My Favourites – पगला – बावला – बावरा – मतवाला – मस्ताना – दीवाना – रंगीला – 2016 B

ढूंढो तुम जितना पर हम जैसा पाओगे नहीं,

बिछुड़ने के बाद भी भुला पाओगे नहीं,

माना कि हम में कुछ कमी सही,

पर खुदा ने हम जैसा किसी को बनाया भी नहीं..

खुद में ही खुदा बन चुके हैं हम खुद के लिए ;

_ अपने खुश मिजाज रहने का यही तो राज है ;_

_ हमें अच्छा समझो या बुरा … कोई बात नहीं ..

_ ये आप की नज़र का फलसफा है .!!

कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया,

_ मेरी तलाश का भी तो जरिया बदल गया,

_ ना शक्ल बदली ना बदला मेरा किरदार,

_ बस लोगों के देखने का नज़रिया बदल गया.

रोते रोते हम एक दिन हंसना सिख गये.

बार बार मर कर देखा तो जीना सिख गये.

ठोकर खाते रहे, चलते रहे फ़िर भी हम..

इसी तरह एक दिन हम संभलना सिख गये..

ज़िंदगी छोटी लगी और सपने बड़े बड़े..

तन से हारे नहीं, मन से लड़ना सिख गये..

दुख सुख गम ख़ुशी, सबसे एकाकार हुए..

गम को छुपाना और दर्द में मुस्कुराना सिख गये..

रोते रोते हम एक दिन हंसना सिख गये.

गम और खुशी में न फ़र्क महसूस हों जहां,

मैं अपने दिल को उस मकाम पर लाता चला गया,

जो ठोकरें खाई उसको मुकद्दर समझ लिया,

जो छोड़ गया, उसको भुलाता चला गया,

कुछ इसी तरह मैं अपनी बेरंग जिंदगी का साथ निभाता चला गया ..

जो समझते नहीं थे, उनको समझाना छोड़ दिया !

जो झगड़ते थे __हर वक़्त, उनसे बात करना छोड़ दिया !

जिनको शिकायत करने की आदत थी _हरदम, उनसे मनुहार करना छोड़ दिया !

जो कसते थे__ ताने हरदम, उन्हें नज़रअंदाज़ करना _ शुरू कर दिया !

अजी !!! _ मैंने तो बस खुद को _खुद में ही, मस्त रहना सीख लिया !!

हाँ अब मैं समझदार हो गया हूँ..

मैं बदल गया हूँ ऐसा लोग कहते हैं

मैं मानता हूँ कि अब जाके समझदार हुआ हूँ

अब छूटने वालों का इंतजार नही

अब किसी खास से कोई प्यार नहीं

अब न जाने वालों को रोकता हूँन आने वालों को टोकता हूँ

वक़्त से पहले घर आ जाता हूँ

कमरे को बस खुद के लिए सजाता हूँ

सारी रात किसी के लिए जागता नहीं

यूँ ही किसी के पीछे भागता नहीं”

हाँ अब मैं समझदार हो गया हूँ “

अब मैं समझदार हो गया हूँ.

_ मेरे चेहरे पर अब बच्चों-सी खिलखिलाहट नहीं.

_ आँखों में जल-बुझ जल-बुझ होते सपनों की जगमगाहट नहीं.

_ होठों पर गीत-ग़ज़ल नहीं, बातों में मनचले शगल नहीं.

_ मेरी चंचलता कहीं गायब हो गई.

_ दिल की चोटों ने मुझे बड़ा बना दिया.

_ अब गंभीर चेहरा लिए घूमता हूँ.

_ लापरवाह सा दिखता हूँ.

_ फ़ैशन का कोई शऊर नहीं.

_ शब्दों में कोई सवाल नहीं, मन में कोई बवाल नहीं..

_बड़ा जो हो गया हूँ..

_अब मज़े-मज़े से वो बहकने के दिन गए..

_ बिना वजह हँसता नहीं हूँ अब..

_ मुस्कुराने से पहले भी वजह तलाशता हूँ.

_ पहले की तरह बिना वजह कुछ भी नहीं करता.

_ मौसम तक को महसूस करने से डरता हूँ.

_ अब तक मैं नासमझी में रह रहा था.

_ इसीलिए बिन्दास हँसता था..

_ पछियों सा चहचहाता था..

_ बादलों-सा इठलाता था..

_ ढेर सारी बारिश की तरह जहाँ-तहाँ बरस जाता था.

_ अब मेरी इन्द्रियाँ शून्य हो गई हैं.

_ अहसास मर गए हैं, हँसना भूल गया हूँ.

_ कम बोलता हूँ, अकेले में ख़ामोशी को सुनता हूँ.

_ आँसू सूख गए हैं, भाव मर गए हैं.

_ अब मैं समझदार हो गया हूँ.

अब मै सचमुच बदल गया हूँ _ बहुत कुछ पीछे छोड़ आया हूँ मै

अब मुझमे वही पुराना ढूढ़ोगे _ तो कभी ढूढ़ ना सकोगे

क्योंकि हर वो चीज _ जो पीछे मेरे वजूद के लिए _ खतरा थीं,

उनको छोड़ने के लिए _ अपने भीतर नए को थामना था

ये सफर बहुत कठिन था

लेकिन पहले जो चुकाया था, _ वो बहुत महंगा था,

लेकिन अब जो है वो अनमोल है

मै बदल चुका हूँ

ना पहले जैसा प्रेम दे सकूँगा _ ना प्रेम हारने पर रो सकूँगा

पहले जीवन का अर्थ नही पता था _ लेकिन अब जीना सीख लिया है

पहले उगल देता था हर दुखों को_ अब गमों को पीना सीख लिया है

अब ना ढूंढ पाओगे मुझमें वो शख्स _ जो पहले मोम था वो पहले पिघल चुका है

अब वो लोहा हूँ जो अब ऊंची ताप पर पिघलकर _ नये रूप में ढल गया हूँ

हाँ अब मै सचमुच बदल गया हूँ..

कितना बदल गया है ना सब..

कभी गौर किया है ? इस ज़माने में रह कर .. मुस्कान हल्की हो गयी है !

दिल दर्द से भारी … मोहब्बत सस्ती हो गयी है !

तुम बेखबर हो इस बात से.. या तुम्हें भी सिर्फ अपनी खबर है ?

इस भीड़ से भरी दुनिया में … क्या तन्हाई ही तुम्हारा सफ़र है ?

इस कम्बख्त दुनिया में, लोग ढोंग रचा रहे हैं..

उनके आंसू उनके ही दिल की आग बुझा रहे हैं !

वक़्त की कदर कोई इनसे सीखे,, सुबह ऑफिस शाम को घर..

और रात थकी नींद में गुजार रहें हैं !

थोड़ा रुक भी जाओ, ” सोचो क्या यही ज़िन्दगी है ? “

क्यूँ जी रहे हो ऐसे, क्या कोई बेबसी है ?

जो बोझ खुद पर उठाया है तुमने .. उस बोझ में एक रोज़ खुद धंस जाओगे..

अर्जियां करोगे खुश रहने की .. लेकिन जिम्मेदारियों में फंसे रह जाओगे..

जिन्दगी से बस इतना सीखा है

जितना दुख मिले उतना मुसकुराते रहो

उतना खुद से लड़ते रहो, _जब भी दुख हावी हो

माना बहुत कठिन है, _ लेकिन संभव तो है न ?

तो उस सीमा तक क्यों नही जाते

खुद की शक्ति को क्यों नही आजमाते

कुछ ना करने से, _ कुछ करना बेहतर है

तो कुछ क्यों नही करते

रोना धोना छोड़ो, _ खुद को नवीन खोज से जोड़ो

ऐसी खोज जहाँ हो तुम्हारी रूचि, _

जहाँ तुम व्यस्त रहो तो, _ दुनिया का भान ना हो

फिर थक कर आराम कर लो

लेकिन जब भी जगो, _ तो रूको नही

किसी की खोखली यादों के लिए

किसी की प्यारी बातों के लिए

किसी के पुराने वादों के लिए

बस चलते रहो, _ दौड़ते रहो, _ खुद में सुधार करते रहो

क्योंकि वक्त तुम्हे उतना ही समय देगा

जितना सबको मिला है

पर जरूरी नही कि, _ उतना वक्त औरो के पास भी हो

फिर वक्त का मोल समझो, _ खुद में यूं ना उलझो

तुम स्वतंत्र करो खुद को

जैसे बचपन में ठहाके लगाकर, _ मस्त खेल खेलते थे

वैसे अब जिन्दगी के, _ खेल को भी खेलो

कभी गम छू ना सकेगा

लेकिन कुछ ना करने से, _ कुछ तो करना पड़ेगा

केवल सोचना ही नही है, _ अब तो लड़ना ही पड़ेगा !

जिन्दगी से बस इतना सीखा है..

किसलिऐ तूने मुझे खुदा, बहन भाई दिए।

ये रिश्ते जितने भी दिऐ तूने, मुझे सबके सब हरजाई दिए॥

किसलिऐ तूने मुझे खुदा, बहन भाई दिए।

ये रिश्ते ये नाते तो बस, दुख दर्द देने का ही सबब थे,

ये सभी रिश्ते मेरे लिए न, कभी अब हैं न कभी तब थे,

पङी जरूरत जब भी मुझे, ये रिश्ते ही न दिखाई दिए॥

ये रिश्ते जितने भी दिऐ तूने, मुझे सबके सब हरजाई दिए॥

किसलिऐ तूने मुझे खुदा, बहन भाई दिए।

कङवे बोल इन रिश्ताें के, दिल को जख्मी करते रहे,

और इन कङवे बोलों से जख्म, दिल पर मेरे उभरते रहे,

कभी न बोल यहाँ प्यार वाले, यारों मुझको सुनाई दिऐ॥

ये रिश्ते जितने भी दिऐ तूने, मुझे सबके सब हरजाई दिए॥

किसलिऐ तूने मुझे खुदा, बहन भाई दिए।

आग लगा कर जलाई है, इन्होंने यहाँ किस्मत मेरी,

उठाई है रख कर काँधों पर, हर अपने ने मैईयत मेरी,

ये रिश्ते जितने भी दिऐ तूने, मुझे सबके सब हरजाई दिए॥

किसलिऐ तूने मुझे खुदा, बहन भाई दिए।

हरजाई : जो वफादार न हो, – मैईयत : जनाजा

मुझ पर दर्द की बिजलियाँ टूटी, मजा अपनों को आया।

यहाँ हरेक अपने को खुद पर, हँसता हुआ ही मैने पाया॥

मुझ पर दर्द की बिजलियाँ टूटी, मजा अपनों को आया।

अपनो ने तो सदा तमन्ना, मुझसे दौलत पाने की ही की,

कोशिश खुशियों में मेरी सदा, सबने आग लगाने की ही की,

मेरी खुशियाँ तो क्या अपनों ने मेरा, तन मन भी जलाया॥

यहाँ हरेक अपने को खुद पर, हँसता हुआ ही मैने पाया॥

मुझ पर दर्द की बिजलियाँ टूटी, मजा अपनों को आया।

जो सुखों में साथ मेरे कभी सब, मिल जुल कर हँसा करते थे,

और बोल बोल कर मीठा मीठा, नाग बन कर डसा करते थे,

मुसीबत आई मुझ पर तो किसी ने, इस पर अफ़सोस तक न जताया॥

यहाँ हरेक अपने को खुद पर, हँसता हुआ ही मैने पाया॥

मुझ पर दर्द की बिजलियाँ टूटी, मजा अपनों को आया।

साथ पाने को जिन्दगी भर सबका, मैं तरसता ही रहा था,

मगर सैलाब तन्हाईयों का जिन्दगी पर, मेरी बरसता ही रहा था,

यहाँ हरेक अपने को खुद पर, हँसता हुआ ही मैने पाया॥

मुझ पर दर्द की बिजलियाँ टूटी, मजा अपनों को आया।

MAHESH KUMAR CHALIA.

दुनियाँ से मिलता हूँ मैं, पर अपना कहने वाला कोई नहीं है।

कितना कुछ बताने को है दिल में, सुनने वाला कोई नहीं है॥

लोग मिलते हैं मुझसे भी रोज, और रोज बिछङ जातें हैं,

तन्हा रह जाता हूँ मैं, पर साथ रहने वाला कोई नहीं है॥

कितना कुछ बताने को है दिल में, सुनने वाला कोई नहीं है॥

अपनों के ताने सहता हूँ हर पल, सह लूँगा गैरों के भी,

मगर दो बोल इस दुनियाँ में मेरे भी, सहने वाला कोई नहीं है॥

कितना कुछ बताने को है दिल में, सुनने वाला कोई नहीं है॥

मैं साथ छोङ दूँ किसी का अगर तो, तब बेवफा कहना मुझे,

अभी तो तन्हा हूँ और साथ मेरे, चलने वाला कोई नहीं है॥

कितना कुछ बताने को है दिल में, सुनने वाला कोई नहीं है॥

दरिया बन कर प्यार का मैं भी, बहता फिरूँ इस दुनियाँ में,

किस्मत की मार कैसी है साथ, बहने वाला कोई नहीं है॥

कितना कुछ बताने को है दिल में, सुनने वाला कोई नहीं है॥

दुनियाँ से मिलता हूँ मैं, पर अपना कहने वाला कोई नहीं है।

Lekhak MAHESH KUMAR CHALIA.

ये जो बार बार अपना, मैं मजाक उङवाता हूँ.

सबको ईज्जत देने की, मैं सजाऐं पाता हूँ॥

आप आप करके सबसे, मैं जो करता हूँ बातें,

दुख भरे कर दिए दिन, इसने कर दी गमगीन रातें,

अब देख कर इन रातों को मैं भी, डर सा जाता हूँ॥

सबको ईज्जत देने की, मैं सजाऐं पाता हूँ॥

ये जो बार बार अपना, मैं मजाक उङवाता हूँ।

बिठा कर सिर पर लोगों को, जो देता हूँ मान सम्मान,

बस तभी जाता है लोगों का मेरी, कमजोरियों पर ध्यान,

बता कर कमजोरियाँ लोगों को, सबसे ठोकरें खाता हूँ॥

सबको ईज्जत देने की, मैं सजाऐं पाता हूँ॥

ये जो बार बार अपना, मैं मजाक उङवाता हूँ।

Lekhak MAHESH KUMAR CHALIA.

मंजिले लाख कठिन आए, गुजर जाऊंगा

हौसला हार कर बैठा, तो मर जाऊंगा

चल रहे थे जो मेरे साथ, कहां है वो लोग

जो ये कहते थे, कि रस्ते में बिखर जाऊंगा.!!

दर्द देते हैं जख्म देते हैं, फिर उस पर नमक लगातें हैं।

ये जो मेरे अपने, अरे ये जो मेरे अपने, कहलातें हैं॥

एक बार दर्द देकर, दिल जिनका यहाँ भरा नहीं,

बार बार उठ कर मुझे वो, अब दर्द देने आतें हैं॥

जिन्हें फूलों से नवाजा है, हाथों में उनके पत्थर है,

ये पत्थर वो सारे न जाने क्यूँ, मुझ पर बरसातें हैं॥

लूटा जिन्होने मुझको यहाँ, मिठी मिठी बातें कर कर,

अब वो कङवे से जहर भरे, मुझे अल्फाज सुनातें है॥

मैने जिनका घर बसाने में, अपनी सारी दौलत लगा दी,

मेरी झौंपङी को करके नापसन्द, उसमें आग लगातें हैं॥

ये जो मेरे अपने, अरे ये जो मेरे अपने, कहलातें हैं॥

दर्द देते हैं जख्म देते हैं, फिर उस पर नमक लगातें हैं।

Lekhak MAHESH KUMAR CHALIA.

अब ये मुनासिब नहीं, मेरी यादों को दिल में सजाओ तुम।

मैं तो वक्त हूँ गुजरा हुआ, मुझे भूल जाओ तुम॥

अब ये मुनासिब नहीं, मेरी यादों को दिल में सजाओ तुम।

मुझे राहों में देखने के लिए, अब ठहरना कैसा,

चुप चाप मुझे न देखते हुए, अपने काम निकल जाओ तुम॥

मैं तो वक्त हूँ गुजरा हुआ, मुझे भूल जाओ तुम॥

अब ये मुनासिब नहीं, मेरी यादों को दिल में सजाओ तुम।

आज भी जहन में आपके, मेरी ये सोच कैसी,

कोई नया दोस्त ढूँढ कर, अब तो उसके साथ निभाओ तुम॥

मैं तो वक्त हूँ गुजरा हुआ, मुझे भूल जाओ तुम॥

अब ये मुनासिब नहीं, मेरी यादों को दिल में सजाओ तुम।

मैने दरवाजे बन्द कर लिए हैं, अब तो अपने घर के,

कहीं ऐसा न हो पहले कि तरह, मेरे घर आ जाओ तुम॥

मैं तो वक्त हूँ गुजरा हुआ, मुझे भूल जाओ तुम॥

अब ये मुनासिब नहीं, मेरी यादों को दिल में सजाओ तुम।

जो मेरे पैसे लूटे हैं तुमने, धोखा मुझको देकर यहाँ,

अब कुछ दिन तो उन पैसों से, चुपचाप बैठ कर खाओ तुम॥

मैं तो वक्त हूँ गुजरा हुआ, मुझे भूल जाओ तुम॥

अब ये मुनासिब नहीं, मेरी यादों को दिल में सजाओ तुम।

ये जख्म तुम्हारे ही दिए हुए हैं, मेरे दिल जहन शरीर पर,

अब लोक दिखावा करने के लिए, इन पर मरहम न लगाओ तुम॥

मैं तो वक्त हूँ गुजरा हुआ, मुझे भूल जाओ तुम॥

अब ये मुनासिब नहीं, मेरी यादों को दिल में सजाओ तुम।

Lekhak MAHESH KUMAR CHALIA.

आग लगाने वालों के कभी, बाग नहीं लगा करते.

_अपमान करने वालों को, सम्मान नहीं मिलता.

_ दूसरों को गिराने वाले कभी, ऊपर नहीं उठते.

_क्यों कि, दुनिया एक ऐसी घाटी है.

_यहां जैसी आवाज आप, अपने मुंह से निकालोगे.

_वही लौटकर आपके कानों में आएगी..!!

मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया.

_ हर फिक्र को धुँवे में उड़ाता चला गया.

_जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया,

_जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया.

_बर्बादियों का शोक मनाना फ़िजुल था.

_बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया.

_हर फिक्र को धुँवे में उड़ाता चला गया.

_मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया.

_गम और ख़ुशी में फ़र्क न महसूस हो जहाँ,

_मैं दिल को उस मुकाम पे लाता चला गया.

_मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया.

_हर फिक्र को धुँवे में उड़ाता चला गया..!!

मंजिल, दौड़ और सुस्ताना

बहुत दूर तक मशाल लेकर खुद ना दौड़ सकोगे तुम,

मंजिल तक पहुंचना है तो तलाश करना अपने जैसे लोग।

जो तुम्हारे सुस्ताने पर मशाल थाम सकें जिनके सुस्ताने पर तुम मशाल थाम सको,

मंजिल तक पहुंचने के लिए दौड़ने से ज्यादा जरूरी है सुस्ताना।

– विपुल

आज भी उन राहों पे, तेरे कदम ढूंढ़ते हैं हम.

_ जिन पलों में तू था, वे पल ढूंढ़ते हैं हम.

_ कारवां खुशी का, जाने कब गुजर गया.

_ रेत पर अब उस के, निशान ढूंढ़ते हैं हम.

_ दुनिया की भीड़ में, कहाँ खो गया है वो.

_ हर गली में, उनका मकान ढूंढ़ते हैं हम.

_ कर भी नहीं गया, वादा वो आने का.

_ फिर भी हर आहट में, उसे ढूंढ़ते हैं हम.

मैं अब प्रतिक्रिया [reaction] नहीं देता,

_ उस किसी भी चीज़ पर जो मुझे उद्वेलित [agitated] करती है,

_ जान गया हूँ कि कुछ बदलने वाला नहीं.

_अब नहीं जाता लोगों के झगड़ों के बीच.

_शांत रहता हूँ, खुद को चोट नहीं पहुँचाता.

_मैं अब जीना सीख गया हूँ.

_मैं अब मेहनत नहीं करता, लोगों को खुश करने में..

_ रोक लेता हूँ अपनी भावनाओ को,

_मैं अब ‘मैं’ में जीता हूँ.

_ जीवन को सरल करने के लिए मेरा, ‘मैं’ होना जरुरी लगने लगा है मुझे..

_ पर जीने की इस कोशिश में, क्या मैं सच में ज़िंदा हूँ ?

*तजुर्बे के मुताबिक़ खुद को ढाल लेता हूँ !*

*कोई प्यार जताए तो जेब संभाल लेता हूँ !!*

*वक़्त था साँप की परछाई डरा देती थी !*

*अब एक आध मैं आस्तीन में पाल लेता हूँ !!*

*मुझे फाँसने की कहीं साजिश तो नहीं !*

*हर मुस्कान ठीक से जाँच पड़ताल लेता हूँ !!*

*बहुत जला चुका उँगलियाँ मैं पराई आग में !*

*अब कोई झगड़े में बुलाए तो मैं टाल देता हूँ !!*

*_सहेज के रखा था दिल जब शीशे का था !*

*_पत्थर का हो चुका अब मजे से उछाल लेता हूँ !!*

मुसाफिर

धुल धुला कर निखर गया हूँ मैं, सज सजा कर संवर गया हूँ मैं,

_ तन को बाहर से बिना छुए, मन के भीतर उतर गया है तू,

_ आ के सारा अमृत पिलाया, पी के सारा जहर गया तू,

_धुल धुला कर निखर गया हूँ मैं, सज सजा कर संवर गया हूँ मैं..!!

“मेरे – अपने “

सब कुछ देखा, दुनिया देखी,

अपने देखे,

अपनों में अपनों के लिए,

अपनापन देखा,

अपनेपन में, अपनों द्वारा,

परायापन देखा,

अपनेपन में छुपी, पराई सीमा देखी,

ये नज़र, बड़ी कीमत चुका कर मिली,

अपनों को, अपनी आँखों ने,

ओझल कर दिया.

— जब बुरा वक्त आया तो उनकी असलियत खुली..

_ बड़े घटिया निकले वो जो दूर से अपने लगते थे..!!

_ ‘अपनों’ में जब ‘अपनापन’ ही ना हो तो किस काम के ‘अपने’ हैं.!!

तू _ज़िंदगी को जी, उसे समझने की कोशिश न कर.

_ सुन्दर सपनों के ताने-बाने बुन, उसमे उलझने की कोशिश न कर.

_ चलते वक़्त के साथ तू भी चल, उसमें सिमटने की कोशिश न कर.

_ अपने हाथों को फैला खुल कर साँस ले, अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर.

_ मन में चल रहे युद्ध को विराम दे,खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर.

_ कुछ बातें रब पर छोड़ दे, सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर.

_ जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सकून छिन गया वो पाने की कोशिश न कर.

_ रास्ते की सुंदरता का लुत्फ़ उठा, मंज़िल पर जल्दी पहुँचने की कोशिश न कर.!!

Krish

हमें सही आदमी से नफ़रत करनी ही पड़ेगी, दूर रहना ही पड़ेगा, कारण बनाने ही पड़ेंगे ; _ उसका जीवन यह बार-बार चीख-चीख कर याद दिला रहा है कि _ हमारा एक-एक पल झूठा है, और साथ ही आमंत्रित भी कर रहा है कि _ ” बदल सकता है सब “

_ कभी-कभी लोग यह उजागर करने की कोशिश करते हैं कि _आपके साथ क्या गलत है _ क्योंकि वे आपके बारे में जो कुछ भी सही है _ उसे संभाल नहीं सकते हैं.”

“जब आप असली होते हैं, तो स्वाभाविक रूप से आपके दुश्मन बन जाते हैं.” ऐसे लोग जो आपसे नफरत करेंगे,, क्योंकि आप वो कर रहे हैं.. जो आपको पसंद है,

_ क्योंकि आप सच बोलते हैं, क्योंकि आप उनकी भ्रमित धारणाओं और विचारों को स्वीकार नहीं करते.

_ आपको ठीक होने या बदलने की ज़रूरत नहीं है, आप टूटे हुए नहीं हैं.

_ सुनिए, चाहे वो आपको बेवकूफ, पागल, अजीब, मूर्ख, बचकाना, अपरिपक्व, या गैर-जिम्मेदार कहें — आप समस्या नहीं हैं..

_ सिर्फ इसलिए कि आपने असली और सच्चा बने रहने का चुनाव किया.

_ ये आपकी गलती नहीं है कि वो लोग सच को स्वीकार नहीं कर पाते.

_ ये आपकी गलती नहीं है कि वे डर, घबराहट और अज्ञानता में जी रहे हैं.

_ उनसे बहस मत करो, उनकी बातों को अपने दिल पर मत लो, उन्हें गंभीरता से मत लो.

_ अपनी नज़र मंज़िल पर रखो.!!

मुझसे चिढ़ने वाले मुझे बख्श दो..आप सब मुझसे हर प्रकार से बेहतर स्थिति में हैं, सो आप अपनी एनर्जी खुद पर लगाएं.., मुझे दिखाने, जलाने के लिए परेशान न हों..

_ क्योंकि जब मैं आपकी किसी भी चीज पर ध्यान नहीं देता तो आप पर क्या ही ध्यान दूंगा.

