_ बस वो लहजे बदलते गये और हम अजनबी होते गये. “– ज़रा अपने लहजे संभाल, बातें नस्लों का पता देती हैं..–“
वजह पूछने का तो मौका ही नही मिला, _
_ बस वो लहजे बदलते गये और हम अजनबी होते गये. “– ज़रा अपने लहजे संभाल, बातें नस्लों का पता देती हैं..–“
वजह पूछने का तो मौका ही नही मिला, _