मस्त विचार 3777

इतना दर्द के बाद भी मुस्करा रहा हूँ, ऐ जिन्दगी देख ; तुझे कैसे हरा रहा हूँ.
जो अपने दर्द को पीना जानता है, सच में वही जीना जानता है.!!

मस्त विचार 3774

समंदर को ढूंढ़ती है नदी जाने क्यों…

_ पानी को पानी की ये अजीब प्यास है.

जिस दरिया को वास्तविकता में चाह है समंदर की..

..इंतजार लिए वह बहती रहती है..!!

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