_ मेरा ध्यान बस खुद पर लगता है और मैं उसमें खुश हूं..आप भी खुश रहें यही दुआ है..!!

मैं क्या हूँ ये किसी को explain करने की क्या ही जरूरत है..स्वयँ को पता है इतना काफी है,

_ बाकी लोग अपने हिसाब से ही सोचेंगे.. जितनी उनकी बुद्धि और समझ होगी..!!

कुछ लोग आप से इसीलिए भी नाराज़ हैं..

_ क्योंकि आप उस तरह का कष्ट नहीं उठा रहे हैं.. जैसा उन्होंने सोचा था.!!

मैं अपने विचारों को स्पष्ट रखता हूँ, जिन्हें पसंद है अच्छी बात है

_ और जिन्हें नहीं पसंद है ..वो तो और भी अच्छी बात है..!!

मेरा शांत रहना ही आपके लिए बेहतर होगा,

_ इसलिए कोई ऐसा कार्य न करें जिससे मुझे ठेस पहुंचे !!

मन की डोर अगर अपने ही हाथ में हो तो.. ज़िंदगी को दिशा देना मुश्किल नहीं होता.!!
विश्वास करो, मैं वह सब कुछ जानता हूँ,

_ जो आप सोचते हो कि, मैं नहीं जानता !!

यही बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आई,

_ कम है लेकिन बहुत अच्छे से मेन्टेन रहता है.!!

सब ठीक है पर “मैं ठीक नहीं”,

_ सब मुझसे खुश हैं पर “मैं खुश नहीं”.!!

“मैं जीतना चाहता था _नहीं,, यह सही नहीं है.”

_ मैं बस हारना नहीं चाहता था..!!

हम पुराने जख्म क्यों कुरेदते हैं, जब बाहर आ चुके हैं ईन सब से तो..!!
मन उस हिसाब का समझदार हो गया कि इसको लगता है गलती किसी की नहीं है, सब वक़्त का खेल है.!!
जो व्यक्ति आपसे नफरत करता है वह आम तौर पर तीन कारणों से आपसे नफरत करता है.

वे या तो आपको एक खतरे के रूप में देखते हैं, वे खुद से नफरत करते हैं, या वे आप जैसा बनना चाहते हैं.

Someone who hates you normally hates you for 3 reasons. They either see you as a threat, they hate themselves, or they want to be you.

मुझसे मिलने में कोई आपत्ति नहीं है.. लेकिन मैं आंखों के पर्दे में छुपी चालाकियां पहचान जाता हूं.!

_ मैं मुंह पर कुछ कह नहीं पाता ये बात अलग है.. लेकिन किस्मत के कोहरे में भी मैं काली लकीरें पहचान जाता हूं.!!

मैं कसम नहीं खाता और सच बोलता हूँ,

_ जैसे – “मेरी यही बात सच है” आप मुझ पर भरोसा करें, तब भी.. बात यही है..

_ न करें, तब भी बात तो यही है.

_ ‘मुझे जो कहना था, कह दिया’

_ मुझ पर भरोसा करना, नहीं करना.. आप पर निर्भर है,

_ लेकिन, मैं कोई कसम नहीं खाता, कभी नहीं.!!

कुछ लोग हमेशा बेवकूफी पर उतारूं रहेंगे, _लेकिन उन्हें समझाने की बजाय खुद को समझा लेना, _क्योंकि यही आसान भी रहेगा और बेहतर भी…!
इस ऊलजुलूल दुनियां में अपने आप को बचा के रखिए,

_ खुद से बढ़कर कुछ नहीं, खूब ख्याल रखिए अपना..!!

मैं अब अपने बारे में किसी को कुछ नहीं बताता,

_ जिसे जो समझना है समझे, जिसे साथ रहना है रहे, जाना है जाए..

_ यहाँ ऐसे लोग है जो दूसरो को खुश नहीं देख सकते भावनाओ से खेलते है..!!

अपना राजदार किसी को भी ना बनाएं,

_ क्योंकि आज के समय में कोई ख़ास ही पीठ में छुरा भी भोंकता है..!!

_ आप अपने राज अपने तक रखना शुरू कर दोगे, जब आपको एहसास हो जाएगा कि इस दुनिया में आपको अपने दुश्मनों से ज़्यादा… अपनों से संभल कर रहने की जरूरत है.!!

मुझमें आए बदलाव के लिए मुझे दोष देने से पहले..

.. ख़ुद से ये सवाल ज़रूर कर लेना..

_ कि आप के किस रवैये ने मुझे बदलने पे मजबूर किया ?

इन लम्हों की यादें संभाल कर रखना,

_ मैं याद तो आऊँगा मगर लौट के नहीं.!!

रुक जाने की कोशिश करने के बाद उड़ गया मैं,

_ अब शायद कभी नहीं मिलूंगा.!!

सब्र करने पर आऊं तो मुड़ कर भी न देखूं,

_ आपने देखा कहां है अभी मेरा पत्थर होना.!!

मैं अच्छा हूं और हमेशा रहूँगा, मगर अच्छाई का अर्थ अब आत्मसम्मान पर चोट खाना नहीं होगा.!!
झांकती अब भी होंगी उनकी नज़र, मगर अब मैं उस गली से नहीं गुजरता.!!
जिसे अपनी कीमत पता है.._ वो समझौता नहीं करता..!!
रूठने वाले रूठते हैं तो रूठे रहें, मनाने का हुनर शायद भूल गया हूँ मैं अब.!!
बहुत से लोग मेरी लाइफ में ताक-झाँक करते हैं..

_ जबकि मैं इन लोगों में से किसी की लाइफ को नहीं ताकता हूं..!!

कुछ लोगों को लगता है.. मैं जब चाहे उनसे मिल सकता हूँ,

_ पर शायद हमारी अखिरी मुलाकात हो चुकी होती है.!!

मैं आपके सवाल का उत्तर नहीं दे रहा हूँ,

_ अर्थात आप मेरे जवाब के लायक नहीं हैं..!!

_ जवाब उनकी हरकतों में था, मैं उनकी बातों में ढूंढ़ता रह गया !!

अब शायद कभी लौट न पाऊं आपके पास,

_ किसी और ने ऊंची बोली लगा कर खरीद लिया है मुझे.!!

तमाशा होता है तो लोग खूब आते हैं देखने,

_ बात दर्द सुनने की थी ..हर शख़्स बहरा निकला..!!

उनसे कह दो ख़ुशी ज्यादा देर तक नहीं टिकती,

_मेरे दुखों पर बहुत मुस्कुरा रहे हैं कोई -कोई !!

मुझे समझने के लिए दिल की जरुरत है,

_ दिमाग लगा रहे हो तो दूर ही रहो !!

मेरी यादों से आप चले जाओ..

_ अब मुझे अच्छे लोगों की दरकार नहीं.!!

जा तो रहा हूं.. पर ये बात तुम्हें बताता चलूं..

_ जो भी हुआ… अच्छा नहीं हुआ.!!

उन्होंने कहा _ आपसे मिल कर अच्छा लगा.!

_ मैंने कहा _ कुछ दिन रुको.. बुरा भी लगेगा..!!

मैं तो बुरा था, बुरा हूँ, बुरा ही रहूँगा..!

_ आप अच्छे हो ये जान के अच्छा लगा..!!

सब कुछ बताने के वाबजूद भी, आप मुझे ना समझे…

_ तो मेरा गलत होना ही सही है..!!

मुझको तो खैर पहुंचना था.. जहां तक पहुंचा,

_ जो मुझे रोक रहा था.. वो कहाँ तक पहुंचा.!!

अब मेरे पास ज्यादा समय नहीं बचा है..

_ ‘अब मैं नए हादसों के लिए तैयार नहीं हूं.’

इतना सब कुछ खोने के बाद, अब कुछ भी खो जाए तो मुझे फर्क नहीं पड़ेगा शायद.!!
अब मैं जैसा हूँ वैसे ही ठीक हूँ,

_ और अब किसी चमत्कार वश सब ठीक हो भी जाये, तो भी चाहिए किसे.!!

मै संघर्ष के सफर में हूँ – जीत गया तो जीवन और हार गया तो सुखी हो जाऊंगा..

_क्योंकि सब कुछ जब खत्म हो जायेगा तो मोह भी खत्म हो ही जायेगा..!!

जब तक आप मुझे समझोगे..

_तब तक मै खुद को समझा चुका होऊंगा.!

अगर आपका दावा है कि आप सब जानते हो,

_ तो मेरे बारे में आप, बहुत कम जानते हो.!!

मेरी बातें जब सुने थे तो हंसे थे आप, लेकिन अगर समझ गए तो हिल जायेंगे आप..!
मैं हर किसी को अच्छा नहीं लगता, मुझे भी मेरी यह खूबी पसंद है.!!
आपको लगता है नसीब अच्छा है मेरा,

_ मगर आपको ये नहीं पता कि मेहनत जानलेवा थी.!

मुझे चालाकी नहीं पसंद..

_ आदमी को अपनी बात का मान रखना चाहिए.!!

खुद को घसीट कर वहां मत ले जाओ,

_ जहां तुम्हारी जरूरत ही नही है.!!

ख़ुद कितना भटका होगा वो एक शख़्स, जो सही राह बताता है औरों को.!!
कुछ लोग आप पर क्रोधित हैं क्योंकि आप उस तरह से कष्ट नहीं उठा रहे हैं जैसी उन्होंने आपसे अपेक्षा की थी.

Some people are mad at you because you aren’t suffering the way they expected you to.

दूसरों से सुनी-सुनाई बातों से किसी का मूल्यांकन न करें ; बुद्धिमान बनें, उन्हें स्वयं जानें, फिर अपनी राय बनाएं..!!
जब कोई विषैला व्यक्ति [ Toxic person ] आपको नियंत्रित नहीं कर सकता, तो वह यह नियंत्रित करने का प्रयास करेगा कि दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं.

यह अनुचित लग सकता है, लेकिन विश्वास रखें कि अन्य लोग भी अंततः सत्य देखेंगे, जैसे आपने देखा.

मैंने जीने का ढंग सीख लिया है, मन पर घाव तो बहुत हैं पर कोई भाव मुझे हंसाता या दुःखी नहीं करता,

_ मैं दृश्य देख व्यवहार कर लेता हूं, मैं हर स्तिथि में खुद को ढाल कर जी लेता हूं.!!

बुरे वक़्त में जो हाथ आपको सम्भालते हैं,

_ उन हाथों को छोड़ने वाले अपना बुरा वक़्त वापस बुला लेते हैं.!!

मैं लोगों को सबक सिखाने के लिए उनसे दूर नहीं होता, बल्कि मैं उनसे इसलिए दूर जाता हूं क्योंकि मैंने उनसे सबक सीख लिया है.!!
अपने आप को स्वयं पर और आपने जो प्रगति की है उस पर गर्व करने दें. _विशेषकर वह प्रगति जिसे कोई और नहीं देख सकता.

Allow yourself to be proud of yourself and all the progress you’ve made. Especially the progress no one else can see.

मेरी आत्मा [ दिल ] एक बजट पर है. _ मैं तनाव, ईर्ष्या, नकारात्मक भावनाएं, संदेह या धोखा बर्दाश्त नहीं कर सकता.

My soul is on a budget. I cannot afford stress, envy, negative vibes, doubt or deceit.

जो झुकने से इंकार करे.. उनके नाम से फिर झूठी अफवाह उड़ाई जाती है.!!
छोटी उड़ान पर फड़फड़ाना मेरा काम नहीं, मैं आसमान चीर कर शांत बैठा हूँ..
पड़ चुका है इतना फर्क कि अब फर्क नहीं पड़ता.!!
किसी के लिए मामूली रहा, कोई आज तक मुझे दुआओं में मांगता है.
भूला देता हूँ सारी बातें, इसका मतलब ये नहीं है कि दिल पर नहीं लगती !!
अब मुझे बहस करने के बजाय, दूरियां बनाना ज्यादा बेहतर लगता है.
दोबारा पलट कर नहीं आऊंगा, इतना गुरुर तो रखता हूँ.!!
मैं अब गुस्सा या नाराज़ नहीं हूँ उनसे, मैं अब उनसे दूर रहना चाहता हूँ.!!
आपकी साजिशों की तमन्ना के बावजूद भी मैं आगे बढ़ता रहता हूँ
नहीं बनना अब ख़ास किसी के लिए, इसी चक्कर में तो बिचारा हुआ हूँ.!!
नरम तो बहोत रह लिया हूँ, मुझे तो लगता है अब कठोर होने की ज़रूरत है.
सब गलत किया है मैंने…पर वो आपके सही से “ज्यादा सही” है.!!
हंस कर भुल जाता हूँ सब बातें, इसका मतलब यह नही कि दिल में दर्द नही होता.!
उन्हे लगता है नसीब अच्छा है मेरा, मगर उन्हें ये नहीं पता कि मेहनत जानलेवा थी..!
खुद किसी के साथ बुरा मत करना, खुद के साथ भी मत होने देना..!!
जिस दिन आपको फर्क पड़ना बंद हो जाएगा, उस दिन सबको फर्क पड़ेगा.
याद करोगे तो याद रहोगे, वरना मेरी भी यादाश्त कमजोर है !!
हारा हूँ मैं हमेशा अपनों से, गैरों से जीतने का हुनर मुझे आता है !!
मुझे नहीं पता मैं कैसे जीतूँगा, मगर मैं हारने वाला तो हूँ नहीं..
हार न मानी मैंने हवाओं से कभी, दीप बुझते रहे मैं जलाता रहा !!
उसी दिये ने जला दिया मेरा हाथ, जिसे मैं हवा से बचा रहा था..!!
मैंने छोड़ दिए वो लोग, जिन्हें जरुरत थी पर कद्र नहीं.!!
यक़ीनन देर से चमकूंगा, पर मेरी ख़ुद की रोशनी होगी.!!
किसी ने कहा, तुम बहुत अच्छे हो, _ मैंने कहा, यही तो खराबी है..!!
आप मुझे जानते हो, मैं आपको पहचानता हूँ.!!
मैं इतना ख़ास हूँ कि लोग अपना कीमती वक़्त निकाल कर मेरी बुराई करते हैं.!!
हर वो शख़्स जो मेरे लक्ष्य के लिए बाधक तत्व थे..मैं उनसे दूर हो गया.!!
उस जगह पर कभी वापस मत जाना.. जहां आपने अपनी मुस्कुराहट खो दी थी.
जब क़रीब था तब तो कोई तवज्जो न दी गई,

_ मैं दूर जा चुका तो पुकारा गया मुझे.!!

वक़्त की तरह बन जाओ, क़दर ना करने वालों को दोबारा ना मिलो.!!
बहते पानी की तरह रहोगे.. तो कचरा खुद किनारे हो जाएगा.!!
मुझे खोकर जानोगे, मुझ–सा हर जगह नहीं मिलता..!!
अपनी नज़र में लाज़वाब हूँ मैं, आपकी नजर की ऐसी-तैसी !!
खूबियाँ देखनी है ? तो नज़रिया बदल के आ..!!
वो मुझसे दूर हो गए, तो मेरे काई मसले हल हो गए !!
बोलने वाले को शायद ध्यान नहीं, चुप हूँ मैं बेजुबान नहीं.!!
निकल गया हूँ वहां से, कभी नहीं लौटने के लिए.!!
माना कि नियति है मुरझाना, तो अब खिलूँ भी न क्या ?
लोग रखते हैं अब नज़र मुझ पर, यारों अब तुम हिसाब रहने दो.!!
ज़िन्दगी जब ढलान से उतरे, मैं चाहता हूँ शान से उतरे !!
ख़ुद पर दिखा एक तंज.._ के मैं इतना बेवकूफ कैसे बन गया.!!
दूर जाना मंजूर है, _ पर आपके पास लौट कर आना मंजूर नहीं !!
मैंने नहीं सीखा मिन्नतें करना, जो खफा हुआ वो दफा हुआ.!!
वो खेल तबाही कर गया, जिसे आप खेल रहे थे..!!
नीयत कितनी भी साफ़ हो, इलज़ाम लग ही जाते हैं..!!
परखा बहुत गया मुझे, काश समझा भी गया होता.!!
चलो चल कर वहीं पर बैठते हैं, जहाँ पर सब बराबर बैठते हैं..!!
वक़्त लगता हैं खुद को बनाने में, इसलिए वक़्त बर्बाद न करो किसी को मनाने में !!
मैं वो समझदार हूँ, ‘जिसे पता है’ किसने मुझे कितना बेवकूफ बनाया है..!!
जब मैं दुखों से निकल जाऊंगा, तब मेरा पहला काम आपको पहचानने से इनकार करना होगा.!!
जो सुनता हूँ उस पर यकीन करना तो छोड़ो..

_ अब तो जो देख रहा हूँ, उस पर भी यकीन नही होता.!!

वो मुझे नज़रअंदाज़ कर रहें हैं,

_ एक दिन मैं उन्हें बताऊंगा कि अफ़सोस कैसे करते हैं..!!

उन्हें बुरा लगता है तो लगने दो, मुझे भी तो लगा था !!

_ ये बेइज्जती बड़ी इज्जत से लौटाएंगे उनको !!

मुझको चुप रहने की आदत है..

_ वरना जानता हूँ मैं.. कौन है कितने पानी मे.!

वो लोग चुप हो गए, जो बोल सकते थे और बोलना जानते थे.!!
जुदा होने का फैसला आसान नहीं था, कौन कहता है दिल परेशान नहीं था..

_ खामोशी के पीछे छुपे थे आंसू, कौन कहता है दर्द का नामोनिशान नहीं था..!!

कौन क्यों गया ये जरुरी नहीं,

_सिखा कर क्या गया ये जरुरी है.!!

जिन बातों पर पहले मुझे गुस्सा आता था ..

_ अब उन पर भी मैं शांत रहना सीख गया हूँ.!!

आप कुछ भी कर लो, लोग बातें बनायेंगे ही..

_ इसलिए करो.. वही जो.. आपके मन को सही लगे.!!

ठहर कर सोचना-समझना मुझको,

_ मैं शायद समझ आ जाऊंगा..!!

माना आपकी पसंद की बात नहीं करता मैं,

_ तो क्या मुझे अपने ढंग से जीने का हक भी नहीं ?

साबित किया नहीं खुद को, समझा गलत तो रहने दिया..

_ भला बुरा जो अच्छा लगा कहते गए वो, कहने दिया.!!

नजर ना आऊं इतना भी दूर ना करो मुझे,

_ बदल ना जाऊं इतना भी मजबूर ना करो मुझे..!

ज़िन्दगी के उस मुकाम पर हूँ.. जहाँ रिश्तों का टूट जाना ज्यादा आसान लगता है अपेक्षा उन्हें निभाने के…!
बोलने वाले तुझे शायद ध्यान नहीं, चुप हूँ मैं बेजुबान नहीं !!

_ उन्हें तो भनक भी नहीं कि उनकी दी हुई तकलीफ से आज भी दर्द मिल रहा है…!

अच्छा बन कर देख लिया, बहुत कीमत अदा करनी पड़ती है.

_ एक ऐसा समय भी आता है जब अपनी ही अच्छाई पर पछतावा होने लगता है.!!

मैं कोई भी काम सही और सिस्टेमैटिक ढंग से करना चाहता हूं..

_ और आप चुन-चुनकर बुराइयां ढूंढ़ते हैं..!!

छोटी सी बात पर ताल्लुकात बिगड़ जाते हैं;

_ मुद्दा होता है “सही क्या है“ और लोग “सही कौन है“ पर उलझ जाते हैं.!

ढूंढ लूंगा अंधेरों में मंजिल अपनी..

_ जुगनू कभी अंधेरों के मोहताज नहीं होते..!!

कई बार जिनकी हम हिफ़ाज़त कर रहे होते हैं,

_ वही हमें बर्बाद करने की तैयारी में होता है.!!

आपने उसे ही अपने से दूर कर दिया,

_ वही तो आपको बचाने वाला था..!!

जिन लोगों ने ठुकराया, भला उसे क्यों याद करें.!

_ देखो बुला रहे कुछ नए रास्ते, आओ मिल के उधर चलें.!!

बात तो सही है आपकी बराबरी का नहीं हूँ मैं,

_ आप तक पहुँचने में मुझे गिरना बहुत है..

उलझनें मैंने कई झुक कर भी सुलझाई हैं,

_ लोग सारे तो कद के बराबर नहीं होते..!!

ये अलग बात है कि मैं परेशान नहीं था.!

_ मगर नया रास्ता उतना भी आसान नहीं था.!!

आप दो कदम चले तो लड़खड़ा गए,

_ ऐसे इम्तिहानों से तो मैं सौ-सौ बार गुजरा हूं.!!

‘कोई चाहता है मेरी बर्बादी.’

_ चलो इसी बहाने कोई तो मुझे याद करता है.!!

हाल-चाल नहीं पूछते, पर खबर रखते हैं,

_मैंने सुना है कि वे मुझ पर नज़र रखते हैं.!!

मैं नहीं करता दरिया की खुशामदें,

_ मुझे प्यासा रहने के बड़े तजुर्बे हैँ !!

ये तो नर्म मिजाजी है जो फूल कुछ नहीं कहते,

_ वरना कभी दिखाइये काँटों को मसल कर..

खुद को थोड़ा बदल लिया हूँ, गिर रहा था अब संभल रहा हूँ..!!

_मैं कोई रास्ता ढूंढूंगा या बनाऊंगा..!!

मैं बस इतना ही जानता हूं, मैं उस तरह नहीं चलता..

_जिस तरह बाकी सब चलते हैं..!!

जो राहें मेरे दिल को रास नहीं आती ठुकरा देता हूं..

_ हालांकि उन राहों में चलने का फायदा बहुत है..!!

माना मेरी समझ कम है, पर सब समझ आता है..!!

_ लोगों का दिया अच्छा भी और बुरा भी !!

जो खो जाए, उसे आप ढूँढ सकते हैं, पा भी सकते हैं,

_ लेकिन जिसके मन से आप खो जाएँ, उसे कभी नहीं पा सकते..!!

अच्छे दिनों में लोग साथ देने आएंगे,

_ मुझे बताओ बुरे दिनों की क्या तैयारी है ?

अपने वजूद पर फख्र है मुझे…

_ कौन क्या सोचता है मलाल नहीं !!

ये दूरियां मिट नहीं सकतीं,

_अब मुझे भी अजनबियों में गिन लो..!!

सब्र जितना करना था कर लिया मैंने,

_अब आप ना मिलो “वही बेहतर है” !!

दूरियाँ अब ये मिट नहीं सकतीं,

_ अब मुझे परायों में शुमार कर लो !!

अपना कहते रहे जिसको, ख़त्म सब किया उन्होंने ही !

_ अब सावधान रहना, ये मिलेंगे भी तो बिछड़ने को ही !!

वो जो अपने हक़ में इतनी सफ़ाई देते हैं,

_ वो नहीं जानते कि मुझे सब दिखाई देता है..!!

ख़ुद की ज़िन्दगी पर भी हँसी आती है..

_ बेवजह किनकी बातों में फँस रहा हूँ मैं..!!

सबकी परेशानियां सुनता हूँ,

_ अपनी बताने का मन नहीं करता.!!

जंगली जड़ी बूटी सा हूँ मैं,

_ किसी को जहर किसी को दवा लगता हूँ मैं.!!

ज़िंदगी पूछती है और कुछ चाहिए..

_मैं कहता हूं.. जो था वो ही लौटा दे.!!

मेरी फितरत में नहीं है गलत को सही कहना,

_ आप को ना हो पसंद तो मुझसे दूर ही रहना..!!

उन्हें लगता है कि मैं उनका राज नहीं जानता,

_ और एक मैं हूँ कि जो उनके सम्मान के लिए चुप हूँ.!!

इक तुम हो कि शोहरत की चाहत कभी मिटती नहीं,

_ इक मैं हूँ कि हर शोर से उकताया हुआ हूँ..!!

ये सोच कर मैंने अपने होंठ सी लिए,,

_ क्यूं हर किसी के लिए अनमोल शब्द बर्बाद करें..!

सबने ही छेड़ा तराना ज़िंदगानी का..

_ लेकिन मेरी कहानी का रंग सबसे अलग था.

लोग ऐसा निराशाजनक व्यवहार क्यों करते हैं यार ?

_ इससे ज्यादा निराशा की बात यह है कि.. मैं उन्हें अनुमति क्यों देता हूं ?

मैं विनम्र और एक जैसा ही रहता हूँ,

_ क्योंकि मैंने बहुत से लोगों को वही बनते देखा है.. जिस पर वे हँसते हैं.

मुनासिब फासला रखिए, मेरा ये तजुर्बा है,

_ बहुत नजदीकियों में भी, घुटन महसूस होती है.!!

और अंत में हंस कर छोड़ दूंगा सब,

_ जिसे पाने के लिए न जाने क्या-क्या किया था !!

मुझे नहीं मालूम मैं कितने दिन हूं धरती पर..

_ पर आप लोगों लिए प्रकाश कर जाऊंगा..!!

जहाँ तक मुमकिन था कहानी सुनाई गई,

_जब गला भर आया तो कलम उठाई गई !!

कुछ लोग मेरी बातों से सीते हैं अपने ज़ख्म..

_ कुछ लोगों को चुभता हूँ मैं एक तीर की तरह.!!

बदला नहीं हूँ मैं.. हाँ बस उन लोगों के लिए मौजूद रहना छोड़ दिया है..

_जो मुझे बुरा महसूस करवाते थे..!!

एक हद तक ही सहा जा सकता है,

_उसके बाद तो स्वाहा करना ही पड़ता है.!!

