मस्त विचार 212 | Aug 23, 2014 | मस्त विचार | 0 comments आप मेरा इस तरह इम्तहान न लीजीए. क्यों हो नाराज यह बयान तो किजीए. कर दीजीए माफ़ ग़र हो गई हो ख़ता. यों खामोश रहकर सजा ना दीजीए. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