मस्त विचार 3997

रास्ते खुद ब खुद मंज़िलो के पते बताते हैं,

_ मील के पत्थर, जब हमसफ़र बन जाते हैं..

ये जग एक सराय है मंज़िल नहीं, मुसाफिर की तरह रहो..!!
आपको कोई रास्ता तो दिखा सकता है, लेकिन मंज़िल तक तो खुद ही पहुंचना होगा.

_ मगर सही रास्ता दिखाने में लगी effort को भी लोग appreciate नहीं करते.!!
रास्ता जितना कठिन होता है, मंज़िल पर पहुंच कर उतनी ही राहत मिलती है.

(मंज़िल चाहे जैसी भी हो.)

मस्त विचार 3996

अगर बुरी आदतों को सही समय पर नही बदला जाता है,

_तो वे आपके सही समय को गलत में बदल देगी.

जब तक आप अपनी आदतें नहीं बदलेंगे,

_ तब तक आप अपना जीवन नहीं बदल सकते.!!

कुछ आदतें बिना किसी पीड़ा में फंसे छोड़ देनी चाहिए, बिना उसके किसी विकल्प के.. “बस संकल्प के साथ.”

_विकल्प से छूटी आदतें पीछा करती हैं.

_ दंश से छूटी आदत यादों के सीने में खंजर चुभोती हैं, लेकिन जिसे हम सहजता से छोड़ देते हैं, वो मन में गौरव पैदा करती है.

_आदमी कुछ भी छोड़ सकता है. “कुछ भी”

 _बस चाहना होता है..!!

“अब ज़िंदगी अच्छे- बुरे में विकल्प नहीं देती,

_ विकल्प देती है बुरे या बहुत बुरे में.. और कभी कभी हम ख़ुद बहुत बुरा होना चुनते हैं.!!

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