मस्त विचार 212

आप मेरा इस तरह इम्तहान न लीजीए.

क्यों हो नाराज यह बयान तो किजीए.

कर दीजीए माफ़ ग़र हो गई हो ख़ता.

यों खामोश रहकर सजा ना दीजीए. 

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