मस्त विचार 4025

तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के बीच ;

_ आखिर चाँद भी तो तन्हा है इन सितारों के बीच..

अकेले रहने कि शिकायत क्यों करते हो, चाँद भी तो ऊपर अकेला ही रहता है !!
‘तू वो चाँद है’ जिसकी रोशनी बहुत है.. और मैं वो रात हूँ.. जिसमें अंधेरा बहुत है..!!
पूनम का चाँद कितना भी ख़ूबसूरत क्यों न हो, सूरज के बिना उसका कोई वजूद नहीं.!!

मस्त विचार 4023

मैं जीतने वालों से बेशक हार गया…

_ पर कोशिश न करने वालों से जीत गया..!

जो खेल __ खेल रहे हो आप _ क्या गँवाओगे क्या पाओगे ;

_ हम हार इस कदर जाएंगे कि आप जीत कर भी पछताओगे !!

मस्त विचार 4022

“तुम्हारे साथ खामोश भी रहूं तो बातें पूरी हो जाती है,

_ तुम में, तुम से, और तुम पर ही मेरी दुनिया पूरी हो जाती है !!

मस्त विचार 4021

बहोत दिनो बाद हँसी आई, _ कम्बख्त अपने ही हाल पर !!
जब हँसी असली न हो तो..

_हम हँसते हुए खाली डिब्बे की तरह बजते हैं..!!

जब मैं बहुत ज़्यादा, बेबात हँसने वाले लोगों को देखता था तो सोचती था कि उनमें ज़रूर पागलपन के कुछ तत्व हैं.

_ यह अहसास मुझे बहुत बाद में हुआ कि थोड़ा पागल होने में कोई बुराई नहीं है,

_ कभी-कभार बेबात भी हँस लेना चाहिए.

_ (वेरी स्ट्रेंज). धीरे-धीरे हँसने की आदत पड़ जाएगी तो आपकी हँसी चाहे ऊपरी हो, लोग आपसे खुश रहेंगे.

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