मस्त विचार 3884
न जाने कैसी नज़र लगी है ज़माने की !
_ अब कोई वजह नही मिलती मुस्कुराने की !!
*मुफ़्त में नहीं सीखा उदासी में मुस्कुराने का हुनर*
_ *बदले में ज़िंदगी की हर खुशी बर्बाद की है*
_ अब कोई वजह नही मिलती मुस्कुराने की !!
_ *बदले में ज़िंदगी की हर खुशी बर्बाद की है*
_ इन्सान बस उन्हें छुपाने का हुनर सीख जाता है.
_ वो जंग तुम भी न जीत सके जो जंग हमने हारी है.
_ तेरा मुड़ मुड़ कर देखना,, हमे बदनाम कर गया.!!
Every day is a new beginning, take a deep breath and start again.