मस्त विचार 3825
हम नक़ल जीवन जीते हैं, और नक़ल जीवन बहुत भटकाता है !!
कुछ लोग नक़ल करने के इतने अभ्यस्त हो जाते हैं कि,
_ वे धीरे- धीरे दूसरों की गलतियों की भी नक़ल करने लग जाते हैं.
_ वे धीरे- धीरे दूसरों की गलतियों की भी नक़ल करने लग जाते हैं.
_ आप अपने को खुद ही पहचानने की चेष्टा कीजिए.
_ कुछ जवाब तेरी- मेरी खामोशी में अटके ही अच्छे हैं..!