मस्त विचार 4222
जो भी कहना है अब खुद से ही कहना है,
दूसरों को कहने से बेहतर अब चुप रहना है.
दूसरों को कहने से बेहतर अब चुप रहना है.
घमण्ड है तो किस बात का, हम सब यहां किराएदार हैं…
जी भर के खुद को बरबाद किया हमने”
_ जान भी ले गए और जान से मारा भी नहीं.!!
तकदीर जब तमाचा मारती है, तो वो मुँह पर नहीं सीधा रूह पर लगता है…
रोज ये बात, भूल जाता हूँ.