मस्त विचार 4131
मुझको तो “चैन” आने लगा “बेचैनियों” में….
तू बता तेरी ” तबियत ” कैसी है…
तू बता तेरी ” तबियत ” कैसी है…
और तू आज भी बेखबर है..कल की तरह !!
अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुँच जाती है…
खराबियों के जो कीड़े हैं सर में रहते हैं.
तब लोग आपको पागल घोषित कर देते हैं,,,,
सुबह बहुत रोया तेरे पैरों के निशां देखकर..