मस्त विचार 4126
रात को उठ न सका, दरवाजे की दस्तक पे ;
सुबह बहुत रोया तेरे पैरों के निशां देखकर..
सुबह बहुत रोया तेरे पैरों के निशां देखकर..
_ आपको वास्तविक ख़ुशी का अहसास होगा..
जिसकी खुशियाँ ही दूसरों कि मर्जी पर निर्भर है.
वहाँ नफरत को कभी दिल में जगह नहीं देनी चाहिए”
जो होना होगा वो होकर रहेगा, इस फिक्र में तू कीमती हंसी को बर्बाद ना कर”
आप कहें वो ना समझे, यह दुःख है,
…और आपके कहे बिना वो समझा जाए, यही खुशी है !!”