मस्त विचार 4163
ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने,
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता.
कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता.
शाम आती है तो, ढ़ल जाने को जी चाहता है.
हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखे हैं.!!
दर्द लिखता हुँ किसी को देता तो नही..!
दूसरा कोई जिम्मेदार नहीं होता”
नाकाम देख कर हँसता है और कामयाब देखकर जलता है !