खुद से बन रहा हूँ, इसलिए वक़्त लग रहा है ;

_ मुझे ज़िन्दगी बनी बनाई नहीं मिली !!

गिरते-पड़ते अपनी मंजिल पा लूंगा;

_ अफ़सोस उन्हें होगा जो रास्ते में साथ छोड़ गए..!!

“रहा बरसों उदास तो किसी ने हाल तक नहीं पूछा,

_ सिर्फ एक दिन मुस्कुराने का फैसला किया, तो लोग वजह पूछने लगे.!!”

जो लोग आपको नापसंद करते हैं,

_ वह भी आप पर नज़र रखते हैं.!!

आपको भी जब अपने वादे याद नहीं, तो हम भी आपको भूल गए ..!!
मुझे तो बहुत अच्छा लगता है, जब मैं किसी को अच्छा नहीं लगता.!!
जिद भी बदल जाया करती है, कल जिसे पाने कि जिद थी “आज भूल जाने की है”

— “जिंदगी चल तो रही है, पर उसमें चल क्या रहा है….. वो जिंदगी ही जाने..”

जिस ख़ास के लिए आप ख़ास नहीं, उसे आम कीजिए और किस्सा तमाम कीजिए..!!
कभी-कभी शब्द नहीं होते तकलीफ़ बताने को,

_ बस दिल करता है कोई समझ ले, कोई संभाल ले..!!

मेरे बस में नही किसी की चापलूसी करना..

_ शौक से रूठे रहो आप, मनाने का हुनर अब भूल चुका हूँ मैं..

थोडा महंगा पड़ा औरों के लिए जिंदगी जीना..

_उम्र खर्च भी हुई और कुछ हाथ भी नहीं लगा…!!

मैं किसी को एक ही बार परखता हूँ,

फिर ताल्लुक तो रखता हूँ लेकिन दिल में नहीं !!

क्यूं करें शिकवा की कोई शिकायत है आपसे,

_ अब जब मेरे हिस्से में यही आया, तो ये भी सही !!

नाराज रहूँ तो लहजे में कड़वाहट जरूर मिलेगी,

_ पर दिल में भी कड़वाहट हो, ये गलतफहमी होगी आपकी..!!

सुकून देता है आपका खैरियत से दिखना !

_ क्या फर्क पड़ता है अब आप हमारे हैं या नहीं !!

जब मेरे बुरे वक़्त में मेरी कदर नहीं जिन्हें,

_ तो मुझे मेरे अच्छे वक़्त में ..उनका दिया सम्मान और साथ नहीं चाहिए..!!

जिन लोगों ने उस वक़्त मेरे साथ बुरा सुलूक किया, जब मेरे हालात खराब थे..

_अब उनको ये पूछने का बिलकुल हक़ नहीं कि “मैं अब कैसा हूँ”

उनके सारे तंज़, ताने समझ आते हैं मुझे,

_ लेकिन अब जवाब में बस मुस्कुरा देता हूं.

मेरे अपने मुझे मिट्टी में मिलाने आए हैं,

अभी कहीं जा कर मेरे होश ठिकाने आए हैं !!

अब नहीं किसी के लौटने का इंतज़ार,

_ जो मेरे हैं, मेरे साथ हैं, जो नहीं वो आजाद हैं !!

माफ़ी मूफ़ी वाला ज़माना गया,

_ अगर आप मेरा दिल दुखाते हो तो.. “बस निकलो फिर”

चलते-चलते रुक जाऊंगा एक दिन..

_ सबको समझा- समझा कर.. मैं भी थक जाऊंगा एक दिन..

मैंने गहराई वाली सोच पसंद की,

_कोई उतरा ही नहीं मेरी सोच तक..

कहते हैं वो मुझे __तुम कितने अच्छे हो !

_जबकि उनके खुद अच्छे होने पे सवाल बहुत हैं.!!

मंज़िलें लाख कठिन आएँ गुज़र जाऊँगा…

_ हौसला हार के बैठूँगा तो मर जाऊँगा..!

ज़िन्दगी में भी लगा रहता है आंधी-तूफान आना जाना,

_ पत्तों के झड़ जाने से पेड़ नहीं सूखा करते !!

जाने किस चमन की शाख़ सूनी हो गई होगी..

_ बस यही सोच कर मैं फूल तोहफ़े में नही लेता.!!

अब इतना समय शेष नहीं रहा की सब कुछ सुधार सकूं..!

_ बस उस बिगड़े हुए को ठीक करने में ही हर दिन थोड़ा-थोड़ा खत्म हो रहा है.!!

मैं अब हिस्सा नहीं हूँ उनका, फ़िर भी बेवजह का हक़ रखते हैं.!!
मुझे देखना है तो ठहर जाना, मैं नजारों से कहीं आगे का नजारा हूँ !!
भीड़ इतनी तो न थी, मुझे खोने वाले तूने कुछ देर तो ढूँढा होता ..
पता नहीं क्या बदला, पर अब कुछ भी पहले जैसा नहीं है..!!
जो बातें पी गया था मै, वो बातें खा गई मुझको..!!
जिन्होंने मुझे कभी जाना ही नहीं, उन्हें मैं हमेशा गलत ही नज़र आता हूँ !!
मैं तो जिद्दी था ना, उन्होंने कहा “जाओ” और मैं मान गया !!
हारूंगा नहीं यकीन मानिए, यूँ मिटता होता तो कब का मिट गया होता !!
उलझनें मैंने कई झुक के भी सुलझाई हैं,

_ लोग सारे तो नहीं कद के बराबर होते..!!

जहाँ तक संभव था वो मैंने कर दिया,

_ अब इससे आगे आपके नसीब.!!

मौन रहने का हुनर मुझे हादसों ने बख्शा है,

_ फ़ितरतन कोई इतना चुप नहीं रहता.!!

चर्चाओं में रहने का कोई शौक नहीं मुझे,

_ अगर मेरी हर बात की चर्चा है तो मैं क्या करूँ..!!

रिश्तेदारी में जलन और ईर्ष्या स्वतः आ जाती है..

_ इसलिए मै बहुत भागता हूँ रिश्ते जोड़ने में..!!

अच्छे दिनों में लोग साथ देने आएंगे,

_ मुझे बताओ बुरे दिनों की क्या तैयारी है ?

कौन आएगा भला मेरा हाल पूछने के लिए,

_बस इसी खौफ़ से बीमार नहीं होता हूँ.

” हम कितना कम पाने को, कितना ज्यादा खोते है …

_ ये हमें मालूम होता है, काफी देर के बाद..”

‘ज़िंदगी’ इसी का तो नाम है..

_हल्की सी जिंदगी, भारी सा बोझ.. _पैदा हुए थे एक बार, मर रहे हैँ रोज रोज.!!

चाहता हूँ ख़ुद का दर्द बताना,

_ फिर देख कर अपनों का चेहरा, भूल जाता हूँ सब कुछ !!

जवाब बहुत हैं मेरे पास, मगर गुजरे हुए किस्सों की ख़ामोशी ही बेहतर है.
अच्छा नहीं हूँ मैं, ..मैं ये मानता हूँ ; लेकिन मैं आपको भी जानता हूँ !!
सबको संभालने वालों को, संभालने वाले कम होते हैं.!!
मैंने सहा ज्यादा है, _किसी को भी कम बताया है..!!
ख़ामोशी को चुना है मैंने, क्योंकि बहुत कुछ सुना है मैंने..
मुझे दो मेरे दिन का हिसाब,, फिर मेरी जिंदगी में कुछ और ढूंढो !!
जवाब उनकी हरकतों में था.. और मैं बातों में ढूंढता रह गया ..!!
थोड़ी सी खुद्दारी भी लाजमी थी, उन्होंने हाथ छुड़ाया मैंने छोड़ दिया..!!

_मैं नहीं करता किसीकी जी हुजूरी, थोड़ी सी खुद्दारी भी लाजमी है..!!

मैं बद्दुआ नहीं देता, मगर मेरी आह से डरना चाहिए.!
मेरे दिमाग में यह बात बैठ गई है कि ज्यादातर लोग टॉक्सिक हो गए हैं ;

_ इंसानियत के बारे में सोचने वालों को भी एक दिन ये निगल जाएंगे.

जिन पर थोड़ा सा भी आसान हुआ हूँ,

_ वही बता सकते हैं कि मैं कितना आसान ही था.

रूबरू मिलोगे मुझसे तो कायल हो जाओगे,

_ दूर से तो मैं जरा मगरूर सा लगता हूँ !!

कितना कुछ बोल दिया आज तक मैंने,

_अब कुछ दिनों तक चुप रहना चाहिए.!!

जिंदगी में बहुत कुछ खोया, तब जा कर खुद से मुलाकात हुई..!!
मेरे जैसे हजारों मिलेंगे, मगर उन हज़ारों में मैं नहीं मिलूंगा !!
मैंने गहराई पसंद की, कोई उतरा ही नहीं मेरी सोच तक..
मुझे कोई न पहचान पाया करीब से,

_कुछ अंधे थे कुछ अंधेरे में थे.

दुःख इस बात का है कि मेरे खरेपन का,

_झूठे लोगों ने इम्तेहान लिया..!!

कुछ अपने ही मेरी खुशियों का हिसाब रखते हैं,

जो देख सुकून को “मेरे” मेरे बदल जाने का क़सूर बताते हैं !!

आदमी जरूर हूं पर अब और सहने की सामर्थ्य नहीं है..

_ भीगी आँखों से सब सहते-सहते अब गला भर्रा जाता है..

अगर मैं बोलना छोड़ कर, बस सुनने लग जाऊं ;

_ तो समझ लेना ..खो दिया आपने मुझे..!!

ज़िन्दगी में इस कद्र दुख मिला मुझे,

_ मैं हंस ही नहीं पाया ..जब सुख मिला मुझे..!!

सोचने दो जो सोचना है उनको,

_ है अगर दिल सच्चा तो खुद पर नाज़ कर..

गलती पर तो सौ बार झुकेगा ये सर,

_ बेक़सूरी पर तो आँखें भी नीचे न होंगी..!!

मैं इतना भी नहीं भटका कि लौट न सकूं..!

_ जिद तो यही है कि नई राह बनाई जाए..!!

कुछ बातें हो जाती हैं, उनको प्लान नहीं करना पड़ता.

_ और जो हो जाती हैं, वही याद रहती हैं..!!

यदि आप किसी को कुछ देने वाले हैँ, तो पहले अपनी सीमाओं को समझना याद रखें ;

_ क्योंकि लेने वालों की कोई सीमा नहीं होती !!

ऊंचाईयों की असलियत मैंने भी देखी है,

_ मैं तो यही कहूंगा कि जमीन पर ही रहना समझदारी है..!!

मैं किसी से कोई अपेक्षा नहीं रखता..

_ न ही लोगों को मुझसे कोई अपेक्षा रखने को कहता हूँ..!!

मैं अफ़सोस क्यों करूँ कि कोई मुझे ना मिला,

_ अफ़सोस तो वो करें जिन्हें मैं ना मिला !!

उनकी कोशिश है कि चरागों को बुझा दे मेरे,

_ मेरी हसरत है कि उनके घर में उजाला जाए !!

आप मुझे जैसा देखो वो नज़र आपकी है..!

_ आप मुझे जैसा समझो वो सोच आपकी है..!!

बात कायदे की होगी तभी हांमीं भरेंगे,

_ जी हुजूरी करवानी है तो कोई और ढूंढ लो !!

मिला है नेकियों का फल मुझे भी, उसे चखा भी है और वह कड़वा बहुत है.
मैंने समेटा है दर्द इतना-इतना, तुम एक मुझे ही संभाल न पाए.
हाथों में वक़्त लिए मुझे ढूँढते फिरोगे, पर तब मैं वहाँ नहीं होऊँगा.
“बदला नहीं हूँ” बस अब शांत और अकेले रहना अच्छा लगता है.
नफ़रत पसंद है मुझे, लेकिन दिखावे का अपनापन नहीं.!!
किससे क्या सीखना, कैसे सीखना और कितना सीखना, यह अभी मैं सीख रहा हूँ..!!
एक संतुष्टि है कि मेरे बिना भी दुनिया में सब कुछ हो सकता है_

_ और एक अजीब सी कसक भी है कि मेरे बिना भी सब कुछ हो सकता है..

अपनी अनुपयोगिता का भान होते रहना भी इंसान के लिए बहुत ज़रूरी होता है..

मुझसे झूठ बोलने से पहले अच्छे से सोच लेना,

_ क्योंकि मैं अक्सर वही सवाल करता हूँ, जिसका जवाब मुझे पहले से पता होता है.!!

जो लोग चालाक है ..वो चालाक ही बने रहें.

-“मेरी सादगी, मेरी सच्चाई,” _ उन बनावटी चालाक लोगों से बहुत सुंदर है,

_ जिसमें दर्द, पीड़ा, तकलीफ़, अपमान ही सही है..

_ यह भी सुख के बाद के ही रूप हैं ..!!

जलने वालों कि दुआओं से ही सारी बरकत है,

_बाकि कोई तो याद भी नहीं करता..!!

लोगों से हमदर्दी की उम्मीद मत करना,

_ लोग घाव पर निशाना लगाकर पत्थर मारते हैं..!!

इंसान को उसकी ज़िंदगी कभी नहीं रुलाती है,

_ रुलाते तो उसे वो लोग हैं.. जिन्हें वो अपनी ज़िंदगी समझ बैठता है.!!

मैंने कभी जाते हुए को रोका नही, मैंने चुप रहकर उन्हें जाने दिया,

_ कभी-कभी मैं सोचता हूँ.. जब वो मेरी आँखों में रोके जाने का अनुरोध नहीं देख पाए, तो उनका चले जाना ही सही था.!!

मुझे वो लोग बुरा कहते हैं, जिनका बुरा मैंने आज तक सोचा ही नहीं !!
मेरे पास शब्द बहुत कम हैं, महँगी चीज़ है ज्यादा खर्च नहीं करता..!!
आपका इस्तेमाल करने वाले आपकी कीमत अच्छे से जानते ही हैं ;

_ वो तो बस ये चाहते हैं कि आप खुद की कीमत जान ना जाओ.!!

जितने के लोग लायक हैं मैं उन्हें उससे भी ज़्यादा देता हूँ.. लेकिन जब मैं किसी रिश्ते से पीछे हटता हूँ..

_ फिर ज़िंदगी में दोबारा कभी उसके बारे में नहीं सोचता हूँ.!!

आजमा लिया तुझे उम्मीद की बात मत कर, सब खत्म करके अब शुरुआत मत कर.

_ बहुत मुश्किल से संभाला है खुद को, तू फिर लौट कर सब बर्बाद मत कर..!!

ऐसे किसी की ज़रूरत ही क्या है, जिससे यह डर लगे कि इसने पीठ पीछे छुरा छुपा रखा है.

_ जिस पर विश्वास न हो, वहाँ सिर्फ वक़्त-कटी के लिए बोलना वक़्त की बर्बादी है.

_यह दोहरी नैतिकता वालों का काम है.

मेरे ये ज़ख्म आपके ही दिए हुए हैं, इन पर मरहम न लगाओ.

_ मैं तो वक्त हूँ गुजरा हुआ, भूल जाओ..

_ अब ये मुनासिब नहीं, आप मुझे याद करो.!!

जब लोग मेरी कमियाँ गिनाने में व्यस्त होते हैं तब..

_ मैं ये समझ जाता हूँ कि मैंने उन्हें सोचने लायक कुछ तो दिया है.

आज मैंने महसूस किया कि काफी बार ऐसा हुआ कि.. मै वहां भी समझदार बना रहा.. जहां जरूरी नही था,

_ कई बार मेरी समझदारी ने मेरा काम भी बिगाड़ा है.!!

जो दूर हो गए उनका ख्याल नहीं रहना चाहिए, बाकी मन में कोई सवाल नहीं रहना चाहिए,

_ लिया जो ये फैसला वो करतूत थी अपनों की, अब अपने फैसले का पछतावा नहीं करना चाहिए.!!

आप किसी से स्नेह रखते हो प्रेम करते हो, पर उसकी आदतें बुरी लगती हो, उसकी हरकतों पर गुस्सा आता हो, उससे बात नहीं करना चाहते हैं तो दो पल रुक कर बस ये सोच लीजिए कि.. कल को अगर ये शख़्स इस दुनिया मे न रहे तो आपकी जिंदगी कैसी होगी, _ यक़ीन मानिए आपकी सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी…!
मैं ऐसे लोगों से मिलने जा रहा हूँ.. जो बहुत अधिक बात करते हैं – लेकिन मैं हैरान या परेशान नहीं होऊंगा,

_ क्योंकि मैं ऐसे लोगों के बिना दुनिया की कल्पना नहीं कर सकता.!!

जीवन के कुछ ऐसे अनकहे किस्से होते हैं जिन्हे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.

_ हर एक के होते होंगे, ..बस कोई उसे कहानी बना देते हैं.

_ जीवन में बहुत कुछ… बस हो न सका … अकेलपन आंखों में नमी उदासी… बावजूद इसके जीना है…

_ मेरी नजर ढूंढती रहती है उसको, उस जगह को, उस माहौल को…

_ मुझे भी तो बहुत कुछ कहना, बताना है, –पर कुछ बातें शायद जल जाती हैं.

जो लोग कहते है ना की उन्हें किसी की ज़रूरत नहीं,

वो ऐसी बहुत सी परिस्थितियों से गुज़र चुके होते है..

_जहां उन्हें किसी के सहारे की सख़्त ज़रूरत थी..

_लेकिन तब उन्हें किसी का साथ नहीं मिला..

मुझे जो अच्छा लगता है.. उसके लिए मैं मर मिटता हूँ,

_ जो नापसंद हो.. वह मुझे कुछ भी कर के अच्छा नहीं लगता,

_ लोगों की फेक पर्सनालिटी समझ में आ जाती है,

_ कुछ लोग अच्छा बन कर प्रहार करते हैं,

_ अब सावधान रहता हूँ, रहना भी चाहिए,

_ विश्वास कर के बहुत कुछ गंवाया है.!!

तब मैंने निराशा को चुना,

_ क्योंकि अंत मे निराशा ही हाथ लगती है,

_निराशा को सहर्ष स्वीकार कर के साथ चलने का हुनर सीख लिया है अब, खैर !…

_ आप अपनी ओर से कितनी भी कोशिश कर लें, बुरा अनुभव मिलेगा ही मिलेगा,

_ सबकुछ स्वीकार करने का साहस रखें और वर्तमान में जिएं.. बिना किसी की परवाह किये…!

अपने नए मिले रूप की सुरक्षा के लिए बहुत सावधान रहें.

_ अक्सर, हमारे लिए दूसरे लोगों की योजनाओं में शामिल होने से हमारी रचनात्मकता अवरुद्ध हो जाती है.

_ हम अपने रचनात्मक कार्यों के लिए समय निकालना चाहते हैं, लेकिन हमें लगता है कि हमें इसके बजाय कुछ और करना चाहिए.

_ अवरुद्ध स्वप्नद्रष्टाओं के रूप में, हम स्वयं के प्रति अपनी जिम्मेदारियों पर नहीं, बल्कि दूसरों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं.

_ हम सोचते हैं कि ऐसा व्यवहार हमें अच्छा इंसान बनाता है. ऐसा नहीं है.

_ यह हम लोगों को निराश बनाता है.

_ हमारी रचनात्मकता को पोषित करने का आवश्यक तत्व स्वयं को पोषित करने में निहित है.

_ आत्म-पोषण के माध्यम से हम जीवन की सार्वभौमिक सच्चाइयों से अपना संबंध विकसित करते हैं.

जीवन का क्या है, चलते रहता है, घटनाओं का क्या है, होते रहती हैं.

_ घटनाओं के साथ हम कर भी क्या सकते हैं, वे होने के लिए स्वतंत्र हैं..!!

_ हमारी चिंता केवल यह रहती है कि जब ये घटनाएं घटेंगी तो इनका सामना कैसे करेंगे ?

_ वैसे, चिंता करने से होगा क्या ? ठीक है, आओ घटनाओं, हमें कोई न कोई रास्ता मिल ही जाएगा..!!

‘हर हाल में तैयार हूं तेरे जुल्म सहने को, तू आकर देख तो ले मेरा हौसला कितना है’

तेरी महफिल में आकर हम भी देखेंगे __ मस्तों की महफ़िल में आके तो देखो !! _________________________________________________________

-पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस रिसर्च में जुटे हैं कि क्या अच्छे और बुरे रिश्तों का आदमी की सेहत से कोई वास्ता है ?

_ अब कुछ वैज्ञानिक सामने ला रहे हैं कि _ जो लोग अच्छे रिश्तों में होते हैं, _ वो जल्दी बूढ़े नहीं होते, उनकी उम्र भी लंबी होती है..!!

_ वैज्ञानिकों ने रिसर्च करके बताया है कि मजबूत सामाजिक संबंध का लंबे जीवन से सीधा नाता है.

_ वैज्ञानिकों ने तो यहां तक निष्कर्ष निकाला है कि जो लोग अच्छे रिश्तों में होते हैं, उन्हें सर्दी तक कम लगती है.

__ है न कमाल ? ये कमाल है रिश्तों का, _ अच्छे रिश्तों का..!!

_ ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य और रिश्तों की विशेषज्ञ डॉ. जेनिस किकोल्ट-ग्लेसर ने कई परीक्षण के बाद ये निष्कर्ष निकाला है.

_ डॉक्ट ग्लेसर ने अपने रिसर्च में ये भी लिखा है कि _ आपकी ज़िंदगी में अगर एक भी बुरा रिश्ता हो तो _ उससे तत्काल दूर हो जाइए..!!

_ बुरे रिश्ते आपके तन-मन को नुकसान पहुंचाते हैं..!!

_ हम वादा करते हैं कि हम सिर्फ अच्छे रिश्तों में रहेंगे ;

_ टॉक्सिक रिश्तों को टाटा-बाय-बाय..

__ खुशहाल एवं लम्बे जीवन का आधार रिश्ता ही है, _ मैंने एक पुस्तक में पढा था कि जापान के एक गांव के लॊगॊ की उम्र सबसे अधिक हॊती है ;

_ यानि वे लंबे समय तक जीते है _ इसका कारण है _ उनका आपस का सहयॊगात्मक संबंध एंवम भाईचारा आधारित जीवनयापन शैली..!!

जब आप लोगों को महत्व देते हैं तो वे सोचते हैं कि आप हमेशा फ्री हैं और आपके पास करने के लिए कुछ नहीं है ;

_लेकिन, वे यह नहीं समझते कि आप उनकी परवाह करते हैं और हर समय खुद को उनके लिए उपलब्ध रखते हैं, चाहे कुछ भी हो.

ज़िंदगी में आपके साथ कौन है इसे जानने के लिए मुसीबतों का आना ज़रूरी है.

_ वर्ना तो रौशनी में हर कोई साथ दिखता है और अंधेरे में परछाई भी साथ छोड़ देती है.

_ “खुश हूं कि हर एक के असली चेहरे दिख गए.”

न किसी को गिराया न खुद को उछाला, कटा ज़िन्दगी का सफ़र धीरे- धीरे !!

_जहाँ आप पहुंचे छलांगें लगा कर, वहाँ मैं भी आया मगर धीरे- धीरे !!!

एक हद तक टूटने के बाद ..इंसान अपने हक़ में आई हुई ..खुशियों को भी ठुकरा देता है..!!
एक तरफ़ नीयतें सरल, दूसरी ओर बस बेईमानी, कपट और छल !

आख़िर ये दूसरे लोग इतने बुरे क्यों होते हैं ?

इस पागल दुनिया के ये तरीक़े ये तौर क्यों होते हैं ?

अपने पैटर्न पर ध्यान दें. जिस तरह से आपने जीवित रहना सीखा है, हो सकता है कि वह वह तरीका न हो जिस तरह से आप जीना चाहते हैं. ठीक करो, सीखो और बदलो..!!

Pay attention to your patterns. The way you learned to survive may not be the way you want to continue to live. Heal Learn and change.

पुराने समय में बड़े बुजुर्गों से ये सुनने को मिलता था कि _ ख़ुशी सबके साथ बांटनी चाहिए, और गम को अकेले मनाना चाहिए ;

_ लेकिन आज कि बात करें तो _ जिनसे ख़ुशी मनाते हैं, उनसे ख़ुशी _ यहां देखी कहां जाती है !!!

_ वो हमारे लिए गम और दुःख के मार्ग खोल देते हैं,

_ तो आज का ज्ञान ये है कि __ जहां गम को अकेले मनाना है, ख़ुशी को भी अकेले मनाना चाहिए,

_ यहां सुख- दुख का ढिंढोरा पीटने की कोई जरुरत नहीं है.!!

“- चुप रहें और अच्छी ख़बरों को ज़रूरत से ज़्यादा साझा न करें. : _ बहुत से लोग आपकी उपलब्धियों से ईर्ष्या करते हैं.

_सबसे मूल्यवान चीजों को तब तक सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है _जब तक कि वे पूरी तरह से हासिल और साकार न हो जाएं.

” अनजानों से क्या डरना ” वो तो आए और चलते बने !

” सावधानी ” तो उन से रखनी है, जो “पल-पल” की खबर रहते हैं !!

अब लोग हैरान हैं मुझसे, मैं उजड़ने के बाद भी बसा हुआ लगता हूँ.!

_ मेरे ठोकर खाने से भी कुछ लोगों को तकलीफ़ है, कहते हैं यूँ तो ये शख्श आगे निकल जाएगा.!!

