मस्त विचार 3765
अच्छा हुआ लोग बदल गए, हम भी जरा संभल गए..
मैं तेरी उलझनों का मुकम्मल जवाब हूँ…!
होड़ खुद से आगे निकलने की होनी चाहिए न कि किसी और से….!!
__ आप उस से आगे भी तो जा सकते हैं
_पर जो मौज में जीना जानते हैं, वो शिकायत नहीं करते.
_हमारे पास जो कुछ भी है, उसके लिए आभारी रहना, एक अलग ही स्तर का निर्माण करता है..!!
_ मैं उन्हीं के लिए हूं, जो जाने कदर मेरी..
_मौजूदगी की कदर किसी को *नही*
हम इतने भी बुरे नहीं हैं, जितना तुमने सोच रखा है.