मस्त विचार 4086

उम्र भर हम यूं ही गलतियां करते रहे …

_ धूल चेहरे पर थी ..और हम आईना साफ करते रहे..

आज टूट गया तो बच कर निकलते हो, कल आईना था तो रूककर देखते थे.!!
मुझे सबसे ज्यादा हंसी तब आती है जब मैं आईने को देखता हूं,

_ ये कैसी बेकार चीज है, मेरा तो कोई अस्तित्व ही नहीं है, फिर भी मैं खुद को देखता रहता हूं,
_ फिर मुझे याद आता है कि ये बेकार है लेकिन ये सच है,
_ मैं अस्तित्वहीन हूं और नकली,
_ अब मुझे एक ऐसे आईने की तलाश है जो चेहरा नहीं मुझे मेरी असलियत दिखाए…!

मस्त विचार 4085

इटों ने तों सोचा था…. मिलकर घर बनाएगें …

_क्या पता था ..रहनें कों पत्थर ही आएगें.

जो सोचा था वो हुआ नहीं, जो हो रहा है वो कभी सोचा नहीं था..!!

मस्त विचार 4083

आज फिर तुमने…..किसी और की ऐनक पहनी है….

_आज फिर तुमको…. मेरे ऐब दिखाई देंगे ..!!

हम औरों के ऐब देखते हैं पर अपने क्यूँ नहीं ?

We see others’ faults but why not ours ?

मस्त विचार 4081

लोगों की नज़र हमारी मेहनत पर नहीं, रिजल्ट पर टिकी होती है..
उन्होंने चश्मे बदल लिए, पर नज़र आज भी हम पर ही रखते हैं.!!
सबसे बेहतरीन नज़र वो है, जो अपनी कमियों को देख सके.!!
जहां नज़रों का देखा समझ न आए,

_ वहां नज़रिया बदलकर देखने की ज़रूरत होती है.!!

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