मैने भी महसूस किया कि ज़िंदगी में ऐसे लोग थे/हैं, जिनको बहुत क़रीब जाना, दिल से माना..

_ पर जब अपना दुखड़ा रोया, शिकवे शिकायत करनी चाही तो रिश्ते का खोखलापन एकदम दिख गया..!!

किसी के हिसाब से जीने से बेहतर है..

_ खुद का भी कुछ हिसाब होना चाहिए एक न एक दिन.!!

कट तो जायेगी जिंदगी हर हाल में मगर,

_ जीना अलग बात है और गुजारा कर लेना अलग.!

पचास साल बाद अब मैं जानता हूं कि खोजना/खोना, भूलना/याद करना, छोड़ना/लौटना कभी बंद नहीं होता.

_ पूरा जीवन एक और मौके के बारे में है, और जब तक हम जीवित हैं, अंत तक हमेशा एक और मौका होता है.

जीवन के अपने मौसम हैं ; _ जब खूबसूरत चीजें खत्म हो जाएं, तो उसे रहने दें. __ जब लोग चले जाएं, तो उन्हें जाने दें ; _ आपको यह अनुचित लग सकता है, लेकिन _यह वही है जो यह है.

कभी-कभी, आपकी प्रक्रिया को गड़बड़ या तूफानी होना पड़ता है, लेकिन कुछ बिंदु पर आपको एहसास होगा कि आप भाग्यशाली हैं _जो इसे प्राप्त करने और जीवित रहने के लिए हैं.

मार्केट गया था, दो किलो अनार लाया, उसे काटा तो दो चार दाने लाल निकले बाकी सब सफेद..

_ जबकि देखने से लग रहा था कि इतने बड़े बड़े हैं.. खूब सारे बड़े बड़े लाल दाने वाला अनार है..

_ तब मुझे लगा कि आजकल लोग भी ऐसे ही होते हैं, बाहर से अच्छे दिखते हैं पर अंदर से खोखले और बेरंग होते हैं.!!

किसी को ‘ना’ कहने से पता चलता है कि कोई व्यक्ति गहरे स्तर पर कौन है. _ कुछ लोग आपकी ‘ना’ का सम्मान करेंगे, दूसरों को यह ख़तरनाक लगेगा और आपके साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करेंगे.

_आप वास्तव में किसी को तब तक नहीं जानते जब तक आप उसे “नहीं” नहीं कहते..

Saying no to someone reveals who someone is at a deeper level. Some people will honor your no, others will find it threatening and treat you as an enemy. You don’t really know someone until you say “no” to them.

आप किसी व्यक्ति का असली रंग तब देखते हैं जब आप उसके जीवन के लिए फायदेमंद नहीं होते..

you see a person’s true colors when you are no longer beneficial their life.

कभी-कभी आपका सर्कल आकार में घट जाता है लेकिन मूल्य में बढ़ जाता है.

sometimes your circle decreases in size but increases in value.

दूसरों के लिए कोई समस्या पैदा न करें ; _ क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो _ वे एक दिन आपकी समस्या बन जाएंगे.!!
इससे पहले कि तुम मेरे साथ कुछ गलत करो, यह सुनिश्चित कर लो कि तुम्हें फिर कभी मेरी जरूरत न पड़े..!!
कभी किसी पर आँख बंद कर के भरोसा मत करो, _ क्योंकि

_ दुनिया इतनी अच्छी नहीं है कि, आप के भरोसे को कायम रक्खे ..

मुझे ही क्यों ख़याल आता है कि किसी को बुरा लग जाएगा,

_ किसी को ये ख़याल क्यों नहीं आता, मुझे भी बुरा लग सकता है..

जब लोग आपको बार-बार चोट पहुँचाते हैं, तो उन्हें सैंडपेपर समझें. __ वे आपको खरोंचते और चोट पहुँचाते हैं,; _लेकिन बाद में, आप चमकेंगे और चमकेंगे, जबकि वे बेकार हो जाएंगे.

When people hurt you over and over, think of them as sandpaper. They scratch and hurt you. But later, you’ll be shining and polished, while they end up useless.

आपकी मर्जी के बिना कोई आपको ठेस नहीं पहुंचा सकता। ऐसा नहीं है कि हमारे साथ क्या होता है जिससे हमें दुख होता है. _यह हमारी प्रतिक्रिया है जो हमें आहत करती है.

“चारों ओर पानी होने के कारण जहाज नहीं डूबते; जहाज डूब जाते हैं _क्योंकि उनमें पानी आ जाता है.

आपके आस-पास जो हो रहा है उसे अपने अंदर मत आने दें और खुद को दूसरों से तुलना न करें” धन्य रहें.[ Stay blessed]

मेरा दिल कई बार टूटा है, क्योंकि मैं उन सभी को भी दिल मे जगह दे देता हूँ, जिन्हें देनी नहीं चाहिए थी,

_ और वो अंत मे दिखा जाते हैं अपना असली चेहरा, और साथ मे दे जाते हैं एक सबक,

_ सबक ऐसा जो कि जिंदगी भर याद रहे..

_ लेकिन फिर भी दिल समझता है कि हर कोई एक सा नही होता,

_ तभी वैसा सबक दूसरे से मिल जाता है..

_ और ये सिलसिला यूँ ही निरंतर जारी रहता है..!!

ऐसा नहीं कि अक़्ल नहीं मुझे, कुछ अहम फ़ैसले लिए हैं,

_ ऐसा नहीं कि उम्र कम है कुछ दिल दहलाने वाले, दिल तोड़ने वाले हादसे सह चुका हूँ.

_ मैं,ऐसा भी नहीं है कि समझ नहीं मुझमें.. दुनियादारी निभाना, रोज़गार कमाना समझता हूँ मैं,

_ बस इतना मुझे समझ नहीं आता कि क्या करूँ कि सब भूल जाऊँ..!!

मैं हमेशा खुश रहता हूँ, क्यों ?

क्योंकि मैं किसी से कोई उम्मीद नहीं रखता !! उम्मीदें हमेशा दर्द देती हैं !!!

हर समय बहस करने में और अपने आप को सही साबित करने में कुछ नहीं रखा होता ;

कभी कभी हाथ जोड़ कर सही वक़्त पर आगे निकल लेने में ही खुद की भलाई होती है..!!!

-” किसी से भी बहस करने से दूर रहें, इसमें बेफिज़ूल का समय नष्ट होता है.-“

अपने आप को ऐसा बनाओ कि जिसने भी आपको ठुकराया है,

_ वह आपकी एक झलक देखने के लिए तरस जाए !!

सबको खुश करना मतलब मेंढकों को तराजू में तौलना के बराबर है.. _इसलिए

_ कभी कभी ” भाड़ में जाए दुनियादारी ” बोलकर खुद को खुश रखने में ही समझदारी है.

आप किसी को नहीं बचा सकते ; _ आप उनके साथ उपस्थित हो सकते हैं, अपनी जमीनदारी, अपनी विवेकशीलता, अपनी शांति की पेशकश कर सकते हैं.

_ आप उनके साथ अपना रास्ता भी साझा कर सकते हैं, अपना दृष्टिकोण पेश कर सकते हैं.

_ लेकिन आप उनका दर्द दूर नहीं कर सकते ; _ आप उनके लिए उनके रास्ते पर नहीं चल सकते.

_ आप ऐसे उत्तर नहीं दे सकते जो उनके लिए सही हों, या ऐसे उत्तर भी नहीं दे सकते _ जो वे अभी पचा सकें ;;

_ उन्हें अपना उत्तर स्वयं खोजना होगा..

यह मत पूछो कि लोग आप को क्यों चोट पहुंचाते रहते हैं, _

_ खुद से पूछो कि आप अनुमति क्यों दे रहे हो ..

किसी के सामने हाथ ना जोड़ें साथ रहने के लिए, _

_ जो अच्छे इंसान होंगे _ वह आप की कीमत समझ जाएंगे..!

सारा ज़माना जब खिलाफ बोलता है, _

_ तो समझ लेना कि तू साफ़ बोलता है..

जो आप को सही लगे, उस के बारे में माफ़ी मांगने से रुकें, _

_ अपनी बात का बचाव करना शुरू करें .!

कुछ टूटे हुए दिल कभी नहीं जुड़ते, कुछ यादें कभी खत्म नहीं होती, कुछ आंसू कभी नहीं सूखते…

Some broken hearts never mend, some memories never end, some tears will never dry…

वो लोग जो ऐसा कहते हैं कि सामने वाला हमसे बात नहीं करता या घमंडी हो चुका है, _ इन लोगों में से 95 % लोग खुद घमंडी ही होते हैं.
हर व्यक्ति अपना भविष्य स्वयं बनाता है, कोई और उसके मौलिक स्वरुप में परिवर्तन नहीं कर सकता ;

_ एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति कि नकल लंबे समय तक नहीं कर सकता !!

यदि कोई समय निकाल कर आप का काम करने में मदद कर रहा हो तो,

_ उसे ” जल्दी करो ” कभी ना कहें ..

अगर खुद से दूर हो गए ना तुम, _

_ तो कभी किसी के पास नहीं आ पाओगे !!

मैं अच्छा हूँ तो कद्र करें, पत्थर हुआ तो आप झेल नहीं पाओगे.!!

_ बुरा कहने लगे हैं वो मुझे, पर बेहतर हूँ उनसे.!!

एक उम्र से तराश रहा हूँ कि हो जाऊँ लोगों के मुताबिक..

_ पर हर रोज ये ज़माना मुझमें एक नया ऐब खोज लाता है.!!

मुश्किलों से कह दो, उलझा न करे मुझसे,

_ मुझे हर हाल में जीने का हुनर आता है.!!

जो लोग मेरे बारे में बुरा बोलते हैं उनकी बात सुनो, वो आपको सही से भटकायेंगे.!!
ना दुनिया को देखने की जरूरत है और ना ही दुनिया को कुछ दिखाने की जरूरत है.. खुद में मस्त रहो और खुद में व्यस्त रहो.. यार..

_ ये वो दुनिया है जहां तेरे अपने भी अपने नहीं हैं.. ये वो दुनिया नहीं है जहां तेरी सफ़लता से किसी को खुशी मिलेगी..

_दूसरों को सुनना और दूसरों से सलाह लेना बहुत बुद्धिमानी है ; _ लेकिन अपने आप को नज़रअंदाज करना और अपने दिल पर ध्यान देने से इंकार करना बहुत ही खतरनाक है.

नकारात्मक लिखोगे तो लोग कहेंगे दुःखी है, सकारात्मक लिखोगे तो कहेंगे बेवजह ज्ञान सिखा रहा है…

_ इसलिए मैं लोगों की प्रतिक्रियाओं की परवाह किए बिना हमेशा वही लिखता हूँ जो मेरा अंतर्मन कहता है…!!!

मुझे लगता है कि मैं लोगों को बड़ा अजीब किस्म का इंसान लगता हूं, ऐसा क्यों वजह मैं नही जानता ;

_ शायद मुझे खुद में अकेला मस्त देख उन्हे अजीब लगता है, कि कोई इंसान अकेले इतना खुश कैसे रह सकता है,

_ शायद मुझे किसी चीज की अब बहुत चिंता नही सताती, शायद मैं सब को भूल चूका हूं !!

हमेशा दिमाग की ना सुन के कभी-कभी दिल की बात सुनें ; _ भले ही दिल से लिए गए निर्णय गलत हों लेकिन हमें उनका अफसोस नहीं होता, _ क्योंकि हमने जो कुछ किया दिल से किया था.

_ अफसोस तब करना चाहिए जब आपने किसी के कहने पर या थोपे गए निर्णय लिए हों ; इसलिए एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए हमें निर्णय खुद से और दिल से लेना चाहिए.

बहुत देख लिया यार..अब दिल स्वीकृति नहीं देता किसी से अपने दुःख – तकलीफ कहूँ, क्योंकि कोई गंभीरता से नहीं लेता..

हां; जब वे मुसीबत में आते हैं तब आपको याद करेंगे _ उस वक्त ऐसा लगता है कि उन्हें दो चार सुना दें ..

चूंकि आपका वास्तविक स्वभाव तो ऐसा होता नहीं _ इसलिए आप उनके गम बांटने लगते हैं ;

मेरे चेहरे की रौनक छीनने वालों से, दोबारा मुलाकात ना ही हो तो अच्छा है.!!
गुजरा हुआ कल हो जाऊंगा, याद तो आऊंगा पर लौट कर नहीं आऊंगा.!!
यूँ ही नहीं त्यागा मैंने दुनिया का मोह, मेरी कहानी का हर एक किरदार गद्दार निकला है.!!

_ उनका बर्ताव, मेरे गहरे यकीन पर सवाल खड़ा कर गया, इसलिए बदलना जरुरी था.!

मेरा कुछ भी छोड़ने का मतलब यह नहीं है कि मुझे परवाह नहीं है, इसका मतलब यह है कि मैंने चीजों को नियंत्रित किया हुआ है और मेरे लिए ये मायने रखता है कि मै कैसा महसूस करता हूँ, मैं क्या करता हूँ और मेरे लिए क्या महत्वपूर्ण है ? कुछ भी छोड़ना _ क्रोध या निर्णय से भरा अनुभव नहीं होना चाहिए.

क्योंकि मेरे अंदर दो तरह के लोग रहते हैं: एक जो अपने लिए जीता है और एक जो दूसरे लोगों की उम्मीदों के लिए जीता है ;

मेरे दिमाग में दो तरह के विचार रहते हैं: एक जो मुझसे कहते हैं कि मैं वही करता रहूं _जो वे चाहते हैं कि मैं करूं _और हमेशा के लिए प्यारा बन जाऊं, _और एक जो मुझे विद्रोही बनने और _अपने लिए जीने के लिए कहता रहता है.

मैं नहीं जानता कि मेरा बेहतर संस्करण कौन है : _ क्योंकि मैंने अपने पूरे जीवन में यही सीखा है कि _यदि आप लोगों के साथ अच्छे काम करेंगे तो _आपके साथ भी अच्छा होगा.

__लेकिन मुझे इसका जवाब कभी नहीं मिला, अगर अब मेरा लोगों को खुश करने का मन नहीं हो रहा तो क्या होगा ? क्या होगा ?

-क्या होगा अगर मैं अच्छे काम करना चाहता हूं, लेकिन वे मुझसे और अधिक की उम्मीद करते हैं ? तब मुझे क्या करना चाहिए ? क्या मुझे अपने लिए जीना चाहिए ? क्या यह मुझे एक व्यक्ति के रूप में स्वार्थी नहीं बनाता है _क्योंकि मैंने उन चीजों के लिए उन्हें मना कर दिया था _जो मैं अब और नहीं करना चाहता था ? _और इसने मुझे पूरी तरह से उनके लिए एक बुरा इंसान बना दिया, जैसे कि मैंने उनके लिए कभी कुछ अच्छा नहीं किया हो.

“-और अब मुझे आश्चर्य है कि _क्या यह सचमुच सच है कि _यदि आप लोगों के साथ अच्छा करते हैं तो _आपके साथ अच्छी चीजें होती हैं.

हमें लक्ष्य को व्यक्ति के अनुरूप बनाना चाहिए, न कि व्यक्ति को लक्ष्य के अनुरूप बनाना चाहिए… लक्ष्यों की तलाश से सावधान रहें: _ जीवन का एक तरीका खोजें..

_तय करें कि आप कैसे जीना चाहते हैं और फिर देखें कि आप जीवन के उस तरीके के भीतर रहने के लिए क्या कर सकते हैं.

Move – On करना शुरू करो, किसी ने दिल दुखाया, कोई छोड़ कर चला गया, _

_ चुपचाप दिल को मजबूत बनाओ और बिना कुछ कहे उस इंसान से दूर हो जाओ..

मेरी जिंदगी ने शायद जो सबसे अच्छी चीज सिखाई मुझे, वह यह कि हर बात पर रिएक्ट करना जरूरी नहीं होता,,!!!

“उन लोगों का ध्यान रखें _ जो आपकी परवाह करते हैं,वे वही हैं _ जिन पर आप अच्छे और बुरे समय में भरोसा कर सकते हैं “”

– उन अच्छे लोगों पर ध्यान दीजिये _ जो आपके जीवन में बने रहने का प्रयास करते हैं !”

कोई भी नहीं जानता कि हम _ इस जीवन के सफर में एक _ दूसरे से क्यों मिलते हैं ! सबके साथ रक्त – संबन्ध नहीं हो सकते !!

परंतु तू हमें कुछ लोगों के साथ मिलाकर अद्भुत _ रिश्तो में बांध देता है,,,,,हमें उन को _ संजोकर रखना चाहिए….

अच्छे लोग जिन्दगी को आनंदमय बना देते हैं..

ज़िक्र ज़रूरी नहीं, फ़िक्र किया करो,_

_ कद्र करने वालों की, कद्र किया करो ..”

– फ़िक्र करने वालों को तो _ आपको ही पहचानना होगा – “” –

– अच्छे लोग की संगति कीजिए – जो बुरे वक़्त में आप के साथ हों,

_ जिनसे आप को कुछ सिखने को मिले –“

क़दर कर लो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत रखते हैं ,_क्योंकि

_ दुनिया में ख़याल रखने वाले कम, और तकलीफ देने वाले बहुत ज्यादा मिलते हैं.

“अगर हम दिल के सच्चे हैं और ऐसे लोगों के बीच उठते बैठते हैं जहां हमें कद्र नहीं मिलती और हमें फालतू होने का एहसास मिलता है _ तो फिर हमें ऐसे लोगो से दूर हट जाना चाहिए ;

_ यकीन मानिए एक सच्चे व्यक्ति का व्यक्तित्व बहुत अनोखा होता है ; माना उसकी Presence जो है उन लोगों के लिए मायने नहीं रखती _ लेकिन जल्दी ही उसकी Absence उन सब को खलने लगती है.”

*– हम बेफ़िक्री से जीते हैं, बेवजह घबराते नहीं ;

जो समझे वो ठीक, हर किसी को समझाते नहीं ;

कोई नफरत करे या प्यार, हर किसी को लुभाते नहीं ;

अंदाज़ अलग है अपना, सबको पसंद आते नहीं !!

एक चतुर दिमाग हमेशा जीवन की सच्चाइयों से दूर रहता है ; _ यह खुद को बचाने की भी कोशिश करता है. एक सुरक्षात्मक दिमाग हमेशा प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में सोचता है. _ अगर हमें कुछ हासिल करना है तो हमें प्रतिस्पर्धी बनना होगा, _और हम सभी कुछ न कुछ हासिल करना चाहते हैं, _और इसके लिए हमें प्रतिस्पर्धी होना होगा.

_ प्रतिस्पर्धा हमारे अंदर ईर्ष्या और हिंसा की भावना पैदा करती है, _ और हम इतने आत्मकेंद्रित हो जाते हैं कि _ प्रकृति का प्रवाह हम तक नहीं पहुंच पाता..

शुद्ध मन को कुछ नहीं चाहिए; _ यह भविष्य की तलाश नहीं करता. यह कभी किसी के खिलाफ नहीं है. यह किसी के पक्ष में नहीं है.

एक शुद्ध हृदय हमेशा यहाँ रहता है और पूरी तरह से खुला होता है ; _ यह कोई सुरक्षा नहीं मांगता.

_ यह जो कुछ भी आता है उसके प्रति ख़ुशी से असुरक्षित रहता है ; _ यदि जीवन आता है तो _ उसे पूरी तरह से जीता है और यदि कोई कठिन परिस्थिति आती है तो _ उसे पूरी तरह से स्वीकार करता है.

_भगवान हमारे जीवन में केवल अच्छे और सुंदर रूप में ही नहीं आते ; _ यह हमारे जीवन में हर रूप में आता है.

बहुत से लोग जीवन में इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि क्या सही है न कि क्या गलत है ; _ हमें सावधान रहना होगा कि हम नकारात्मक चीजों को देखने और उनकी ओर आकर्षित होने की आदत न डालें ; _ काँटे से पहले सुंदर गुलाब को देखना चुनना बहुत महत्वपूर्ण है.

Too many people go through life focused on what’s wrong rather than what’s right. We have to be careful not to have a habit of seeing and being drawn to what’s negative. It’s so important to choose to see the beautiful rose before the thorn.

आपके जीने का तरीका आपका भाग्य तय नहीं कर सकता है.

जिस तरह से आप लोगों के साथ व्यवहार करते हैं, वह आपके प्रति लोगों के व्यवहार को तय नहीं कर सकता है.

जीवन ऐसा ही है, इसे स्वीकार करें या बाद में पछताएं। सबक जल्दी या बाद में सीखा जा सकता है, जिसे निश्चित रूप से चुनना होगा.

The way you live can’t decide your fortune.

The way you treat people can’t decide people’s behaviour to you.

Life is like that , accept it or regret it later. Lesson can be learnt sooner or later that’s definitely one have to choose.

जीवन में सफल होने के दो मंत्र ; एक, किसी और पर नहीं बल्कि खुद पर विश्वास करें ;

और दो, एक बार जब आप अपना मन बना लेते हैं तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते.

Two mantras to succeed in life. One, believe in no one but yourself. And two, once you make up your mind never look back.

” चाहे आप अंदर से कैसा भी महसूस करें, हमेशा एक विजेता की तरह दिखने की कोशिश करें ;

भले ही आप पीछे हों, नियंत्रण और आत्मविश्वास की निरंतर नज़र आपको मानसिक बढ़त दे सकती है ;

_ जिसके परिणामस्वरूप जीत हासिल होती है “

Regardless of how you feel inside, always try to look like a winner. Even if you are behind, a sustained look of control and confidence can give you a mental edge that results in victory.”

अपने आप को अपनी आँखों से देखें ; अपने दिल से खुद को प्यार करो ; _ तभी आप दुनिया को वैसा ही देखने के लिए खुले हैं, जैसा वह है और जैसा आप चाहते हैं. _ इसलिए इस पल की शुरुआत करते हुए, इस बात की और चिंता न करें कि दूसरे आपको कैसे देखते हैं ; तुम.. तुम रहो !!

See yourself with your own eyes. Love yourself through your own heart. Only then you are open to see the world as it is and as you want it to be. So starting this moment, no more worrying about how others might see you. Be you !

“मैं हवा की दिशा नहीं बदल सकता, लेकिन मैं हमेशा अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए अपने पाल को समायोजित कर सकता हूं”

I can’t change the direction of the wind, but I can adjust my sails to always reach my destination.”

मुझे लगता है कि यह तथाकथित दर्द का आखिरी चरण है, जहाँ दर्द को व्यक्त करने से भी अपार पीड़ा होती है.. और मन कहता है कि चुप रहो और शांति से इस जीवन से विदा हो लो.!!
केवल मजबूत और दृढ़ मन ही जीवन में जोखिम उठाना उचित समझता है ; _ कौन जानता है, आप जो जोखिम उठाएंगे और सफल होंगे ? हमेशा सकारात्मक रहें और खुश रहें.

Only strong and determined mind deem it fit to take risks in life. Who knows, the risk you’ll take and be successful ? Be positive always and happy.

जैसे-जैसे आप रहस्य सीखते हैं, आपको पता चलेगा कि आप कैसे हो सकते हैं, _ हो सकते हैं, या जो कुछ भी आप चाहते हैं वह कर सकते हैं. _ आपको पता चल जाएगा कि आप वास्तव में कौन हैं ; आपको वास्तविक भव्यता का पता चलेगा जो जीवन में आपकी प्रतीक्षा कर रही है.

हम किसी विशाल और शानदार चीज़ का हिस्सा हैं, और मानव जीवन की सभी उथल-पुथल के नीचे एक दृढ़ निरंतरता है जो जीवन को अनंत काल तक बांधे रखती है.

रहस्य आपको वह सब कुछ देता है जो आप चाहते हैं: सुख, स्वास्थ्य और धन.

“As you learn The secret, you will come to know how you can have, be, or do anything you want. You will come to know who you really are. You will come to know the true magnificence that awaits you in life.”

We are part of something vast and magnificent, and beneath all the turmoil of human life there is a steadfast continuity that binds life to eternity.

The secret gives you anything you want : happiness, health, and wealth.

जब कुछ बुरा होता है, तो आपके पास तीन विकल्प होते हैं. _ आप या तो इसे आपको परिभाषित करने दे सकते हैं, इसे आपको नष्ट करने दे सकते हैं, या आप इसे आपको मजबूत करने दे सकते हैं.

When something bad happens, you have three choices. You can either let it define you, let it destroy you, or you can let it strengthen you.

सच कहूं तो मेरा क्या होगा ?

वास्तविकता पसंद नहीं है

यह मेरे लिए बहुत स्पष्ट है

लेकिन वास्तव में, जीवन बांका है

हम वो हैं जो हम नहीं देखते

हम दिवास्वप्न देखने में सब कुछ याद करते हैं.

Honestly, what will become of me ?

Don’t like reality

It’s way too clear to me

But really, life is dandy

We are what we don’t see

We miss everything daydreaming.

– Discover your passion, and then become an expert in your chosen field… – अपने जुनून की खोज करें, और फिर अपने चुने हुए क्षेत्र में विशेषज्ञ बनें …

Whatever you do, do it with the passion it deserves _and you will succeed. आप जो भी करें उसे उस जुनून के साथ करें _जिसके आप हकदार है _और आप सफल होंगे.

