“एक अस्वतंत्र दुनिया से निपटने का एकमात्र तरीका इतना पूर्ण रूप से मुक्त हो जाना है कि आपका अस्तित्व ही विद्रोह का कार्य है”
आधुनिक मन पूरी तरह अव्यवस्थित है. ज्ञान ने खुद को उस बिंदु तक फैला लिया है जहां न तो दुनिया और न ही हमारी बुद्धि को कोई जगह मिल सकती है.
कभी-कभी, चलते रहना, बस चलते रहना, अलौकिक उपलब्धि है.
जीवन अर्थहीन है, लेकिन जीने लायक है, बशर्ते आप पहचानें कि यह अर्थहीन है.
मेरे पीछे मत चलो; मैं नेतृत्व नहीं कर सकता ; मेरे सामने मत चलो; मैं पालन नहीं कर सकता ; बस मेरे साथ चलो और मेरे दोस्त बनो.
मेरे प्रिय, नफरत के बीच मैंने पाया कि मेरे भीतर एक अपराजेय प्रेम था ;_ आँसुओं के बीच मैंने पाया कि मेरे भीतर एक अजेय मुस्कान थी ; _ अराजकता के बीच, मैंने पाया कि मेरे भीतर एक अजेय शांति थी ; _ इस सब के माध्यम से मुझे एहसास हुआ कि… सर्दियों के बीच में, मैंने पाया कि मेरे भीतर एक अजेय गर्मी थी ;
_ और इससे मुझे खुशी होती है. _ इसके लिए यह कहता है कि दुनिया मेरे खिलाफ कितना भी जोर लगाए, मेरे भीतर कुछ मजबूत और कुछ बेहतर है –
महत्वपूर्ण बात तर्क की मजबूती या अन्यथा नहीं है, बल्कि इसके लिए आपको सोचने के लिए मजबूर करना है.
व्यक्ति को अपने सिद्धांतों को बड़ी चीजों में स्थान देना चाहिए ; छोटों के लिए कृपा पर्याप्त होगी.
जीवन आपके सभी विकल्पों का योग है ; तो, आज आप क्या कर रहे हैं ?
अगर कुछ भी अर्थ नहीं होता, तो आप सही होते ; लेकिन कुछ है जो अभी भी मायने रखता है.
यह सच नहीं है कि हृदय थक जाता है – लेकिन शरीर यह भ्रम पैदा करता है.
जब शरीर दुखी होता है, तो हृदय शिथिल हो जाता है.