मस्त विचार 2167

यूं तो सब के साथ हंस लेता था मैं.

आज क्यूं बेवजह रोने लगा हूँ मैं.

बरसों से हथेलियां खाली ही रहीं मेरी.

फिर आज क्यों लगा सब खोने लगा हूँ मैं.

मस्त विचार 2166

#जिंदगी बड़ी #अजीब सी हो गयी है.. जो #मुसाफिर थे…

वो #रास नहीं आये, जिन्हें #चाहा वो साथ नहीं आये !

मस्त विचार 2165

-उड़ जाएंगे एक दिन …,तस्वीर से रंगों की तरह !

हम वक्त की टहनी पर…, बेठे हैं परिंदों की तरह !!

मस्त विचार 2164

तुमको देखा तो ये खयाल आया

जिंदगी धूप, तुम घना साया

आज फिर दिल ने एक तमन्ना की

आज फिर दिल को हम ने समझाया

तुम चले जाओगे तो सोचेंगे

हमने क्या खोया हमने क्या पाया

हम जिसे गुनगुना नहीं सकते

वक़्त ने ऐसा गीत क्यों गाया.

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