मस्त विचार 4014
लोगों ने मुझ में इतनी कमियां निकाल दी कि,
_ खूबियों के सिवाय अब मुझ में कुछ बचा ही नहीं..
प्रतिदिन स्वयं पर थोड़ा-थोड़ा करके काम करें..
..अपनी कमियां, अपनी खामियां दूर करते जाएँ,
_जब तक कि आपका असली स्वयं प्रकट न हो जाए.
_ खूबियों के सिवाय अब मुझ में कुछ बचा ही नहीं..
..अपनी कमियां, अपनी खामियां दूर करते जाएँ,
_जब तक कि आपका असली स्वयं प्रकट न हो जाए.
_ क्योंकि जब ये आते हैं तो कोई संग नहीं होता..
_ आज हम उनके लिए महज एक भीड़ हो गए..!!
_ अब तुम हंसते हुए पहुंचो या रोते हुए, ये तुम पर निर्भर करता है..
_ उससे बड़ा शुभ दिन और कौन सा हो सकता है, शुरुआत करें..