मस्त विचार 4145
पहले उलझते थे हर बात पर,,,अब खामोशी से हार मान लेते हैं;
कुछ हादसों ने हमें समझदार बना दिया…
कुछ हादसों ने हमें समझदार बना दिया…
ना वक्त दो इतना की गुरुर हो उन्हें..
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था.
_ कुछ चीजों के लिए काबिल बनना पड़ता है !
_ मैं किसी का बेहतर करूँ बहुत फ़र्क पड़ता है..
_ सबको बस एक फ़िक्र है, आप कितना उनकी हां में हाँ मिला पाते हो..!!
मैंने गलतिया आपसे ज्यादा कर-करके सिखा है..!!