मस्त विचार 3665
हमने भी यह समझ कर अंत कर दी उस बात को
_ कि वो भी दूसरी दुनिया के लोग हैं, आखिर हमारे साथ ही क्यों चले ?
_ कि वो भी दूसरी दुनिया के लोग हैं, आखिर हमारे साथ ही क्यों चले ?
_ कम से कम अपना होना का दिखावा तो नहीं करते.
_ ज़िद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं..
राहें नई भी खुलती हैं तूफानो के गुजरने के बाद..