हमें जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीजों के लिए जगह बनानी चाहिए, _ जैसे : स्वास्थ्य [ Health ], रिश्ते [ Relationships ], जुनून [ Passion ], विकास [ Growth] और योगदान [ Contribution ]

– Passion not fullfill without money, that’s I realised from childhood to till now but everytime I’m chose the right one because without passion and excitement you are nothing….. -पैसे के बिना जुनून पूरा नहीं होता है, बचपन से लेकर अब तक मैंने यही महसूस किया है लेकिन हर बार मैंने सही चुना है क्योंकि जुनून और उत्साह के बिना आप कुछ भी नहीं हैं …..

– I would like to go with passion instead of living a normal life like others…. – मैं दूसरों की तरह सामान्य जीवन जीने के बजाय जुनून के साथ जाना चाहूंगा….

– ” Life is full of surprises and miracles ” if you live happy today with yourself then you are on the right path. – “जीवन आश्चर्यों और चमत्कारों से भरा है” अगर आप आज अपने साथ खुश रहते हैं तो आप सही रास्ते पर हैं।

– My soul says to me, never Do the work which is unsatisfied and pressurised you while in work. – मेरी आत्मा मुझसे कहती है, कभी भी वह काम मत करो जो असंतुष्ट हो और काम के दौरान आप पर दबाव डाला जाए।

– I think, if we start managing our time, then we can have experience of everything in life. Experience tells u, what u r really passionate about. – मुझे लगता है, अगर हम अपने समय का प्रबंधन करना शुरू कर दें, तो हमें जीवन में हर चीज का अनुभव हो सकता है। अनुभव आपको बताता है कि आप वास्तव में किसके बारे में भावुक हैं।

– I’m going to choose passion, bcz by the end of your day you will find peace and real happiness. – मैं जुनून चुनने जा रहा हूं, क्योंकि आपके दिन के अंत तक आपको शांति और वास्तविक खुशी मिलेगी।

– If my passion is fulfilling my basic amenities to live and if it also bring thrill and excitement to me I would definitely go with it. – अगर मेरा जुनून जीने के लिए मेरी बुनियादी सुविधाओं को पूरा कर रहा है और अगर यह मेरे लिए रोमांच और उत्साह भी लाता है _तो मैं निश्चित रूप से इसके साथ जाऊंगा.

You become an unstoppable force when you realize that you can do anything alone. आप एक अजेय शक्ति बन जाते हैं जब आपको पता चलता है कि आप कुछ भी अकेले कर सकते हैं.

Your mental health is way more important than your career will ever be. आपका मानसिक स्वास्थ्य आपके करियर से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है.

Be okay with people not liking you, most don’t even like themselves. उन लोगों के साथ ठीक रहें जो आपको पसंद नहीं करते हैं, ज्यादातर खुद को भी पसंद नहीं करते हैं.

Not everything will go according to plan, always be ready to adapt. सब कुछ योजना के अनुसार नहीं होगा, अनुकूलन के लिए हमेशा तैयार रहें.

When things get overwhelming. Take it one step at a time. You don’t have to do every thing at once.

जब चीजें भारी हो जाती हैं. इस मामले में एक समय में एक कदम उठाएं. आपको हर काम एक साथ करने की जरूरत नहीं है.

Don’t waste your time stressing about things you can’t control. जिन चीजों को आप नियंत्रित नहीं कर सकते, उन पर जोर देने में अपना समय बर्बाद न करें.

Even when you trust someone, keep some things to yourself. जब आप किसी पर भरोसा करते हैं तब भी कुछ चीजें अपने तक ही रखें.

Put your head down and hustle. Make big moves in silence and shock them with your results. Oversharing is how you leak energy, privacy is power !

अपना सिर नीचे करो और ऊधम मचाओ. मौन में बड़े कदम उठाएं और उन्हें अपने परिणामों से चौंका दें. अधिक साझा करने से आप ऊर्जा का रिसाव करते हैं, गोपनीयता शक्ति है !

लोग आज हर चीज से बहुत आसानी से ऊब जाते हैं, उनका मोबाइल, उनके करीबी, उनका साथी, उनकी नौकरी, उनकी कार, अपने सामान्य जीवन से..

समस्या यह है कि वे इतने अधीर हो गए हैं कि वे जीवन के हर कदम पर नयापन चाहते हैं.

सच तो यह है कि यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है और इस तरह जीवन जीने से केवल समस्याएं और उदासी ही पैदा होने वाली है.

धैर्य हमेशा सबसे मजबूत गुणों में से एक रहा है और यह आज की दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण है. आप जो चाहते हैं उसके पीछे भागें, लेकिन सब कुछ से दूर मत भागो ; जैसा कि आप जल्द ही पता लगा लेंगे, वहां कोई जगह नहीं है जहां आप भाग सकते हैं.

जीवन से अधिक प्राप्त करने का प्रयास करते हुए आपके पास जो कुछ भी है उसे संजोने और उसका आनंद लेने का प्रयास करें.

People today get bored of everything very easily, their mobile, their close ones, their partner, their job, their car, their life in general. The problem is that they have become so impatient, they want newness at every step of life. The truth is that this is not practically possible and living life this way is only going to lead to problems and sadness. Patience has always been one of the strongest virtues and it is most significant in the present day world. Run after whatever it is that you want to, but don’t run away from everything. As you’ll soon find out, there is no where you can run away to. Try to cherish and enjoy whatever you have while trying to get more out of life.

” धैर्य वह है जब आपको पागल होना चाहिए लेकिन आप समझना चुनते हैं.”

बिना पागल हुए _ नुकसान और विपरीत परिस्थितियों को झेलने के लिए आपको धैर्य, अनुशासन और फुर्ती की जरूरत है.

जब आप बहुत सी चीजों से गुजर रहे होते हैं, तो अपने जीवन के अच्छे पक्ष को देखना मुश्किल होता है, लेकिन अपने संघर्षों को अपने जीवन के मूल्य पर संदेह न करने दें, अपने नुकसान को यह भूलने न दें कि आप कितनी दूर आ चुके हैं और आपने क्या हासिल किया है. आपके सभी दिन खूबसूरत नहीं होते, खुशियों और धूप से भरे होते हैं। नहीं, जीवन ऐसे नहीं चलता. लेकिन आप हमेशा अच्छे दिनों पर भरोसा करना चुन सकते हैं, क्योंकि चाहे कुछ भी हो गया हो, भले ही वे आज असंभव लगें, वे फिर से आएंगे.

When you are going through too many things, it’s hard to look on the good side of your life. But don’t let your struggles make you doubt the value of your life, don’t let your losses make you forget how far you have come and all that you have gained. Not all your days are beautiful, filled with happiness and sunshine. No, that’s not how life works. But you can always choose to trust the good days, for they will come again no matter what has happened, even if they seem impossible today.

“तुम्हें तुम्हारे सिवा कोई नहीं बचा सकता.”

आपको बार-बार लगभग असंभव स्थितियों में डाल दिया जाएगा. _वे बार-बार प्रयास करेंगे … आपको अंदर ही अंदर जमा करने, छोड़ने और या चुपचाप मरने के लिए … और असफल होना काफी आसान होगा … लेकिन मत करो, मत करो.!!! बस उन्हें देखो, _ उनकी बात सुनो, _क्या आप ऐसा बनना चाहते हैं ?

एक चेहराविहीन, नासमझ, हृदयहीन प्राणी ? क्या आप मृत्यु से पहले मृत्यु का अनुभव करना चाहते हैं ?

आपको कोई नहीं बचा सकता लेकिन आप और आप बचाने लायक हैं. _यह एक ऐसी जंग है जिसे आसानी से नहीं जीता जा सकता है लेकिन अगर कुछ भी जीतने लायक है तो बस यही है. _ इसके बारे में सोचो, __ “अपने आप को बचाने के बारे में सोचो”

“Nobody can save you but yourself. You will be put again and again into nearly impossible situations. They will attempt again and again…to make you submit, quit and or die quietly inside…and it will be easy enough to fail…but don’t, don’t, don’t. Just watch them. Listen to them. Do you want to be like that ? A faceless, mindless, heartless being ? Do you want to experience death before death ? Nobody can save you but yourself and you’re worth saving. It’s a war not easily won but if anything is worth winning then this is it. Think about it. Think about saving yourself.”

Your job is the dream of the unemployed. आपकी नौकरी बेरोजगारों का सपना है.

Your house is the dream of the homeless. आपका घर बेघरों का सपना है.

Your smile is the dream of the depressed. आपकी मुस्कान उदास लोगों का सपना है.

Your health is the dream of the sick. आपका स्वास्थ्य बीमारों का सपना है.

Don’t let difficult times make you forget how blessed you are. मुश्किल समय को अपने आप को भूलने न दें कि आप कितने धन्य हैं.

तुम अपने आप को क्या समझते हो ? एक अकेली आत्मा जिसे यह नहीं पता कि सब कुछ कैसे ठीक किया जाए ;

_क्योंकि जहाँ भी आप देखते हैं, आप देखते हैं कि लोग आपको पीछे छोड़कर अपने जीवन में आगे बढ़ रहे हैं _ और आप स्वयं को फँसा हुआ महसूस करते हैं;

आप नहीं जानते कि जीवन नामक इस चीज़ से कैसे बाहर निकला जाए ;

_ और अब न तो तुम किसी से प्रेम करते हो, न तुम चाहते हो कि कोई आकर तुम्हें थामे.!!

_आप बस समय के साथ बेहतर होना चाहते हैं और समय आपकी सोच से भी तेज़ चलता है; आप वर्षों को महीनों में बिता देते हैं ;

_आप लोगों को और खुद को यह समझाने की हर कोशिश करते हैं कि आपके अंदर क्या चल रहा है, _लेकिन आप असफल होते हैं..!

— लेकिन इसे कैसे ठीक करें ? समाधान कहीं दिखाई या ज्ञात नहीं है ? क्योंकि कोई नहीं जानता, _क्योंकि हर कोई इसी दौर से गुजर रहा है…_ फिर भी, हम इसे ख़त्म नहीं करते;

हम इसके साथ रहते हैं, शिकायत करते हुए कि _कुछ भी बेहतर नहीं होने वाला है..!!

“_लेकिन सच तो यह है कि जब तक आप बेहतर बनने की कोशिश नहीं करेंगे, तब तक कुछ भी बेहतर नहीं होगा.”

_ इसलिए अपने आप से वादा करें कि आप अपने बारे में किसी भी तरह से कम नहीं सोचेंगे.!!

_यदि आप अकेले हैं, तो इसे स्वीकार करें और इस बात की चिंता किए बिना कि कोई आपको आंकेगा, वह सब कुछ करें _जो आप कर सकते हैं.!!

_वहाँ कोई नहीं है, जैसा कि आप पहले से ही जानते हैं, और कोई भी आपको बचाने नहीं आएगा..!!

__ “आप इस महासागर में अकेले हैं; यह आप पर निर्भर है कि आप डूबना चाहते हैं या तैरना..” – पंसद आपकी –

किसी भी वास्तविक परिवर्तन की एकमात्र आशा यह है कि आप अकेले ही स्वयं को बदल सकते हैं.

यही एकमात्र आशा है, अन्य कोई आशा नहीं है ; _ लेकिन अहंकार जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता. _ वह दूसरों पर जिम्मेदारी डालता चला जाता है. _ हम माता-पिता, साझेदारों, शिक्षकों, समाज, पूंजीवाद, समाजवाद, धर्म और न जाने क्या-क्या को दोषी मानते हैं.

_ याद रखें ; _ दूसरों पर जिम्मेदारी डालकर हम अपनी स्वतंत्रता भी फेंक रहे हैं, जिम्मेदार होना स्वतंत्र होना है, _ किसी और को जिम्मेदारी देना कैदी बनना है.

हम सभी जीवन में अलग-अलग विकल्प चुनते हैं. _ दुनिया कभी खुश नहीं होगी, ऐसा कभी नहीं हुआ है और ऐसा कभी नहीं होगा.

_ संसार का दुखी रहना निश्चित है, केवल व्यक्ति ही सुखी हो सकते हैं, ख़ुशी कुछ व्यक्तिगत है.

खुश रहने के लिए चेतना की जरूरत है ; _ खुश रहने के लिए तीव्रता की जरूरत होती है ; _ खुश रहने के लिए जागरूकता की जरूरत है.

_ संसार कभी भी सुखी नहीं हो सकता _ क्योंकि इसमें जागरूकता नहीं है. _ समाज के पास कोई आत्मा नहीं है, केवल मनुष्य के पास है ; _ लेकिन हमारे लिए ये स्वीकार करना बहुत मुश्किल है.

हम बहुत रक्षात्मक हैं. हम कभी गलत नहीं होते, इसलिए दुख में हैं ; _ खामियों में देखना शुरू करें. अपनी पहचान पर सवाल उठाएँ – और यह गिर जाएगी और गायब हो जाएगी.

_ इसका समर्थन मत करते रहो, अन्यथा तुम अपने ही दुख का समर्थन कर रहे हो.

निराशा, शर्मिंदगी, चिड़चिड़ापन, आक्रोश, गुस्सा, ईर्ष्या और डर जैसी भावनाएँ, बुरी खबर होने के बजाय, वास्तव में बहुत स्पष्ट क्षण हैं _ जो हमें सिखाते हैं कि हम कहाँ रुके हुए हैं.

वे हमें सिखाते हैं कि जब हमें लगे कि हम ढह जाना पसंद करेंगे और पीछे हटना चाहेंगे _ तो हम खुश हो जाएं और झुक जाएं.

वे दूतों की तरह हैं _ जो भयानक स्पष्टता के साथ हमें दिखाते हैं कि हम कहां फंस गए हैं ; __

_ यह क्षण ही आदर्श शिक्षक है, और, हमारे लिए भाग्यशाली है, हम जहां भी हों, यह हमारे साथ है… हमारे आनंद से जुड़ने में सबसे बड़ी बाधा नाराजगी है.

जीवन में तनाव और चिंताएँ अपरिहार्य और अप्रत्याशित हैं, लेकिन एक भी विचार को अपने दैनिक जीवन को बर्बाद न करने दें.

आपकी समस्याओं का वज़न शायद नहीं बदलेगा ; _ क्योंकि यदि तुम इसे थोड़ी देर और पकड़ोगे तो यह उतना ही भारी हो जायेगा; अगर आप इसके बारे में कुछ देर सोचेंगे तो कुछ नहीं होगा. _ और यदि आप इसके बारे में थोड़ी देर और सोचेंगे, तो यह दुखने लगेगा और भारीपन महसूस होने लगेगा ; _लेकिन अगर आप पूरे दिन इसके बारे में सोचते रहेंगे, तो आप पंगु महसूस करेंगे और कुछ भी करने में असमर्थ महसूस करेंगे.

_यह एक अत्यधिक दबाव की तरह है जिसे आप अपने दिल और दिमाग में ले रहे हैं ; _ यदि अवसर दस्तक नहीं देता है, तो एक दरवाजा बनाने का प्रयास करें – यह खुद को ऐसी नकारात्मक चीजों की लालसा न करने देने का एक तरीका है. _इसलिए कम से कम, अपनी समस्याओं के बारे में ज़्यादा न सोचने का प्रयास करें और हमेशा अपना ख्याल रखें.

The stress and worries in life are unavoidable and unpredictable, but don’t let a single thought ruin your every day living. the weight of your problems will might not change. because if you hold it a little longer, the heavier it becomes; if you think about it for a while, nothing will happen. and if you think about it a bit longer, it’ll begin to hurt and feel heavy. but if you think about it all day long, you’ll feel paralyzed and incapable of doing anything. it’s like an overflowing pressure that you are taking inside your mind and heart. if opportunity doesn’t knock, try to build a door—just a way to not let yourself crave for such negative things. so at least, try not to overthink about your problems too much and always take care of your self.

प्यार से जीना ही जीना है. __ बुद्धि द्वारा जीना – तुलनाओं, गणनाओं, योजनाओं, अवधारणाओं, विचारों द्वारा – यह सब गर्व की एक संरचना है जिसमें कोई सुंदरता या खुशी नहीं है – कोई जीवन नहीं है.

Living by love is living. Living by intellect — by comparisons, calculations, schemes, concepts, ideas — is all a structure of pride in which there is not beauty or happiness — no life.

” जिनकी समझ विकसित होती है _ उन्हें छोटी-छोटी बातें पसंद नहीं होती हैं.”

_वे अक्सर खुद को रचनात्मक या सहज ज्ञान युक्त रखते हैं. _ वे ज्वलंत सपने देखते हैं, और अक्सर अगले दिन अपने सपनों को याद कर सकते हैं. _उन्हें संगीत, प्रकृति, कला, सौंदर्य पसंद है.

_वे असाधारण रूप से मजबूत भावनाओं को महसूस करते हैं – कभी-कभी खुशी के तीव्र झटके, लेकिन दुःख, उदासी और भय भी.

— ऐसे लोग _ उन सूक्ष्मताओं को नोटिस करते हैं _जो दूसरे नज़रअंदाज़ कर देते हैं _ जैसे किसी अन्य व्यक्ति की मनोदशा में बदलाव..

हम जीवन में चाहे कितने भी अर्थ और तर्क कर लें ; _ जिंदगी हमारे तर्कों और समझ से परे है _और शायद इसीलिए यह इतनी खूबसूरत है.

_यदि हम हर चीज़ का अर्थ निकाल सकें, तो जीवन अपना सारा आकर्षण और अर्थ खो देगा.

लोग कैसे पूरा समय सिर्फ खाने और पकाने की बात कर सकते हैं ;

_किसी को अपडेट देने के लिए बातें ..सिर्फ खाने और पीने की, सब कुछ कुशल हो गया, खाना पीना बढ़िया हो गया _ ही दिए जाते हैं..!!

_कितनी बोरियत भरी है जिंदगी…कितना पाखंड है..

_ कहीं तो सुधार जाओ… कहीं तो कुछ छोड़ दो..

_ज्यादातर लोग ठग, धूर्त हैं, और पैरों की एकरसता, घर, भोजन, गगनचुंबी इमारतें, जॉब, प्यार…

_..शून्यता के एक खोखले गड्ढे पर खड़ी ..एक पूरी दुनिया !!

_अर्थहीन !!! बिल्कुल अर्थहीन !!

Quotes by आचार्य प्रशांत

अध्यात्म सबसे ऊँची कामना की बात है: _ “चाहेंगे, मगर जो उच्चतम है सिर्फ़ उसको !”

औसत इच्छाओं में ही जीवन लगाना हो तो _ अध्यात्म में समय व्यर्थ न करें.

“इश्क़ हो गया हैं” सच को भूल पाते नहीं, और जगत याद आता नहीं !!

जिसे प्यास लगती है, पानी उसे उपलब्ध होना शुरू हो जाता है ;

_ भौतिक जीवन में भले ऐसा न होता हो, पर अध्यात्म में ये जादू सदा होता है.

” अध्यात्म पलायन नहीं ” केवल अँधेरे और अज्ञान को त्यागना है, और कुछ नहीं..

आध्यात्मिकता, अनावश्यक को ख़त्म करने का अनुशासन है.

तुम दुनिया को समझने लगो और दुनिया को तुम समझ में आना बंद हो जाओ ;

_ तो जान लेना कि _ ज़िन्दगी सही दिशा में जा रही है..!

किसी भी कीमत पर _ एक सही जिंदगी जीना_ एक अभ्यास और आदत की बात होती है,

_ एक बार आप को इसकी आदत लग गई _ फिर आप नीचे गिरना बर्दाश्त ही नहीं करते;
_ फिर आप कहते है _ जान दे दूंगा लेकिन नीचे नही गिरूंगा.
अगर सब कुछ गँवा कर भी एक खरा जीवन मिल जाए, तो सौदा मुनाफ़े का है ;
_अगर वो खरापन गँवा कर अथाह दौलत भी मिल जाए, तो आप लुट गए !!
कोई कितना भी लुभाए, कुछ भी करे, अपनी जरूरतें कम-से-कम रखो.

जो लोग दुनिया को समझने लगते हैं, फिर दुनिया को वो कम समझ में आते हैं..

हमारी भूल ये नहीं है कि हमें सही-गलत नहीं पता,

_ हमारी भूल ये है कि हमें सब पता है उसके बावजूद हम पछ लेते हैं गलत का.!!

बहुत जल्द किसी के हो मत जाया करो,

ऐसे ही कहीं के हो मत जाया करो,

तुम्हें तो पराया होना है,

तुम्हें अपना ही नहीं होना है,

किसी और के कैसे हो बैठे..!!

दुनिया कितनी भी रंगीन हो, उसका इस्तेमाल पुल की तरह ही करना _

_ पुल से गुजर जाते हैं, पुल पर घर नहीं बनाते..

जिसकी ख़ातिर दुनिया की हज़ार ठोकरें सहीं,

आँख बंद करी तो पाया मुझे उसकी ज़रूरत नहीं.

चाहा उसको जो चाहने लायक था,

_ अब कौन परवाह करे कि मिला या नहीं मिला !!

जब आप ही वो नहीं रहेंगे, जो आप हुआ करते थे,

_ तो संसार आपके साथ _ वो कैसे कर लेगा _ जो किया करता था ?

गुरु का काम है _ तुम्हें सारे ज्ञान से मुक्ति देना _ सारी बातें बोली इसलिए जाती है ताकि जिन बातों में तुम उलझे बैठे हो _ उनकी निरर्थकता तुम्हें दिख जाए ;

कोई बात तुमको इसलिए नहीं बोली जाती कि तुम उसको पकड़ लो _ उसको सत्य समझ लो..

आप मुक्त होते जा रहे हो, इसका एक प्रमाण यह होगा कि आपको व्यर्थ बातों का संकलन करने में रूचि नहीं बचेगी ; कम होती जाएगी, कम होती जाएगी..

कोई आप को आ कर के फ़िज़ूल कि बातें बताना शुरू भी कर देगा तो आप को उबासी आने लगेगी, और आप उनकी फिजूल बातों की आंतरिक रूप से उपेक्षा करते रहेंगे.

जिस दिन अपना कद शरीर की ऊंचाई से नहीं, बल्कि मन की गहराई से नापने लगो –

– उस दिन समझ लेना – बड़े हो गए.

दुःख जीवन में अनिवार्य नहीं है, तुम बेवकूफ़ बन रहे हो, और तुम बेवकूफ़ इसलिए बन रहे हो,

क्योंकि तुम्हारे चारों ओर लोग ऐसे हैं, जिन्होंने जीवन व्यर्थ जगहों पर ही बिताया है.

जो रिश्ते तुम्हारी बेहोशी और अंधेरे को और घना करते हैं, उन रिश्तों से बाहर आओ।

_ जहाँ कहीं तुम्हें दुःख है, भय है, संशय है, जहाँ कहीं तुम्हारे जीवन में पचास तरह के उपद्रव हैं,

_ उस तरफ़ को बढ़ना छोड़ो ; _ यही राह है.

हमारे रिश्तों में बड़ी भूल रहती है, हमें कभी भी तुम नहीं चाहिए,

हमें हमेशा तुमसे कुछ चाहिए !!

और जिसे तुमसे कुछ चाहिए, वो तुम देना बंद कर दो, तो रिश्ता टुट जाता है,

रिश्ता हमेशा ऐसा बनाना, जिसमें कोई मांग ना हो, कोई शर्त ना हो !!

किसी भी कीमत पर एक सही जिंदगी जीना _ एक अभ्यास और आदत की बात होती है,

एक बार आप को इसकी आदत लग गई  _ फिर आप नीचे गिरना बर्दाश्त ही नहीं करते;

फिर आप कहते है _जान दे दुगा लेकिन नीचे नही गिरूंगा..!!

दिन ऐसा बिताओ कि रात को बिलकुल पड़ो और सो जाओ.

_ खाली करो अपने आपको, _ हर दृष्टि से स्वस्थ रहोगे – शारीरिक दृष्टि से भी, क्योंकि श्रम किया,

और मानसिक दृष्टि से भी, क्योंकि कोई बोझ नहीं बचाया अपने ऊपर.

ज़रूरत तो तुम्हारी बहुत छोटी होती हैं, तुम्हें पैसा ज़रूरत के लिए नहीं चाहिए होता है !

तुम्हें पैसा चाहिए होता है, _सामाजिक रुतबा बनाने में।

ज़्यादातर लोग जिन्हें भविष्य की बड़ी चिंता होती है, वो वही लोग हैं जिनका वर्तमान उखड़ा हुआ होता है.

जब भी कभी कोई बहुत हावी हो रहा हो आपके ऊपर,

कोई परिस्थिति, कोई व्यक्ति, कोई विचार, या कुछ भी, तो उससे लड़िए मत.

_ अपने मन को तलाशिए, उसमें ऐसा क्या है ; जिसका उपयोग करके वो व्यक्ति आपको नचा रहा है ?

तुमने बहुत कुछ अच्छा-अच्छा किया, ठीक-ठीक किया।

पर जो कुछ भी तुम कर रहे थे, उसको करने से पहले भी, करने के दौरान भी, और करने के बाद भी _ रह गए तुम पहले जैसा ही !

तो जो कुछ भी किया _सब बेकार है।

यह मत पूछो कि गुस्सा आने पर क्या करें ?

पूछो कि जीवन कैसा हो __ जिसमें कुंठा और क्रोध के बीज ही न हों.

जब भी निर्णय की घड़ी आए, जो कि लगातार आती ही रहती है; _ यही सवाल पूछिए,

चैन किधर है ? किधर को जाऊँ तो शांति है ? हर निर्णय अपने आप हो जायेगा.

