गीत गाता हूँ तुम्हे पाने के लिए,
जीत भी जाता हूँ कभी मैं हार जाने के लिए,
ये जिंदगी ही है ऐसी जिसका कुछ पता नहीं,
दूर जाता हूँ कभी मैं पास आने के लिए,
समझते जो मुझे दुश्मन ये उनकी ही है समझ
मैं तो खड़ा हूँ हर घड़ी सिर झुकाने के लिए,
गीत गाता हूँ तुम्हे पाने के लिए.