत मोड़.
कर्म पथ को रह पूजता, बीच में मत छोड़.
कर कोशिश सपनों को परवान चढाने की.
खुद ही खुद को यूँ मझधार में मत छोड़.
कर्म पथ को रह पूजता, बीच में मत छोड़.
कर कोशिश सपनों को परवान चढाने की.
खुद ही खुद को यूँ मझधार में मत छोड़.