मस्त विचार 3830
बाँध कर यादों का पुलंदा, रख दिया है अलमारी में,
_जब होगी फुरसत तो देखेंगे, किस किस को जीना है..
_जब होगी फुरसत तो देखेंगे, किस किस को जीना है..
_हमने गैरो की लाइन में सबसे पहले अपनो को ही पाया..
_बड़ी मुश्किल से मिलते हैं ये खयाल रखने वाले..
मैं अपनी जगह सही हूं, वो अपनी जगह सही है.
और मुझे महसूस रूह तक हुआ !
_ वे धीरे- धीरे दूसरों की गलतियों की भी नक़ल करने लग जाते हैं.