Collection of Thought 995
संकट के समय शांत रहें, ईमानदार रहें, सहानुभूति और परिश्रम का अभ्यास करें, _ अनुकूलनीय बनें और समझें कि भावनाएं उच्च स्तर पर चलेंगी, _ और कभी उम्मीद मत खोएं.
संकट के समय शांत रहें, ईमानदार रहें, सहानुभूति और परिश्रम का अभ्यास करें, _ अनुकूलनीय बनें और समझें कि भावनाएं उच्च स्तर पर चलेंगी, _ और कभी उम्मीद मत खोएं.
यह सब अपने आप से शुरू होता है, खुद से प्यार करें, खुद पर भरोसा करें, खुद पर विश्वास करें.
जीवन आपकी भावनाओं और वास्तविकता के बीच एक समझौता है, _ जीवन के हर पड़ाव पर आपको अपनी भावनाओं को छोड़ना होगा और वास्तविकता को स्वीकार करना होगा.
किसी बात को मानने से पहले उसके बारे में अच्छे से सोच लें,_ लेकिन एक बार जब आप सहमत हो गए, तो आपने अब प्रतिबद्ध कर दिया है, आपको अवश्य ही पूरा करना चाहिए, चाहे कुछ भी हो, _ औसत और सफल के बीच यही अंतर है.
अपनी योजना के अनुसार अपना जीवन जिएं, न कि उस अनुसार जो दूसरे आपसे चाहते हैं..