तुम दाम चुका – चुका के बेचैनी उठाते है, कोई बैचेनी ऐसी नहीं है, जो मुफ़्त मिलती हो !

चैन तो मुफ़्त है, बैचेनी के बड़े दाम हैं !!

जाने हुए को जीना ही ज्ञान कहलाता है और ज्ञान को जीना तकलीफ़ नहीं शांति देता है ; _तुम्हारा डर तुमसे झूठ बोल रहा है.

जब तुम ध्यान से जीवन जीना शुरू करते हो, सिर्फ़ तब पहली बार पता चलता है कि तुम कितनी झूठी दुनिया में आज तक जी रहे थे.

कुछ पारलौकिक नहीं जानना है, ये जो सामने का संसार, उसी को साफ़ साफ़ नजरों से पूरा देखना है.

तुम जितने ऊँचे उठते जाओगे _ दुनिया को देखने का _ तुम्हारा नजरिया _ उतना ही साफ़ होता जाएगा.

जो स्वयं शांत हो जाता है, वो बिलकुल समझ जाता है कि, _ बाहर क्या- क्या अशांति चल रही है.

जब तुम्हें कुछ पता ही ना हो, और तुम्हारे साथ बहुत कुछ हो रहा हो _ वही बेहोशी है.

शांति बहुत बड़ी चीज़ होती है, _ उसके लिए जितना झुकना पड़े _ झुक जाना.

जीवन तुम्हारा ऐसा हो कि _ दूसरों के मन में तुम पर हावी होने का ख़्याल ही ना आए.

” ख़ुद जानो ख़ुद समझो ” – और फ़िर उससे एक सुंदर व्यवस्था निकलेगी _ उस पर जियो !

किसी तलाश है ? _ यही नहीं पता तो, सिर्फ भटकते ही रहोगे !!

दुनिया को भी अगर बारीकी से देख लिया तो, अपने आप को भी समझ जाओगे.

कहीं हमारे पहुँचने से पहले देर न हो जाये, _ और हम पूरी जिंदगी पछतायें..

सही चुनाव कर लो, उसके बाद _ ताक़त जहाँ से आनी होगी, आएगी..

‘दूर बैठ कर ताली बजाना आसान है, _ पास आकर साथ देना मुश्किल !

आपकी तकलीफें आपसे दूर नहीं हो सकती _ आप अपनी तकलीफों से दूर हो सकते हैं.

दुनिया की समझ इसलिये होनी चाहिये ताकि तुम दुनिया में ही फंस कर न रह जाओ.

कुछ चीजें छोड़ी इसलिए जाती हैं, _ ताकि उससे बेहतर कुछ पाया जा सके.

जो अपने दुःख के मूल में पहुंच जाता है, मात्र वही अपने दुःख से मुक्त हो पाता है.

चीजों को कीमत देते- देते हम ज़िंदगी को कीमत देना भूल जाते हैं.

नया जानकर _ तुम पुरानी ज़िंदगी में वापस कैसे चले जाते हो ?

न सुख की आशा, न दुख का डर _ जो सही है वो चुपचाप कर..

जिसने अपने खर्चे बढ़ा लिए, _ उसे तो ग़ुलाम होना ही पड़ेगा…

खुद जग जाओ, _ नहीं तो ज़िन्दगी पीट कर जगाती है.

मज़े के ख़िलाफ़ नहीं हूँ मैं, _ छोटे मज़े के ख़िलाफ़ हूँ..

कोई भी निर्णय हो _ पैमाना एक ही होना चाहिए ..

जागे हुए आदमी का जिंदगी स्वयं साथ देती है.

वाकई दुखी होते हम, _ तो दुख छोड़ न देते ?

” तुम गलत राहों को ठुकरा कर तो देखो “

बातें आज़ादी की और मोह कटघरे से ?

आज़ादी उनके लिए है _ जिनमे ज़िद है.

संसार नहीं किसी को हराने आता है, तुम्हारी आंतरिक दुर्बलताएँ हराती हैं तुमको.

दुख हमे संसार ने नही दिये है, हमारे दुख हमारे अज्ञान का अंजाम है.

न अच्छा है न बुरा है संसार, समझ गए तो रास्ता न समझे तो दीवार.

चाँद की तरह शीतल होना हो तो _ पहले सूरज की तरह जलना सीखो..

ख़ुद जितना साफ़ रहोगे _ दूसरे को भी उतना _ कम गन्दा करोगे.

जग को साफ़ जानने के लिए _ मन साफ़ करो.

साधना माने सफाई __ जीवन से कचरा बाहर करो.

साहसी मन समस्या को नहीं, स्वयं को सुलझाता है.

समाधान समस्या में ही छुपा होता है.

इतना गंभीर मत बनो, कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है.

ज्ञान बहुतों को मिलता है, काम किसी – किसी के आता है.

ज्ञान आजादी देता है.

सच्चाई के साथ चलने के लिए जो भी कीमत लगती हो लगा देना,

_ क्योंकि अगर नहीं चलोगे, तो और ज़्यादा बड़ी कीमत देनी पड़ेगी..!!

जब सच्चाई कभी हार नहीं सकती _ तो तुम्हारी आँखों में इतनी मजबूरी क्यों है ?

अड़े ही रहते हैं जो सच के दीवाने हैं, _ जो गिरना चाहते हैं उनके सौ बहाने हैं..

उसका दुर्भाग्य कम है, जिसको कोई मिला ही नहीं ऐसा जो उसे राह दिखा सके और सच बता सके !

पर जिसको कोई मिले ऐसा जो राह दिखा सके और सच बता सके, और वो उसको घर के दरवाज़े पर ही रोक दे,

उससे बड़ा अभागा कोई दूसरा नहीं होगा.

उन गलतियों की कोई माफ़ी नहीं है,

जहाँ आप जानते हैं क्या सही क्या गलत लेकिन जानते-बूझते गलत को चुनें..

लोगों को अपने जीवन में केवल उस सत्य के संदर्भ में मूल्य दें जो वे आपके जीवन में लाते हैं.

Let people have value in your life only in the context of the Truth they bring to your life.

संसार जो दुःख देता है, तुम उसको चुनोगे, तो वो दुःख क्रमशः बढ़ता ही जाएगा, _ _ और वो तुम्हें अपनी गिरफ़्त में और लेता जाएगा।

सच्चाई तुम्हें जो दुःख देती है, उसको चुनोगे, तो धीरे-धीरे दुःख कम होता जाएगा, _ _ दुःख से मुक्त होते जाओगे।

खाओ पीओ, ऐश करो ! ऐसा बोलने वाले क्या ऐश कर रहे है ?

जो ईमानदार हैं, वो तो बता देते हैं अपना दुख..
पर जो महा बेईमान हैं वो खुद भले ही तड़प रहे हों लेकिन सुख का मुखौटा ओढ़े रहते हैं ताकि दूसरे उनके सुख को देख कर तड़पें !
खा पी के, भोग विलास से आनंद कभी नहीं मिलता,
आनंद मिलता हैं बंधनों और बेड़ियों को काटने से… मुक्ति से

दुख तुम्हारी ओर फेंकने वाले, हज़ारों लोग हो सकते हैं

और सैकड़ों स्थितियाँ हो सकतीं हैं,

पर दुख तुम स्वीकार करोगे या नहीं करोगे, इसमें अंतत; चुनाव तुम्हारा ही होता है.

तुम सच की परवाह कर लो _ सच तुम्हारी परवाह कर लेगा

अगर जीवन तुम्हारा साथ नहीं दे रहा है _ तो तुमने ज़रूर कहीं सच का साथ छोड़ा है

तुम सच के हो जाओ _ जीवन तुम्हारा हो जाएगा

सत्य से प्रेम है तो सत्य खुद बता देता है, __ उस तक कैसे पहुंचना है.

सच में जीना हल्की बात नहीं होती, कीमत तो अदा करनी ही पड़ती है.

” सच सस्ता होता तो सभी सच में जी रहे होते “

तुम्हारा जन्म दूसरों से अपनी तुलना करने के लिए नहीं हुआ है,

_ तुम्हारा जन्म अपनी सच्चाई को अभिव्यक्ति देने के लिए हुआ है.

सच और इंसान का वही नाता है जो पानी और मछली का।

वो तुम्हें ललचाएँगे, पर तुम बाहर मत आना।

मछली तो पानी बिन जान दे देती है।

कैसा है इंसान जो सच बिना जिए जाता है !

जो सही है, उसको ज़िन्दगी में लेकर आइए !

ये मत कहिए कि मेरे पास समय नहीं है, या मेर मजबूरियाँ हैं, सीमाएं हैं !!

अपनी सीमाओं के बीच में ही एक छोटी- सी शुरुआत कीजिए,, आज ही !!!

जिस चीज को भूलना चाहोगे, वो और याद आएगी.

जिसे भूलना हो, _ उससे बड़ी किसी चीज़ को लगातार याद रखो..

छोटी चीज अपने आप भूल जाओगे…

कभी रंग_ कभी धूप_ कभी धूमिल_ मैदान है,

बदलते मौसमों में भी_ आसमान तो आसमान है..

दूर, _ जितनी भी दूर तुम देख सकते हो,

हमेशा याद रखना __ उसके आगे भी मंज़िलें हैं..

सही को वजह की जरुरत नहीं पड़ती, _

_ और गलत को कोई वजह जायज़ नहीं कर सकती !

तुमने जन्म इसलिए नहीं लिया था कि

घड़ियाँ खरीदो, शर्ट खरीदो, व्यवसाय बढ़ाओ, नाम करो, परिवार करो !

समय की रेत पर ये घरौंदे खड़े करने के लिए नहीं जन्म हुआ था तुम्हारा !

तुम्हारा जन्म हुआ था ताकि जन्म सार्थक कर सको फिर और जन्म न लेना पड़े।

तैरना आता है तो यही पानी पार लगा देगा _

तैरना नहीं आता तो यही पानी जान ले लेगा,

पानी न अच्छा है न बुरा _ ज़िन्दगी की धारा को दोष मत दो – ” तैरना सीखो “

जितनी बार उचित दिशा में क़दम उठाओगे, आगे की राह और आसान हो जाएगी.

तुम्हारा हर क़दम निर्धारित कर रहा है कि अगला क़दम आसान पड़ेगा या मुश्किल.

हर कदम तुम्हें बदल देता है _ अगले कदम पर तुम तुम नहीं रहोगे., इसीलिए आगे के क़दमों की कल्पना या चिंता करना व्यर्थ है

_ तुम बस अभी जहाँ हो वहाँ से उठते एक कदम की सुध लो.

अगर रोशनी की तरफ चल रहे हो तो, हर कदम के साथ उजाला बढता जायेगा,

तो हर कदम से अगले कदम की हिम्मत मिलेगी, तुम कदम तो बढाओ.

कल का क्या होगा, ये कल पर छोड़ दो.

अगर अभी जो है सामने _ उसे ठीक कर लिया, _ तो कल अपने-आप ठीक हो जाएगा.

तुम्हें एक क्षण नहीं लगेगा नकली को नकली जान लेने में, _ अगर तुम असली हो गए.

जिसने अपने आपको धोखा देना बंद कर दिया, _ अब संसार उसे धोखा नहीं दे पाएगा.

जो दूसरों से धोखा खाना न चाहते हों, _ वो सबसे पहले अपने आपको धोखा देना बंद करें.

सच जानना है यदि दुनिया का _ तो सीधा तरीका है, ” तुम सच्चे हो जाओ “

जो सच्चा है वो तुम्हारे साथ चल देगा _ जो झूठा है, वो अपने आप बिदक जाएगा.

” शरीर की उम्र नहीं, चेतना का स्तर देखो “_ और इससे निर्णय करो कि

कौन है _ जिसकी बात सुननी है, _कौन है _ जिसकी बात नहीं सुननी है.

सच्चा दोस्त तुम्हें तुम्हारे करीब ले आता है,

नकली दोस्त तुम्हें तुमसे दूर ले जाता है.

साथ चलने वाला राह दिखा भी सकता है, और राह भटका भी सकता है ;

साथी संभल के चुनना, भाई !

अपने स्वयं के जीवन का निरीछण करें, फिर आप सत्य को पहचान पाएंगे.

जीवन को ऊँचे से ऊँचा लछ्य दीजिए, मन को सार्थक काम से भर दीजिए,

मन में कचरे के लिए जगह बचेगी ही नहीं.

काम ध्यान से चुनो और ये हिम्मत रखो कि जो काम चुनने लायक नहीं है,

_ उसे ठुकरा दो.

काम किसके लिए कर रहे हो, अगर यह पता है तो काम कैसे करना है _

__ यह अपने – आप सीख जाओगे.

छोटे काम पर तो छोटी निराशा भी हावी हो जाती है,

बड़े काम पर कोई छोटी निराशा हावी नहीं हो सकती.

जो छोटी बातों में खो गया, वो छोटा ही हो गया,

बड़ा याद हो जिसको, छोटे की चिंता नहीं उसको.

जिसको चाहिए होती है उसको ऊँचाई मिल जाती है,

तुम्हें मिली नहीं क्योंकि तुम्हें चाहिए नहीं थी.

जिन्हें ऊपर उठना है, वो ऊपर उठने का बहाना ढूँढ लेते हैं,

जिन्हें ऊपर नहीं उठना _ उन्हें हिमालय की ऊँचाइयों पर भी गन्दगी दिख जाती है.

जिसके पास कुछ बड़ा नहीं होगा, ये उसकी सज़ा है_

_ वो हर छोटी चीज़ को बहुत बड़ी समस्या बना लेगा.

तुम्हारी समस्या ये नहीं है कि कुछ सुलझता नहीं, सुलझ तो सौ बार जाता है.

तुम मुझे ये बताओ, सुलझी चीजों को _ उलझाते क्यों हो सौ बार ?

क्यों उठे हो आज सुबह –

पिछला दिन दोहराने के लिए, _ या नया दिन लाने के लिए ?

बरसाती कीड़े का- सा है आदमी का जीवन, ऐसे चुटकी बजाते बीत जाता है

_ और हम इसी भ्रम में हैं कि अभी समय बहुत है हमारे पास..

यही कर्तव्य है आपका – कि जब दस लोग मूर्खता कर रहे हों, तो उनके साथ आप मूर्खता न करें.

आप उनके दबाव में उनके जैसे न बन जाऍं, तो उनके सुधरने की भी संभावना बढ़ जाती है.

जो अपनी जिंदगी में संतुष्ट नहीं है, _ वही दूसरों की जिंदगी में ताक झाँक करता है.

जीने का मजा तब आता है, जब एक बहुत उंचा मकसद तुम्हारी जिंदगी पर छा जाता है.

ज़िंदगी की सबसे बड़ी बर्बादी है, _ छोटी – छोटी बातों में फँस जाना.

शून्यता का मतलब है खुद से मुक्त होना, और जहां शून्यता है वहां परमात्मा है.

लड़ो _ स्थिर होकर, शांत होकर, मौन होकर, _लड़ो ;

_ दुनिया को ऐसे लड़कों की बहुत ज़रूरत है..!!

कितना कुछ बोलती हैं ये चुप्पियाँ !

पर किसी की चुप सुनने के लिए _ तुम चुप होने को तैयार भी हो ?

बोलने लायक हो कुछ तो ही बोलो, _ नहीं तो मौन बहुत सुंदर है.

त्याग की यही परिभाषा है : जो बैचैन करता हो ” छोड़ो “

तड़पते हुए मन को शान्ति मिले _ _ यही एकमात्र धर्म है.

तुम्हारा हर काम कैसा होता है ?_  जैसे तुम होते हो.

हमारे कष्ट ही प्रमाण हैं _ हमारे भ्रमित होने का.

ज़रा सीधा होकर जीना है, ज़रा सरल, ज़रा भोला रहकर जीना है, _ होशियारी थोड़ी कम !

सीधे रहो, सरल रहो __ सिर्फ़ चालाक आदमी ही चालाकी का शिकार बनता है.

तुम्हारी चालाकी ही तुम्हारा बंधन है ; जो सरल है वो स्वतंत्र है.

चालाकी का जवाब, चालाकी नहीं, _ समझदारी है.

उसने कहा तो कहा, तुमने सुना क्यों ! दूसरों से प्रभावित क्यों हो जाते हो ?

” जीवन एक रंगमंच है ” इसमें अपना किरदार समझदारी से निभायें.

जिन्हें आगे बढ़ना हो, वो वापस लौटने के रास्ते बंद करें.

जो उचित है वो करो, अंजाम की परवाह छोड़ो.

जब निगाह में मंज़िल बसी हो, तब रास्ते में जो मिलता है, तुम उसका सम्यक उपयोग कर ही लेते हो.

मंज़िल से अगर प्यार हो, तो अनजाने रास्ते भी अपने हो जाते हैं.

मंज़िल से प्यार हो तो_ रास्ता प्यारा हो जाता है.

सही मार्ग जाना है तो खतरा उठाना है.

एक जिंदगी है__ दबे- दबे जीने मे क्या मजा है.

न चिंता न चाहत, तुम्हारा स्वभाव है ” बादशाहत “

जिसे पाने का लालच नहीं, उसे छिनने का डर भी नहीं.

जब भीतर गहराई रहती है, तो मन में लहरें कम उठती हैं.

चोट शब्दो से नहीं, उम्मीदों से लगती है.

उम्मीद छोड़ो, काबिलियत बढाओ.

सही काम चुनिये, डूब के करिये.

आकर्षक तो बहुत चीजें लगती हैं, बात आकर्षण की नहीं _ अंजाम की है.

सही काम के लिए जो भी युक्ति करनी पड़े, जितना भी श्रम करना पड़े कम है.

इतनी मेहनत से लड़ो, इतनी मेहनत से खेलो, कि नतीजे से फ़र्क ही न पड़े.
ढलान पर तो पत्थर भी लुढ़क लेता है, _ ऊंचाई पर जाने के लिए मेहनत चाहिए.
तुम्हारी दिशा ठीक होनी चाहिये, लोग साथ दें तो ठीक, ना दें तो ठीक.

करिए, कर डालिये ! काम यदि सही है तो हिचक कैसी ? समझ कर भी सोचते रहना ईमानदारी नहीं..

जब सीने मे सच्चाई रहती है तो छाती खुद ही चौड़ी रहती है.

किसी को मत बताओ तुम्हे करना क्या है, उसे कर के दिखाओ.

अभी को साधो, कल अपने आप ठीक हो जायेगा.

पुराने रास्तो पर चलते हुए, नयी मंजिल पर कैसे पहुंच जाओगे !

कुछ सफर ऐसे होते हैं, जिनमे सिर्फ रास्ता ही हमसफर हो सकता है.

जब दूसरे का हित, अपने सुख से अधिक कीमती लगे, _ तब सुख शुद्ध होकर आनंद कहलाता है.

दुख के न होने में आनंद नहीं है, _ दुख से न हारने में आनंद है.

आनंद है _ दुख और सुख – दोनों के तनाव से मुक्ति..

तुम्हारे साथ हो वही रहा है, जो तुमने तय किया है.

कोई भी कीमती चीज़ मुफ़्त नहीं मिलती, पात्रता दर्शानी पड़ती है.

हार हो जाये कोइ बात नहीं, हौशला नहीं टूटना चाहिए.

हार के भी जिसका कुछ न बिगड़े, _ सिर्फ़ उसी की जीत है.

खेल तो चलता रहेगा, लेकिन खेल कौन रहा, जीवन तुमसे या तुम जीवन से.

बहुत सारी बातो से डरते हो, लेकिन जीवन के बेकार चले जाने से क्यू नही डरते हो.

समय डर कर बीता दिया, तुमने अपना क्या बचा लिया.

कायर, तुम मरने के लिए तैयार हो, लेकिन जीने के लिए नहीं..

मनुष्य जीना ही तब शुरु करता है, जब वो डरा हुआ नही होता है.

हम डरे हुये है की हमारा कुछ बुरा न हो जाये, पर डर से बुरा और क्या होगा.

न डरना है _ न डूबना है _ नदिया बीच गुज़रकर _ नदिया पार उतरना है.

अगर परेशान रहते हो तो पक्का है कि, जीवन जीने के तरीके में कोइ भूल है.

दुख से बचने के लिये जिसकी तरफ भाग रहे हो, वो और भी बड़ा दुख है.

मन की चंचलता कोइ समस्या नही है, तुम स्थिर नही हो ये समस्या है.

अगर अपने मर्जी से ही चल रहे हो, तो रुक कर दिखाओ.

जब दुख परेशान करे तो दुख से कहो, सुख तो टिका नही, तु क्या टिकेगा.

मुझे मत बताओ की तुम्हे पता क्या है, मुझे दिखाओ तुम जी कैसे रहे हो.

देने वाला तो दे ही रहा है, जिन्हें न मिल रहा हो_ वो पुछे,_मेरी नियत है क्या..

जिसने आफतो मे मजा लेना सीख लिया है, वही इस जन्म का आनंद उठा पाता है.

प्रेम मे वादों की कोइ किमत नहीं, प्रेम में वे वादे भी निभ जाते हैं, जो किये ही नहीं.

दूसरों की ओर देखना बंद करो, प्रेम तुम्हारी आन्तरिक पूर्णता है.

प्रेम का नियम है : चाहे मिला हो, न मिला हो, बाँटना पड़ेगा.

मन की बैचेनी का चैन के प्रति खिंचाव ही प्रेम है.

प्रेम का अर्थ ये नहीं होता कि मेरे तुम्हारे विचार मिलते हैं,

प्रेम का अर्थ होता है कि मैं तुम्हारे हित के लिए उत्सुक हूँ, आतुर हूँ !

लोग कहते हैं, सच्चा प्यार मिलता नहीं ;

मैं कहता हूँ, सच्चा प्यार तुमसे बर्दाश्त होता नहीं.

आज मौका है जग जाओ, एक दिन ऐसा आएगा, जब आप चाह कर भी नही जग पायेंगे.

भटकना तुम्हारी नियति नही, तुम्हारा चुनाव है.

जब कोइ गलती करो तो उसे स्वीकारो ” गलती से तो आजाद हो जाओगे “

नही तो वही गलती फिर दोहराओगे.

उन गलतियों की कोई माफ़ी नहीं है जहाँ आप जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत लेकिन जानते – बूझते गलत को चुनें.

फैसले की घड़ी कुछ देर की चुनौती होती है, _ लालच-डर-वासना ये उस समय ज़ोरदार हमला करते हैं, _

_ इनका वार बस उस एक घड़ी बर्दाश्त कर जाओ तो लंबे समय चैन से जियोगे.

जब मन में लालच और डर होता है, तो वो चीज़ें जिनकी कोई कीमत नहीं, कोई हैसियत नहीं,

वो भी तुम पर हावी हो जाती है.

अपने लिए क्या जीना ? अपने लिए क्या लिखना ?

तुम्हारे लिए लिखता हूँ, तुम पढ़ोगे या नहीं – न जानता हूँ _ न जानना है.

किसको तुम ना कहते हो, किसको तुम हाँ कहते हो,

इसी से तुम्हारी जिंदगी तय होती है.

जिगर चाहिए, हौसला चाहिए, भीतर ज़रा आग चाहिए

किसी की हिम्मत नहीं होनी चाहिए ” तुमसे फालतू बात करने की “

तुम्हारे अलावा कौन है जो तुम्हें हरा सके ?

किसी और से कभी कहाँ हारे हो तुम !

मन जहाँ जाता हो उसे जाने दो, क्योंकि

मन से लडाई करके आजतक, ना तो कोई जीता है ना जीत सकता है.

वो दूसरा नहीं, वो तुम हो, जब दूसरों सी ज़िन्दगी बिता रहे हो, तो अंजाम भी तुम्हारा दूसरों सा ही होगा.

जिन्हें अपना अंजाम बदलना हो, वो अपनी ज़िन्दगी बदलें..

निंदा के लायक शायद बहुत लोग हैं, पर निंदा करना अपना ही समय ख़राब करना है न ?

जितनी देर बुराई करी उतनी देर में कुछ सार्थक ही कर लिया होता,

कुछ सुंदर ही कर लिया होता, तो तुम्हारा दिन कितना अलग होता _ कभी सोचना !

पानी को मथ कर घी निकालने की कोशिश कर रहे हो ?

प्रयास न करने से भी घातक है _ गलत जगह पर बार बार प्रयास करना.

हम कीचड़ में लोटने का लुत्फ़ उठाते हैं, और फिर अपनी भद्दी शक्ल का इल्ज़ाम

रो कर, चिल्ला कर औरों पर लगाते हैं ” अजीब हैं हम ! “

घोर संघर्ष के बीच यदि चैन नहीं, तो कहीं नहीं ; _ संघर्षों के खत्म होने की प्रतीछा मत करो,

संघर्ष कभी खत्म नहीं होते – – संघर्षों के मध्य ही चैन सीखो

ज़िन्दगी का तो मतलब ही है कठिनाई _ सही कठिनाई चुनो, सही कष्ट चुनो.

परिपक्व आदमी का पहला लछण है – – अकेले चल पाने से डर ना लगना.

किसी की मदद करने में जितना प्रेम चाहिए, उतनी ही सावधानी भी। आपका दायित्व है कि उसे शीघ्रतिशीघ्र इस क़ाबिल बना दें कि उसे आपकी मदद की ज़रूरत रहे ही नहीं।

मददगार की तरह किसी के जीवन में बने ही न रहें। देखें कि कितनी जल्दी आप स्वयं को अनावश्यक बना सकते हैं। यही असली मदद है।

इससे पहले कि तुम्हें किसी दूसरे का सहारा न लेना पड़े, तुम्हें जो उचित है, उसका सहारा लेना पड़ेगा.

