मस्त विचार 3328
तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों है…
कहीं अपनापन तो कहीं पीठ में खंजर क्यों है…
कहीं अपनापन तो कहीं पीठ में खंजर क्यों है…
_ हो सकता है आगे वाला आप को बदल के फिर खुद भी बदल जाए ..
_ पर लोग अक्सर इसे दुसरे जैसा बनने में नष्ट कर देते हैं !!
_आपका दृष्टिकोण यह निर्धारित करता है कि आप इसे कितनी अच्छी तरह से करते हैं.
ज़िंदा है तू, ज़िंदगी की नाक में दम कर दे.
_ सुना है ,,,, हर दवा नाकाम हो गई है ..
_ लेकिन संभव है कि किसी एक इंसान के लिए आप पूरा संसार हों ..