मस्तों का आधार सूत्र है कि, दूसरों से अपने सुख को मत जोड़ो..!!
__ परेशान वही है जो दूसरों की खुशियों से त्रस्त है !!
_ जो फोन पर किसी से बात भी करेंगे तो तीस सेकंड से एक मिनट ;
_ तड़क भड़क वाली जिंदगी से बच कर.. वो सरल रहना पसंद करेंगे,
_ ना किसी से शिकायतें रखेंगे ना किसी को शिकायतों का मौका देंगे,
_ ना लोगों से जलते हैं और हमेशा फ्रेश मूड में रहते हैं ;
_ कोई उनके पास आए जाए.. वो भी उनसे फ्रेश हो कर जाता है,
__ और मुझे समझ में नहीं आता कि सबको ऐसा बनने में मुश्किल क्या है ?
_ मस्ती में ‘ उसकी ‘ मगन हो जाइये..
_ और हो सके तो फिर.. ‘ उसके ‘ ही गुण गाइये..छोड़कर सब कुछ, फूल से हल्के होकर..
– ” सदा ही बस खिलखिलाइये,”मुस्कुराइये और फिजाँओं में, खुशबू की तरह बिखर जाइये..
_ मस्त होने का अर्थ होता हैः नियंत्रण खोना..
_ मस्त होने का अर्थ होता हैः अपने अहंकार से थोड़े नीचे उतर आना,
_ मस्त होने का अर्थ होता हैः फिर से हो गए बालक जैसे निर्दोष;
_ फिर से भर गए जीवन के आश्चर्य से; फिर से वृक्षों की मस्ती और फूलों की सुगंध और हवाओं का नृत्य अर्थपूर्ण हो गया.
_ खो दी मन की, गणित की क्षमता..
_ वह जो तर्क का सतत जाल है, वह जो तर्क का सतत फैलाव है भीतर,
_ उसे तोड़कर क्षणभर को बाहर निकल आए;
_ जैसे कोई कारागृह से बाहर आ जाए..
_ बंद दीवारें और बंद दीवारों के भीतर की बंद हवा,
_ थोड़ी देर को जैसे कोई छोड़कर बाहर आ जाए…..!! – OSHO
_ यारों अगर हमें जीवन में कुछ बड़ा करना है तो सबसे पहले अपने कान बंद करने होंगे,
_ क्योंकि हम क्या हैं और हम क्या कर सकते हैं वह सिर्फ हम जानते हैं.
_ दुनिया सिर्फ हमें बाहर बाहर से जानती हैं,.. हमारे अंदर क्या प्रतिभा है और हम कैसे दुनिया को बदल सकते हैं वो सिर्फ हम जानते हैं.
_ इसीलिए अगर हमने जीवन में खुश रहना है तो सबसे पहले खुद को समझें, खुद से प्यार करे, रोज सुबह उठकर योग और व्यायाम करें, अपने कंफर्ट क्षेत्र से बाहर निकले, अपने अंदर की प्रतिभा को जानें, खुद की कभी भी दूसरों से तुलना ना करें, अपने फोन से थोड़ी दूरी बनाकर रखें, खुद से बातें करें इत्यादि,
__ जीवन में कुछ खुद को महत्व (importance) देना सीखो और अपनी खुशियों को खुद हासिल करो.”
_ जैसे दुनिया तुम्हें देखना चाहती है, वैसे बिलकुल भी मत बनना ;जैसा तुम खुद को देखना चाहते हो, वैसा बनने के लिए जी जान लगा देना.”
_ जब हम अपने ही भीतर आत्मविश्वास से भरपूर हो जाते हैं और फिर कोई हमारा साथ दे या ना दे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता _ हम अपने में मस्त रहते हैं..!!