Collection of Thought 1087
अपने आप को अपने शरीर से परिभाषित न करें .. यह अनंत है जो ब्रह्मांड में हर चीज से जुड़ा है.
अपने आप को अपने शरीर से परिभाषित न करें .. यह अनंत है जो ब्रह्मांड में हर चीज से जुड़ा है.
आप किसी को आपका सम्मान करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, लेकिन आप अनादर से इंकार कर सकते हैं.
“हम किसी को वह देखने के लिए मजबूर नहीं कर सकते जिसे देखने के लिए वह तैयार नहीं है.!!
एक बार जब आप भूल जाते हैं कि आप किस लायक हैं, तो आप वह भूल जाते हैं जिसके आप हकदार हैं.
प्रत्येक दिन एक अच्छा इंसान बनने और अपनी पसंद के काम करने का एक अवसर है.
जब भी आपका मन चिंता करने लगे या नकारात्मक सोचने लगे, तो उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करें जिनके लिए आप आभारी हैं.
आप जो चाहें प्राप्त कर सकते हैं, _ नुस्खा- निरंतरता, अनुशासन और धैर्य है.