उचित सहारा कौन – सा है ?

उचित सहारा वो होता है, जो शनैः शनैः तुम्हें ऐसा बना दे, कि तुम्हें फिर किसी सहारे की आवश्यकता न रहे.

जितना ज़रूरी है कमज़ोर को सुरक्षा देना, _ उतना ही ज़रूरी है उसको सुरक्षा न देना जो कमज़ोर नहीं है।

क्योंकि जो कमज़ोर नहीं है अगर तुमने उसे सुरक्षा दे दी, _ तो वो कमज़ोर हो जाएगा।

सही जगह पर जितना समय गुज़ारोगे, अशांत जगह पर वक़्त गुज़ारना उतना मुश्किल होने लगेगा _ तुम्हारे लिए ..

तुम जहाँ भी समय लगा रहे हो, _ चलो लगा दो. _ हम तो बस एक ही सवाल पूछेंगे,

_ वो समय जहाँ लगाया, _ वहाँ शांति मिली या नहीं मिली ?

डर, लालच, बेचैनी सभी देखने में अलग-अलग लगते हैं लेकिन इनकी जड़ एक ही है ;

_ यदि आप किसी एक को अपने जीवन से निकाल पाएँ तो बाक़ी अपनेआप चले जाएँगे !

कोई भी चीज़ इस संसार की _ इतनी कीमती नहीं _ कि उसके लिए _ अपनी आत्यंतिक शांति को _ दाँव पर लगा दें.

दुःख का असर तुम पर होता है, लेकिन तुम्हारा एक कोना ऐसा है _ जहाँ दुःख नहीं पहुँच सकता.

” उस कोने को याद रखो बस “

न रुतबे न ताकत न महलो – मकान के लिए, _ तुम्हारे भीतर है कोई तड़पता _

_ पंख और उड़ान के लिए _ मुट्ठी भर आसमान के लिए..

” ऊँचे लोगों की संगति हमेशा नहीं मिलती ” अगर उनके सामने नहीं बैठ सकते,

तो उनके शब्दों के साथ बैठ लो ” संगति ही सबकुछ है “

सारी ज़िंदगी, सारी किस्मत, तुम्हारी इसी बात से तय हो जाती है कि

तुमने किसको अपना आदर्श बना लिया और किसकी संगति स्वीकार कर ली.

” जितने अँधेरे में तुम जीओगे, उतने तुम्हारे पास सपने होंगे ” ज़रा प्रकाश तो जलाओ, हक़ीक़त देखो_

फिर बताना मुझे कि _ क्या मन अभी – भी इधर- उधर भटकता है.

व्यक्ति भी वही भला है, जिसकी संगति में तुम मौन हो सको। जान लो कि कौन तुम्हारा मित्र है, कौन नहीं ।

जिसकी संगति में तुम मौन हो सको, वो तुम्हारा दोस्त । और जिसकी संगति में तुम अशांत हो जाओ, वो तुम्हारा दुश्मन है।

—— सावधानी से चाहना, क्योंकि जिसे चाहोगे वैसे ही हो जाओगे. ——

समझ से जियो, नहीं तो जीवन निर्दयता से समझाता है !!

अधिकांश परिवार हिंसा भरा, बेहोशी भरा जीवन जीते हैं और सोचते हैं मौज तो है !

जब बिना अध्यात्म के पैसा बढ़ता जा रहा है, मौज, अय्याशी, विलासिता बढ़ती जा रही है तो सत्य की जरुरत क्या है ?

ऐसी सोच के परिवारों में दो खोट हैं, पहला बाहरी खुशियों से अंदर कोई ख़ुशी नहीं मिलती !

दूसरा ऐसे परिवारों के नजदीक जाओगे तो पाओगे कि उनके अंदर रोग हैं, समस्याएं हैं !!

मुझसे अगर कुछ सीखना चाहते हो, तो यही सीखो कि जीवन में बड़े विवेक से और बड़ी निष्कामना से सही लक्ष्य बनाना है, और फिर उसमें आकंठ डूब जाना है।

मेहनत अपने-आप हो जाती है, गिननी नहीं पड़ती.

ठीक वैसे ही जैसे बैडमिंटन खेलो तो स्कोर गिनते हो, कैलोरी तो नहीं न ? कैलोरी अपने-आप घट जाती है. इधर स्कोर बढ़ रहा है, उधर कैलोरी घट रही है.

पीछे-पीछे जो होना है वो चुपचाप हो रहा है, वैसा ही जीवन होना चाहिए.

तुम वो करो जो आवश्यक है, उससे तुम्हारा जो लाभ होना है वो पीछे-पीछे चुपचाप हो जाएगा; तुम्हें वो लाभ गिनना नहीं पड़ेगा.

” ऐसे जियो कि जैसे खेल हो, जान लो की खेल है, फिर जान लगाकर खेलो ? “

उम्मीद मत रखो, सिर झुका कर चुपचाप काम करो, _

_ अच्छा परिणाम आ जाए, बहुत अच्छी बात है ..

सही निर्णय ही सही जीवन का आधार होते हैं.

निरन्तर सत्य को चुनने का कोई विकल्प नहीं होता.

अगर जीवन को सरल, सहज, शांत बनाना है, _ तो हर कदम, जो सही है उसे चुनना होगा.

मन डरेगा . . . आलस रोकेगा, _ लेकिन हिम्मत कर, सही निर्णय लेना होगा..

जो पाने पर जितना खुश होता है वो छिनने पर उतना दुखी होगा.

मिलना हो कि बिछड़ना, पाना हो कि गँवाना, एक से रहो.

मानो खेल हो, _ जीते तो बस हल्के से मुस्कुरा दिए और हारे तो भी बस मुस्कुरा दिए, बात खत्म !

जो उत्तेजित बहुत होते हैं वही फिर अवसाद में जाते हैं.

हम उतने ज़रूरी नहीं हैं जितना हमने अपने – आपको बना रखा है,

आपसे पहले भी दुनिया थी, आपके बाद भी दुनिया रहेगी _

_ ” किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ना है “

सही नियत से जीवन जीना ही ईमानदारी भी है, और सफलता भी ;

_ ईमानदारी से सफलता नहीं मिलेगी, ईमानदारी ही सफलता है.

सही काम के लिए मौका मिलता नहीं, जीवन से छीनना पड़ता है.

छीनने का बल दिखाएं _ ” यही शक्ति है “

मन में, या जीवन में, जो कुछ भी चल रहा है, उसे समझने पर ज़ोर दो ;

पसंद – नापसंद बाद में देखी जाएगी.

कुछ नया लाना है, कुछ बेहतर बनाना है,

कल अच्छा था या बुरा था, उस पर नहीं रुक जाना है,

यात्रा को ही जन्म लेते हैं, यात्री को चलते जाना है

मेहनत से कल बनाया था, मेहनत से आज बनाना है,

मंज़िल आई बीत गयी, अब आगे कदम बढ़ाना है.

उदास होते हो तो _ दूसरों की वजह से,

उत्तेजित होते हो तो _ दूसरों की वजह से,

ऊबते हो तो _ दूसरों की वजह से,

आकांछा है तो _ दूसरों की,

और डर है तो _ दूसरों से,

” सब कुछ तो दूसरों का ही है “

नज़र साफ़ होने लगी हो, बेहतर दिखाई देने लगा हो, तो जान लो कि रोशनी की तरफ बढ़ रहे हो.

जो बातें पहले उलझी-उलझी थीं, अगर वो अब सरल और सुलझी हुई हो गई हैं, तो जान लो कि रोशनी की तरफ़ बढ़ रहे हो.

और उलझनें यदि यथावत हैं, तो जान लो कि अँधेरा कायम है.

आचार्य जी, मन का माहौल बढ़िया कैसे रखें ?

➖✨➖✨➖✨➖

मन का माहौल बढ़िया रखने का एक ही तरीका है

मन को किसी ऊँचे-से-ऊँचे कार्य में लगा दीजिए।

मन का मौसम उतना ही सुहाना रहेगा,

जितना सुहाना मन का लक्ष्य।

मन का लक्ष्य ही अगर सुंदर नहीं है,

तो मन की हालत सुंदर नहीं हो सकती।

मन का लक्ष्य अगर होगा—नोट और सिक्के।

तो मन भी वैसा ही होगा सिक्के जैसा, नोट जैसा।

फाड़ो तो फट जाए और गिराओ तो टन-टन-टन-टन करे !

मन का लक्ष्य होगा अगर बड़ी-बड़ी इमारतें

और घर और फैक्ट्रियाँ,

तो मन भी फिर ईंट-पत्थर जैसा होगा।

खुरदुरा, शुष्क, रुखा और टूटने को तैयार

कि ईंट पटक दी और टूट गई।

मन भी ऐसा ही होगा खट से टूट गया।

मन का जैसा लक्ष्य मन की वैसी हालत।

मन कमज़ोर लगता हो अगर, तो जान लीजिए

मन ने लक्ष्य ही कमज़ोर बना रखे हैं।

जीवन में, जो भी आप की परिस्थितियों में,

उच्चतम लक्ष्य संभव हो उसको रखिए

और आगे, और आगे बढ़ते जाइए,

जीवन इसीलिए है।

छोटी-छोटी चीज़ों में उलझे रहेंगे,

तो ‘मन’ भी छोटा हो जाएगा। ➖➖➖➖

मन चंगा रखिए, जीवन अपनेआप चंगा रहेगा !

बुढापा हो या जवानी,

हम सबकी एक पटकथा, एक कहानी
जब आपने ख़ुद रोशनी देखी नहीं,
जब आपको ख़ुद पता नहीं कि जीवन क्यों है?
और कैसे जिए जाना चाहिए ?
तो आप बस यही करते हो कि
जो बंधे-बंधाए तरीके हैं-
उनका अनुकरण करते चलो!
जीने का कोई बड़ा कारण हम जानते नहीं।
बचपन से यही देखा है,
ऐसे ही जिए हैं कि- अपने सुख के लिए जियो !
पढ़ाई कर रहे हो किस लिए?
अपने अंक बढ़ जाएँगे।
नौकरी कर रहे हो किस लिए?
अपना आदर – सम्मान होने लगेगा,
अपनी आय आने लगेगी।
अगर तुम्हारे पास जीने के लिए
कोई सार्थक ध्येय नहीं है
तो सत्तर – अस्सी साल की जिंदगी
बहुत लंबी हो जाती है, काटे नहीं कटती।
हमारे जीवन में कुछ ऊंचा क्यों नहीं है ?
हमारे जीवन में सब छुद्र छोटी-छोटी चीज़ों
के लिए ही जगह क्यों है?
बड़े का आगमन बहुत सारी
छोटी समस्याओं को यूँ ही हटा देता है।
कुछ तो तुम्हारी ज़िन्दगी में ऐसा हो
जिसको तुम पूरी तरह से समर्पित हो जाओ।

सीखा बहुत कम है, तालीम है अधूरी _ इस घने जंगल में आदमजात चाहता हूँ ||

मुझे बात करने से रोकते हो तुम, _ तुम बात कर सको यही बात चाहता हूँ ||

Quotes by Khalil Gibran – ख़लील जिब्रान

March on. Do not tarry. To go forward is to move toward perfection. March on, and fear not the thorns, or the sharp stones on life’s path. Because they only draw corrupt blood.

कूच करना. _देर मत करो. आगे बढ़ना पूर्णता की ओर बढ़ना है. _आगे बढ़ो, और जीवन के पथ पर कांटों, या नुकीले पत्थरों से मत डरो. __ क्योंकि वे सिर्फ गंदा खून निकालते हैं.

In the depths of your hopes and desires, lies your silent knowledge of the beyond, and like seeds dreaming beneath the snow, your heart dreams of spring. Trust the dreams, for in them is hidden the gate to eternity.

आपकी आशाओं और इच्छाओं की गहराई में, परे का आपका मौन ज्ञान निहित है, और जैसे बर्फ के नीचे बीज सपने देखते हैं, आपका दिल वसंत का सपना देखता है.

_सपनों पर भरोसा करें, क्योंकि उनमें अनंत काल का द्वार छिपा है.

All things in this vast universe exist in you, with you, and for you.

इस विशाल ब्रह्मांड की सभी चीज़ें आपमें, आपके साथ और आपके लिए मौजूद हैं.

When you are born, your work is placed in your heart.

जब आप पैदा होते हैं, तो आपका काम आपके दिल में होता है.

The soul unfolds itself, like a lotus of countless petals.

आत्मा अनगिनत पंखुड़ियों वाले कमल की तरह स्वयं को प्रकट करती है.

The veil that clouds your eyes shall be lifted by the hands that wove it.

जो पर्दा तुम्हारी आँखों पर छाया हुआ है, वह उन हाथों से उठ जाएगा जिन्होंने उसे बुना है.

Man struggles to find life outside himself, unaware that the life he is seeking is within him.

मनुष्य अपने से बाहर जीवन खोजने के लिए संघर्ष करता है, इस बात से अनजान कि वह जिस जीवन की तलाश कर रहा है वह उसके भीतर है.

You are not enclosed within your bodies, nor confined to houses or fields. That which is you dwells above the mountain and roves with the wind.

आप अपने शरीर के भीतर बंद नहीं हैं, न ही घरों या खेतों तक ही सीमित हैं. _वह जो तुम हो वह पर्वत के ऊपर रहता है और हवा के साथ घूमता है.

For that which is boundless in you abides in the mansion of the sky, whose door is the morning mist, and whose windows are the songs and the silences of night.

क्योंकि जो तुममें असीम है वह आकाश के भवन में रहता है, जिसका द्वार सुबह की धुंध है, और जिसकी खिड़कियाँ गीत और रात की खामोशियाँ हैं.

Follow your heart. Your heart is the right guide in everything big. Mine is so limited. What you want to do is determined by that divine element that is in each of us.

अपने दिल की सुनो. _आपका दिल हर बड़ी चीज़ में सही मार्गदर्शक है. _मेरा तो बहुत सीमित है.

_आप क्या करना चाहते हैं यह उस दिव्य तत्व द्वारा निर्धारित होता है जो हममें से प्रत्येक में है.

“You talk when you cease to be at peace with your thoughts ; And when you can no longer dwell in the solitude of your heart you live in your lips, and sound is a diversion and a pastime. And in much of your talking, thinking is half murdered. For thought is a bird of space, that in a cage of words may indeed unfold its wings but cannot fly.”

“आप तब बात करते हैं जब आप अपने विचारों से शांत रहना बंद कर देते हैं; और जब तुम अपने दिल के एकांत में नहीं रह सकते तो तुम अपने होठों में रहते हो, और ध्वनि एक मनोरंजन है. और आपकी अधिकांश बातचीत में, सोच की आधी हत्या कर दी जाती है. _क्योंकि विचार अंतरिक्ष का एक पक्षी है, जो शब्दों के पिंजरे में अपने पंख तो खोल सकता है, लेकिन उड़ नहीं सकता.”

I am a poet who composes what life proses, and who proses what life composes.

मैं एक कवि हूं जो जीवन जो कुछ लिखता है _उसे लिखता है और जो कुछ जीवन लिखता है _उसे लिखता है.

The poet is a bird of strange moods. He descends from his lofty domain to tarry among us, singing; if we do not honor him he will unfold his wings and fly back to his dwelling place.

कवि अजीब मिजाज का पक्षी है. वह गाते हुए, हमारे बीच रहने के लिए अपने ऊंचे क्षेत्र से उतरता है; _यदि हम उसका आदर न करें तो वह अपने पंख फैलाकर अपने निवास स्थान की ओर उड़ जाएगा.

And God said, Love your enemy, & I obeyed Him & loved myself.

और परमेश्वर ने कहा, अपने शत्रु से प्रेम रखो, और मैं ने उसकी आज्ञा मानी, और अपने आप से प्रेम किया.

I do not want you to hear that I LOVE you, but I want you to feel it without me having to say.

मैं नहीं चाहता कि तुम यह सुनो कि मैं तुमसे प्यार करता हूँ, बल्कि मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे कहे बिना इसे महसूस करो.

I wash my hands of those who imagine chattering to be knowledge, silence to be ignorance, and affection to be art.

मैं उन लोगों से हाथ धोता हूं जो बकबक को ज्ञान, मौन को अज्ञान और स्नेह को कला मानते हैं.

My loneliness was born when men praised my talkative faults and blamed my silent virtues.

मेरा अकेलापन तब पैदा हुआ जब लोग मेरे बातूनी दोषों की प्रशंसा करते थे और मेरे मूक गुणों को दोष देते थे.

A little knowledge that acts is worth infinitely more than much knowledge that is idle.

थोड़ा-सा ज्ञान जो काम में आता है, वह बहुत अधिक बेकार ज्ञान से कहीं अधिक मूल्यवान है.

For this I bless you most. You give much and know not that you give at all.

इसके लिए मैं तुम्हें सबसे अधिक आशीर्वाद देता हूं. तुम बहुत कुछ देते हो और नहीं जानते कि तुम कुछ भी देते हो.

What is this world that is hastening me toward I know not what, viewing me with contempt ?

यह कौन सी दुनिया है जो मुझे न जाने किस ओर ले जा रही है, मुझे घृणा की दृष्टि से देख रही है ?

If I accept the sunshine and warmth, then I must also accept the thunder and lightning.

यदि मैं धूप और गर्मी को स्वीकार करता हूं, तो मुझे गरज और बिजली को भी स्वीकार करना होगा.

Knowledge of the self is the mother of all knowledge. So it is incumbent on me to know my self, to know it completely, to know its minutiae, its characteristics, its subtleties, and its very atoms.

स्वयं का ज्ञान सभी ज्ञान की जननी है. __इसलिए यह मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने आप को जानूं, इसे पूरी तरह से जानूं, इसकी बारीकियों, इसकी विशेषताओं, इसकी सूक्ष्मताओं और इसके परमाणुओं को जानूं.

My friend, I am not what I seem. Seeming is but a garment I wear — a care-woven garment that protects me from thy questionings and thee from my negligence. The “I” in me, my friend, dwells in the house of silence, and therein it shall remain for ever more, unperceived, unapproachable.

मेरे दोस्त, मैं वैसा नहीं हूँ जैसा दिखता हूँ. _दिखावा सिर्फ एक परिधान है जिसे मैं पहनता हूं – एक देखभाल से बुना हुआ कपड़ा जो मुझे आपके सवालों से बचाता है और आपको मेरी लापरवाही से..!

_मेरे मित्र, मुझमें जो “मैं” है, वह मौन के घर में रहता है, और वहां यह सदैव, अगोचर, अप्राप्य बना रहेगा.

My Soul gave me good counsel, teaching me never to delight in praise or to be distressed by reproach. Before my Soul taught me, I doubted the value of my accomplishments until the passing days sent someone who would extol or disparage them. But now I know that trees blossom in the spring and give their fruits in the summer without any desire for accolades. And they scatter their leaves abroad in the fall and denude themselves in the winter without fear of reproof.

मेरी आत्मा ने मुझे अच्छी सलाह दी, और मुझे सिखाया कि कभी भी प्रशंसा से प्रसन्न न हो और न ही निन्दा से व्यथित हो.

_इससे पहले कि मेरी आत्मा मुझे सिखाए, मैंने अपनी उपलब्धियों के मूल्य पर संदेह किया जब तक कि गुजरते दिनों ने किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं भेजा जो उनकी प्रशंसा करता या उनका अपमान करता.

_लेकिन अब मुझे पता है कि पेड़ वसंत ऋतु में खिलते हैं और बिना किसी प्रशंसा की इच्छा के गर्मियों में फल देते हैं और वे पतझड़ में अपनी पत्तियाँ विदेश में बिखेर देते हैं और सर्दियों में डांट के डर के बिना खुद को नग्न कर लेते हैं.

For the first time the sun kissed my own naked face and my soul was inflamed with love for the sun, and I wanted my masks no more. And as if in a trance I cried, “Blessed, blessed are the thieves who stole my masks.” Thus I became a madman.

पहली बार सूरज ने मेरे अपने नग्न चेहरे को चूमा और मेरी आत्मा सूरज के प्रति प्रेम से भर गई, और मैं अपने मुखौटे नहीं चाहता था.

_और मानो मैं मदहोशी में चिल्लाया, “धन्य हैं, धन्य हैं वे चोर जिन्होंने मेरे मुखौटे चुरा लिए।” इस तरह मैं पागल हो गया.

I have found both freedom and safety in my madness; the freedom of loneliness and the safety from being understood, for those who understand us enslave something in us.

मैंने अपने पागलपन में आज़ादी और सुरक्षा दोनों पाई हैं; अकेलेपन से मुक्ति और समझे जाने से सुरक्षा, _क्योंकि जो लोग हमें समझते हैं वे हममें कुछ न कुछ गुलाम बना लेते हैं.

They deem me mad because I will not sell my days for gold; and I deem them mad because they think my days have a price.

वे मुझे पागल समझते हैं, क्योंकि मैं अपने दिन सोने के बदले में न बेचूंगा; और मैं उन्हें पागल मानता हूं क्योंकि वे सोचते हैं कि मेरे दिनों की कोई कीमत है.

If you are poor, shun association with him who measures men with the yardstick of riches.

यदि आप गरीब हैं, तो उसकी संगति से दूर रहें जो मनुष्य को धन के पैमाने से मापता है.

How often have you sailed in my dreams. And now you come in my awakening, which is my deeper dream.

तुम कितनी बार मेरे सपनों में आये हो _और अब तुम मेरी जागृति में आते हो, जो मेरा गहरा सपना है.

And your fragrance shall be my breath, And together we shall rejoice through all the seasons.

और तेरी सुगन्ध मेरी सांस होगी, और हम सब मिलकर हर मौसम में आनन्द मनाएंगे.

I would not exchange the laughter of my heart for the fortunes of the multitudes.

मैं अपने हृदय की हंसी को भीड़ के भाग्य से नहीं बदलूंगा.

Give me an ear and I will give you a Voice.

मुझ पर कान लगाओ और मैं तुम्हें आवाज दूंगा.

I learnt silence from the talkative.

बातूनी से मैंने खामोशी सीखी.

When I planted my pain in the field of patience it bore fruit of happiness.

जब मैंने अपना दर्द धैर्य के खेत में बोया तो उसमें खुशी का फल आया.

Tears have cleansed my eyes, and errors have taught me the language of the hearts.

आँसुओं ने मेरी आँखें निर्मल कर दी हैं, और त्रुटियों ने मुझे हृदय की भाषा सिखा दी है.

I discovered the secret of the sea in meditation upon a dewdrop.

ओस की बूंद पर ध्यान करते हुए मुझे समुद्र का रहस्य पता चला.

A traveller I am, and a navigator, and everyday I discover a new region within my soul.

मैं एक यात्री हूं, एक नाविक हूं और हर दिन मैं अपनी आत्मा के भीतर एक नया क्षेत्र खोजता हूं.

In the depth of my soul there is a wordless song.

मेरी आत्मा की गहराई में एक शब्दहीन गीत है.

Strange, the desire for certain pleasures is a part of my pain.

अजीब बात है, कुछ सुखों की चाहत मेरे दर्द का एक हिस्सा है.

The universe is my country and the human family is my tribe.

ब्रह्माण्ड मेरा देश है और मानव परिवार मेरी जनजाति है.

I existed from all eternity and, behold, I am here; and I shall exist till the end of time, for my being has no end.

मैं अनंतकाल से अस्तित्व में हूं और देखो, मैं यहां हूं; और मैं समय के अंत तक अस्तित्व में रहूंगा, क्योंकि मेरे अस्तित्व का कोई अंत नहीं है.

The nearest to my heart are a king without a kingdom and a poor man who does not know how to beg.

मेरे दिल के सबसे करीब एक राजा है जिसके पास राज्य नहीं है और एक गरीब आदमी है जो भीख मांगना नहीं जानता.

I have passed the mountain peak and my soul is soaring in the firmament of Complete and unbounded freedom; I am in comfort, I am in peace.

मैं पर्वत शिखर को पार कर चुका हूं और मेरी आत्मा पूर्ण और असीमित स्वतंत्रता के आकाश में उड़ रही है; _मैं आराम में हूं, मैं शांति में हूं.

The sea that calls all things unto her cals me, and I must embark.

समुद्र जो सभी चीजों को अपनी ओर बुलाता है, मुझे बुलाता है और मुझे उस पर चढ़ना होगा.

My yearning is my cup, my burning thirst is my drink, and my solitude is my intoxication; I do not and shall not quench my thirst. But in this burning that is never extinguished is a joy that never wanes.

मेरी उत्कंठा मेरा प्याला है, मेरी जलती हुई प्यास मेरा पेय है, और मेरा एकान्त मेरा नशा है; मैं अपनी प्यास नहीं बुझाता और न ही बुझाऊंगा.

_लेकिन इस जलन में जो कभी नहीं बुझती, एक खुशी है जो कभी कम नहीं होती.

When God threw me, a pebble, into this wondrous lake, I disturbed its surface with countless circles. But when I reached the depths, I became very still.

जब भगवान ने मुझे, एक कंकड़, इस अद्भुत झील में फेंक दिया, __ मैंने इसकी सतह को अनगिनत वृत्तों से विक्षुब्ध कर दिया. __लेकिन जब मैं गहराई तक पहुंचा, मैं एकदम शांत हो गया.

My house says to me, “do not leave me, for here dwells your past.” And the road says to me, “Come and follow me, for I am your future.” And I say to both my house and the road, “I have no past, nor have I a future. If I stay here, there is a going in my staying; and if I go there is a staying in my going. Only love and death change all things.”

