मस्त विचार 3552
यह चादर सुख की मौला, सदा छोटी बनाता है.
_ सिरा कोई भी थामो, दूसरा खुद छूट जाता है.
_ सिरा कोई भी थामो, दूसरा खुद छूट जाता है.
_एक – दूसरे को गलत समझने की ओर ले जाती हैं.
_ लेकिन किसी दूसरे की नजर से देखो तो बहुत कुछ है..!!
हर आग से हो जा वाकिफ तू जलना सीख ले;
कोई रोक नहीं पायेगा बढ़ने से तुझे मंज़िल की तरफ;
हर मुश्किल का सामना करना तू सीख ले “