मस्त विचार 4072

मुझे दुख नहीं मैं किसी का नहीं हुआ,

_दुख है कि मैंने सारा समय हर एक का होने की कोशिश की.

*जीवन में आधे**”दुख” इस वजह**से आते हैं,*

*क्योंकि**हमने उनसे**”आशाएँ” रखीं *

*जिनसे हमें नहीं**रखनी चाहिए थी.*

आपको अपना दुख हर किसी को बताने से बचना चाहिए,

_ क्योंकि आपका दुख किसी के लिए मनोरंजन मात्र है.

मस्त विचार 4071

ए जिंदगी मुझे माफ करना रुसवा किया तुझे औरों के लिए…
माफ करना और माफी मांगना सभ्यता की निशानी है..!!

मस्त विचार 4070

शीशा तो टूट कर भी अपनी कशिश बता देता है,

_ दर्द तो उस पत्थर का है जो टूटने के काबिल भी नहीं..

टूटे शीशे से न पूछ सबब टूटने का,

_ अगर दम है तो पत्थर से सवाल कर..!!

पत्थर पहले खुद को पत्थर करता है,

_ तब जा कर कुछ कारीगर करता है.!!

मस्त विचार 4069

मुझसे इस बार मिलोगे तो समझ जाओगे…

_ कैसा होता है किसी का पत्थर होना …

‘पत्थर’- पत्थर होने से पहले मिट्टी था,

_ उसे पत्थर असीमित ताप और दाब ने बनाया है !!

_” यही नियम इंसानों पर भी लागू होता है !!”

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