मेरा घर मुझसे कहता है, “मुझे मत छोड़ो, क्योंकि तुम्हारा अतीत यहीं बसता है” _और सड़क मुझसे कहती है, “आओ और मेरे पीछे आओ, क्योंकि मैं तुम्हारा भविष्य हूं.”

_और मैं अपने घर और सड़क दोनों से कहता हूं, “मेरा न तो कोई अतीत है, न ही मेरा कोई भविष्य है.

_अगर मैं यहां रहता हूं, तो मेरे रहने में एक ठहराव है; और अगर मैं जाता हूं तो मेरे जाने में एक ठहराव है. _केवल प्यार और मृत्यु सभी चीज़ें बदल देती है.”

I use hate as a weapon to defend myself; had I been strong, I would never have needed that kind of weapon.

मैं अपनी रक्षा के लिए नफरत को एक हथियार के रूप में उपयोग करता हूं; अगर मैं ताकतवर होता तो मुझे उस तरह के हथियार की कभी जरूरत नहीं पड़ती.

I came here to be for all and with all, and what I do today in my solitude will be echoed tomorrow by the multitude. What I say now with one heart will be said tomorrow by thousands of hearts.

मैं यहां सभी के लिए और सभी के साथ रहने के लिए आया हूं, और आज मैं अपने एकांत में जो करता हूं वह कल भीड़ द्वारा प्रतिध्वनित किया जाएगा.

_जो मैं अभी एक हृदय से कहता हूं कल हजारों हृदय वही कहेंगे.

If aught I have said is truth, that truth shall reveal itself in a clearer voice, and in words more kin to your thoughts.

यदि मैंने जो कुछ भी कहा है वह सत्य है, तो वह सत्य स्वयं को अधिक स्पष्ट स्वर में, और आपके विचारों से अधिक मेल खाने वाले शब्दों में प्रकट करेगा.

Half of what I say is meaningless; but I say it so that the other half may reach you.

मैं जो कहता हूं उसका आधा अर्थहीन है; लेकिन मैं इसे इसलिए कहता हूं ताकि बाकी हिस्सा आप तक पहुंच सके.

The fool sees naught but folly; and the madman only madness. Yesterday I asked a foolish man to count the fools among us. He laughed and said, “This is too hard a thing to do, and it will take too long. Were it not better to count only the wise ?”

मूर्ख को मूर्खता के सिवा कुछ नहीं दिखता; और पागल केवल पागलपन है. _ कल मैंने एक मूर्ख आदमी से पूछा कि हमारे बीच मूर्खों की गिनती करो.

_वह हँसे और बोले, “यह बहुत कठिन काम है और इसमें बहुत समय लगेगा. _क्या केवल बुद्धिमानों को ही गिनना बेहतर नहीं था ?”

Our worst fault is our preoccupation with the faults of others.

हमारा सबसे बड़ा दोष दूसरों के दोषों में व्यस्त रहना है.

How beautiful to find a heart that loves you, without asking you for anything, but to be okay.

एक ऐसा दिल पाना कितना ख़ूबसूरत है जो आपसे कुछ भी मांगे बिना आपसे प्यार करता है, लेकिन ठीक है.

Keep your heart in wonder at the daily miracles of your life.

अपने जीवन के दैनिक चमत्कारों से अपने हृदय को आश्चर्यचकित रखें.

Observe the wonders as they occur around you. Don’t claim them. Feel the artistry moving through and be silent.

आपके आस-पास घटित होने वाले चमत्कारों का निरीक्षण करें. _उन पर दावा मत करो. कलात्मकता को आगे बढ़ते हुए महसूस करें और चुप रहें.

Most people who ask for advice from others have already resolved to act as it pleases them.

अधिकांश लोग जो दूसरों से सलाह माँगते हैं वे पहले ही यह ठान चुके होते हैं कि वे जैसा चाहें वैसा कार्य करेंगे.

We choose our joys and sorrows long before we experience them.

हम अपने सुख और दुःख को अनुभव करने से बहुत पहले ही चुन लेते हैं.

He who has not looked on Sorrow will never see Joy.

जिसने दुःख को नहीं देखा, वह सुख को कभी नहीं देख पाएगा.

Beauty is life when life unveils her holy face.

सौंदर्य ही जीवन है जब जीवन अपना पवित्र चेहरा प्रकट करता है.

The subtlest beauties in our life are unseen and unheard.

हमारे जीवन की सूक्ष्मतम सुन्दरताएँ अनदेखी और अनसुनी हैं.

You talk when you cease to be at peace with your thoughts.

आप तब बात करते हैं जब आप अपने विचारों के साथ शांत रहना बंद कर देते हैं.

The appearance of things changes according to the emotions; and thus we see magic and beauty in them, while the magic and beauty are really in ourselves.

भावनाओं के अनुसार चीज़ों की शक्ल बदल जाती है; और इस प्रकार हम उनमें जादू और सुंदरता देखते हैं, जबकि जादू और सुंदरता वास्तव में हमारे अंदर हैं.

Beauty is that which attracts your soul, and that which loves to give and not to receive.

सुंदरता वह है जो आपकी आत्मा को आकर्षित करती है, और वह जो देना पसंद करती है, लेना नहीं.

When you reach the heart of life you shall find beauty in all things, even in the eyes that are blind to beauty.

जब आप जीवन के हृदय तक पहुंचेंगे तो आपको हर चीज में सुंदरता मिलेगी, यहां तक ​​कि उन आंखों में भी जो सुंदरता के प्रति अंधी हैं.

Nature reaches out to us with welcoming arms, and bids us enjoy her beauty; but we dread her silence and rush into the crowded cities, there to huddle like sheep fleeing from a ferocious wolf.

प्रकृति स्वागत करते हुए हमारी ओर बढ़ती है, और हमें उसकी सुंदरता का आनंद लेने के लिए कहती है; लेकिन हम उसकी चुप्पी से डरते हैं और भीड़ भरे शहरों में भाग जाते हैं, वहां एक क्रूर भेड़िये से भागती भेड़ों की तरह छिपने के लिए.

joy and sorrow are inseparable. . . together they come and when one sits alone with you . . remember that the other is asleep upon your bed.

खुशी और दुःख अविभाज्य हैं. . . वे एक साथ आते हैं और जब कोई आपके साथ अकेले बैठता है, .. याद रखें कि दूसरा आपके बिस्तर पर सो रहा है.

A man can be free without being great, but no man can be great without being free.

कोई भी व्यक्ति महान हुए बिना स्वतंत्र हो सकता है, लेकिन कोई भी व्यक्ति स्वतंत्र हुए बिना महान नहीं हो सकता.

We are limited, not by our abilities, but by our vision.

हम अपनी क्षमताओं से नहीं, बल्कि अपनी दृष्टि से सीमित हैं.

For life and death are one, even as the river and the sea are one.

क्योंकि जीवन और मृत्यु एक हैं, वैसे ही जैसे नदी और समुद्र एक हैं.

One may not reach the dawn save by path of night.

रात्रि के मार्ग के अलावा कोई भी व्यक्ति भोर तक नहीं पहुँच सकता.

All can hear, but only the sensitive can understand.

सुन तो सभी सकते हैं, लेकिन केवल संवेदनशील ही समझ सकते हैं.

To be able to look back upon ones life in satisfaction, is to live twice.

अपने जीवन को संतुष्टि के साथ देखने में सक्षम होना, दो बार जीने के समान है.

There must be something strangely sacred about salt. It is in our tears and in the sea.

नमक के बारे में अवश्य ही कुछ अजीब पवित्र बात होगी. _यह हमारे आंसुओं में और समुद्र में है.

The snow and the storm destroy the flower; but its seed they cannot kill.

बर्फ़ और तूफ़ान फूल को नष्ट कर देते हैं; परन्तु इसके बीज को वे मार नहीं सकते.

The optimist sees the rose and not its thorns; the pessimist stares at the thorns, oblivious to the rose.

आशावादी गुलाब को देखता है, उसके कांटों को नहीं; निराशावादी काँटों को देखता है, गुलाब से बेखबर.

Strange that we all defend our wrongs with more vigor than we do our rights.

अजीब बात है कि हम सभी अपने अधिकारों की तुलना में अपनी गलतियों का बचाव अधिक जोर-शोर से करते हैं.

You may forget with whom you laughed, but you will never forget with whom you wept.

आप यह भूल सकते हैं कि आप किसके साथ हँसे थे, लेकिन आप यह कभी नहीं भूलेंगे कि आप किसके साथ रोये थे.

Music is the language of the spirit. It opens the secret of life bringing peace, abolishing strife.

संगीत आत्मा की भाषा है. यह जीवन का रहस्य खोलता है, कलह मिटाकर शांति लाता है.

The song of the voice is sweet, but the song of the heart is the pure voice of heaven.

आवाज का गीत मधुर है, लेकिन हृदय का गीत स्वर्ग की शुद्ध आवाज है.

When life does not find a singer to sing her heart she produces a philosopher to speak her mind.

जब जिंदगी को अपने दिल की बात कहने के लिए कोई गायक नहीं मिलता तो वह अपने मन की बात कहने के लिए एक दार्शनिक पैदा करती है.

The reality of the other person is not in what he reveals to you, but in what he cannot reveal to you. Therefore, if you would understand him, listen not to what he says but rather to what he does not say.

दूसरे व्यक्ति की वास्तविकता इसमें नहीं है कि वह आपको क्या बताता है, बल्कि इसमें है कि वह आपको क्या नहीं बता सकता.

_इसलिए, यदि आप उसे समझना चाहते हैं, तो वह जो वह कहता है उसे नहीं बल्कि वह जो वह नहीं कहता है उसे सुनें..!

To understand the heart and mind of a person, look not at what he has already achieved, but at what he aspires to.

किसी व्यक्ति के दिल और दिमाग को समझने के लिए यह नहीं देखें कि उसने पहले ही क्या हासिल कर लिया है, बल्कि यह देखें कि वह क्या चाहता है.

The significance of a man is not in what he attains, but rather what he longs to attain.

मनुष्य का महत्व इसमें नहीं है कि वह क्या प्राप्त करता है, बल्कि इसमें है कि वह क्या प्राप्त करना चाहता है.

He who understands you is greater kin to you than your own brother. For even your own kindred neither understand you nor know your true worth.

जो तुम्हें समझता है वह तुम्हारे अपने भाई से भी बड़ा तुम्हारा रिश्तेदार है. _यहां तक ​​कि आपके अपने रिश्तेदार भी न तो आपको समझते हैं और न ही आपका असली मूल्य जानते हैं.

Your living is determined not so much by what life brings to you as by the attitude you bring to life; not so much by what happens to you as by the way your mind looks at what happens.

आपका जीवन इस बात से निर्धारित नहीं होता कि जीवन आपके लिए क्या लाता है, बल्कि इस बात से निर्धारित होता है कि आप जीवन के प्रति अपना दृष्टिकोण क्या रखते हैं; इतना नहीं कि आपके साथ क्या घटित होता है, बल्कि इस बात से कि आपका मन कैसे देखता है कि क्या घटित होता है.

You cannot judge any man beyond your knowledge of him, and how small is your knowledge.

आप किसी भी व्यक्ति का मूल्यांकन उसके बारे में अपने ज्ञान से परे नहीं कर सकते, और आपका ज्ञान कितना छोटा है.

Many of us spend our whole lives running from feeling with the mistaken belief that you can not bear the pain. But you have already borne the pain. What you have not done is feel all you are beyond that pain.

हममें से बहुत से लोग अपना पूरा जीवन इस गलत धारणा के साथ महसूस करने में बिता देते हैं कि आप दर्द सहन नहीं कर सकते.

_लेकिन आप पहले ही दर्द सह चुके हैं. आपने जो नहीं किया है वह यह महसूस करना है कि आप उस दर्द से परे हैं.

Pain and foolishness lead to great bliss and complete knowledge, for Eternal Wisdom created nothing under the sun in vain.

दर्द और मूर्खता महान आनंद और पूर्ण ज्ञान की ओर ले जाती है, क्योंकि शाश्वत बुद्धि ने सूर्य के नीचे व्यर्थ में कुछ भी नहीं बनाया.

The teacher who is indeed wise does not bid you to enter the house of his wisdom but rather leads you to the threshold of your mind.

जो शिक्षक वास्तव में बुद्धिमान है, वह आपको अपने ज्ञान के घर में प्रवेश करने के लिए नहीं कहता, बल्कि आपको आपके मन की दहलीज तक ले जाता है.

Your children are not your children. They are the sons and daughters of Life’s longing for itself. They come through you but not from you, and though they are with you, yet they belong not to you. You may give them your love, but not your thoughts. For they have their own thoughts. You may house their bodies but not their souls, for their souls dwell in the house of tomorrow, which you cannot visit, not even in your dreams. You may strive to be like them, but seek not to make them like you. For life goes not backward, nor tarries with yesterday.

आपके बच्चे आपके बच्चे नहीं हैं. वे जीवन की लालसा के पुत्र और पुत्रियाँ हैं. _ वे तुम्हारे माध्यम से आते हैं, लेकिन तुमसे नहीं, और यद्यपि वे तुम्हारे साथ हैं, फिर भी वे तुमसे संबंधित नहीं हैं.

_आप उन्हें अपना प्यार तो दे सकते हैं, लेकिन अपने विचार नहीं ; _ क्योंकि उनके अपने विचार हैं.

_ आप उनके शरीरों को तो रख सकते हैं, लेकिन उनकी आत्माओं को नहीं, क्योंकि उनकी आत्माएं कल के घर में रहती हैं, जिसे आप नहीं देख सकते, यहां तक ​​कि अपने सपनों में भी नहीं.

_आप उनके जैसा बनने का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने जैसा बनाने का प्रयास न करें.

_क्योंकि जीवन पीछे की ओर नहीं जाता है और न ही कल के लिए रूकता है.

Truth is like the stars; it does not appear except from behind obscurity of the night. Truth is like all beautiful things in the world; it does not disclose its desirability except to those who first feel the influence of falsehood. Truth is a deep kindness that teaches us to be content in our everyday life and share with the people the same happiness.

सत्य सितारों की तरह है; यह रात के अंधेरे के अलावा कहीं और प्रकट नहीं होता. _सत्य दुनिया की सभी खूबसूरत चीज़ों की तरह है; यह उन लोगों को छोड़कर अपनी वांछनीयता का खुलासा नहीं करता है जो सबसे पहले झूठ के प्रभाव को महसूस करते हैं.

_सत्य एक गहरी दयालुता है जो हमें अपने रोजमर्रा के जीवन में संतुष्ट रहना और लोगों के साथ समान खुशी साझा करना सिखाती है.

If your knowledge teaches you not the value of things, and frees you not from the bondage to matter, you shall never come near the throne of Truth.

यदि आपका ज्ञान आपको चीजों का मूल्य नहीं सिखाता है, और आपको पदार्थ के बंधन से मुक्त नहीं करता है, तो आप कभी भी सत्य के सिंहासन के करीब नहीं पहुंच पाएंगे.

He who listens to truth is not less than he who utters truth.

जो सत्य सुनता है, वह सत्य बोलने वाले से कम नहीं है.

A truth is to be known always, to be uttered sometimes.

सत्य को हमेशा जानना है, कभी-कभी बोलना है.

The truly great man is he who would master no one, and who would be mastered by none.

वास्तव में महान व्यक्ति वह है जो किसी का स्वामी नहीं होगा, और जिसका कोई स्वामी नहीं होगा.

In the sweetness of friendship let there be laughter, and sharing of pleasures. For in the dew of little things the heart finds its morning and is refreshed.

दोस्ती की मिठास में हँसी-मज़ाक और खुशियाँ बाँटने दें. _क्योंकि छोटी-छोटी वस्तुओं की ओस में हृदय अपनी सुबह पाता है और तरोताजा हो जाता है.

The silence of the envious is too noisy.

ईर्ष्यालु लोगों की खामोशी भी बहुत शोर भरी होती है.

The envier praises me unknowingly.

ईर्ष्यालु व्यक्ति अनजाने में मेरी प्रशंसा करता है.

Much of your pain is self-chosen.

आपका अधिकांश दर्द स्व-चुना हुआ है.

Your pain is the breaking of the shell that encloses your understanding. It is the bitter potion by which the physician within you heals your sick self. Therefore, trust the physician and drink his remedy in silence and tranquility.

आपका दर्द उस खोल का टूटना है जो आपकी समझ को घेरे हुए है. _यह वह कड़वी औषधि है जिसके द्वारा आपके भीतर का चिकित्सक आपके बीमार स्वंय को ठीक करता है.

_इसलिए, चिकित्सक पर भरोसा करें और चुपचाप और शांति से उसके उपचार का सेवन करें.

You often say, “I would give, but only to the deserving.” The trees in your orchard say not so, nor the flocks in your pasture. They give that they may live, for to withhold is to perish.

आप अक्सर कहते हैं, “मैं दूंगा, लेकिन केवल योग्य व्यक्ति को” आपके बगीचे के पेड़ ऐसा नहीं कहते, न ही आपके चरागाह में भेड़-बकरियाँ ऐसा कहती हैं.

_वे देते हैं ताकि वे जीवित रह सकें, क्योंकि रोकना नष्ट होना है.

When you love you should not think you can direct the course of love, for love, if it finds you worthy, directs your course.

जब आप प्रेम करते हैं तो आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि आप प्रेम के मार्ग को निर्देशित कर सकते हैं, _क्योंकि प्रेम, यदि वह आपको योग्य समझता है, तो आपके मार्ग को निर्देशित करता है.

If the other person injures you, you may forget the injury; but if you injure him you will always remember.

यदि दूसरा व्यक्ति तुम्हें चोट पहुँचाता है, तो तुम उस चोट को भूल सकते हो; लेकिन अगर तुम उसे चोट पहुँचाओगे तो तुम्हें हमेशा याद रहेगा.

If your heart is a volcano, how shall you expect flowers to bloom ?

यदि आपका हृदय ज्वालामुखी है, तो आप फूलों के खिलने की उम्मीद कैसे करेंगे ?

The lust for comfort, that stealthy thing that enters the house a guest, and then becomes a host, and then a master.

आराम की लालसा, वह चोरी-छिपे चीज़ जो घर में पहले मेहमान के रूप में प्रवेश करती है, और फिर मेज़बान और फिर मालिक बन जाती है.

Art arises when the secret vision of the artist and the manifestation of nature agree to find new shapes.

कला का उदय तब होता है जब कलाकार की गुप्त दृष्टि और प्रकृति की अभिव्यक्ति नए आकार खोजने के लिए सहमत हो जाती है.

Progress lies not in enhancing what is, but in advancing toward what will be.

प्रगति जो है उसे बढ़ाने में नहीं है, बल्कि जो होगा उसकी ओर आगे बढ़ने में है.

The bird has an honor that man does not have. Man lives in the traps of his abdicated laws and traditions; but the birds live according to the natural law of God who causes the earth to turn around the sun.

पक्षी के पास वह सम्मान है जो मनुष्य के पास नहीं है. _मनुष्य अपने त्यागे हुए कानूनों और परंपराओं के जाल में रहता है; _लेकिन पक्षी भगवान के प्राकृतिक नियम के अनुसार रहते हैं जो पृथ्वी को सूर्य के चारों ओर घूमने का कारण बनता है.

You have been told that, even like a chain, you are as weak as your weakest link. This is but half the truth. You are also as strong as your strongest link. To measure you by your smallest deed is to reckon the power of ocean by the frailty of its foam. To judge you by your failures is to cast blame upon the seasons for their inconstancy.

आपको बताया गया है कि, एक जंजीर की तरह, आप अपनी सबसे कमजोर कड़ी की तरह ही कमजोर हैं.

_ये आधा सच है. आप भी अपनी सबसे मजबूत कड़ी की तरह ही मजबूत हैं. __आपको आपके सबसे छोटे काम से मापने का मतलब समुद्र की ताकत को उसके झाग की कमजोरी से आंकना है.

_अपनी असफलताओं के आधार पर आपका मूल्यांकन करना ऋतुओं पर उनकी अनिश्चितता के लिए दोष मढ़ना है.

When you have grasped a problem clearly, face it with resolution, for that is the way of the strong.

जब आपने किसी समस्या को स्पष्ट रूप से समझ लिया है, तो उसका समाधान के साथ सामना करें, क्योंकि यही मजबूत लोगों का मार्ग है.

He that tries to seize an opportunity after it has passed him by is like one who sees it approach but will not go to meet it.

वह जो अवसर निकल जाने के बाद उसका लाभ उठाने की कोशिश करता है, वह उस व्यक्ति के समान है जो अवसर को निकट आते हुए तो देखता है, परन्तु उसका सामना करने के लिए नहीं जाता.

In the mouth of Society are many diseased teeth, decayed to the bones of the jaws. But Society makes no effort to have them extracted and be rid of the affliction. It contents itself with gold fillings.

सोसायटी के मुंह में बहुत से बीमार दांत हैं, जबड़े की हड्डियां तक ​​सड़ चुकी हैं. _लेकिन समाज उन्हें बाहर निकालने और पीड़ा से छुटकारा दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं करता है. __यह स्वयं को सोने से भर देता है.

The heart’s affections are divided like the branches of the cedar tree; if the tree loses one strong branch; it will suffer but it does not die; it will pour all its vitality into the next branch so that it will grow and fill the empty place.

हृदय का स्नेह देवदार की शाखाओं की भाँति बँटा हुआ है; यदि पेड़ एक मजबूत शाखा खो देता है; वह कष्ट सहेगा परन्तु मरेगा नहीं; वह अपनी सारी जीवन शक्ति अगली शाखा में डाल देगा ताकि वह बढ़े और खाली जगह को भर दे.

Only those return to Eternity Who on earth seek out Eternity.

केवल वे ही अनंत काल की ओर लौटते हैं जो पृथ्वी पर अनंत काल की तलाश करते हैं.

Seek ye counsel of the aged for their eyes have looked on the faces of the years and their ears have hardened to the voices of Life. Even if their counsel is displeasing to you, pay heed to them.

बुज़ुर्गों से सलाह लो, क्योंकि उनकी आँखों ने वर्षों के चेहरों पर नज़र डाली है और उनके कान जीवन की आवाज़ के प्रति कठोर हो गए हैं.

_भले ही उनकी सलाह तुम्हें नापसंद हो, तो भी उन पर ध्यान दो.

For life goes not backward, nor tarries with yesterday.

क्योंकि जीवन पीछे की ओर नहीं जाता है और न ही कल के लिए रूकता है.

Your clothes conceal much of your beauty, yet they hide not the unbeautiful. And though you seek in garments the freedom of privacy, you may find in them a harness and a chain. Would that you could meet the sun and the wind with more of your body and less of your raiment.

आपके कपड़े आपकी सुंदरता को छुपाते हैं, फिर भी वे आपकी सुंदरता को नहीं छिपाते. _और यद्यपि आप कपड़ों में गोपनीयता की स्वतंत्रता की तलाश करते हैं, आप उनमें एक हार्नेस और एक चेन पा सकते हैं. _काश कि आप अपने शरीर के अधिक हिस्से और कम कपड़ों के साथ सूरज और हवा का सामना कर पाते.

Our God, who art our winged self, it is thy will in us that willeth. It is thy desire in us that desireth. It is thy urge in us that would turn our nights, which are thine, into days which are thine also. We cannot ask thee for aught, for thou knowest our needs before they are born in us: Thou art our need; and in giving us more of thyself thou givest us all.

हमारे ईश्वर, जो हमारे पंखों वाले स्वरूप हैं, यह आपकी इच्छा है जो हममें निहित है. _हममें जो इच्छा है वह तेरी इच्छा है.

_यह हममें आपका आग्रह है जो हमारी रातों को, जो कि आपकी हैं, उन दिनों में बदल देगा जो आपकी हैं.

_हम आपसे कुछ भी नहीं मांग सकते, क्योंकि आप हमारी जरूरतों को हमारे अंदर पैदा होने से पहले ही जान लेते हैं:

_तू हमारी आवश्यकता है; और हमें अपने आप से अधिक देकर आप हमें सब कुछ दे देते हैं.

He is short-sighted who looks only on the path he treads and the wall on which he leans.

वह अदूरदर्शी है जो केवल उस रास्ते को देखता है जिस पर वह चलता है और जिस दीवार पर वह झुकता है.

Have you not heard of the man who was digging in the earth for roots and found a treasure ?

क्या तुमने उस आदमी के बारे में नहीं सुना जो ज़मीन में जड़ें खोद रहा था और उसे ख़ज़ाना मिला ?

Knowledge and understanding are life’s faithful companions who will never prove untrue to you. For knowledge is your crown, and understanding your staff; and when they are with you, you can possess no greater treasures.

ज्ञान और समझ जीवन के वफादार साथी हैं जो आपके लिए कभी भी झूठे साबित नहीं होंगे.

_क्योंकि ज्ञान तेरा मुकुट है, और समझ तेरी लाठी है; और जब वे तुम्हारे साथ हों, _तो तुम्हारे पास इससे बड़ा कोई खज़ाना नहीं हो सकता.

He who loses his mother loses a pure soul who blesses and guards him constantly.

जो अपनी माँ को खो देता है, वह एक पवित्र आत्मा खो देता है जो उसे लगातार आशीर्वाद देती है और उसकी रक्षा करती है.

Vain are the beliefs and teachings that make man miserable, and false is the goodness that leads him into sorrow and despair, for it is man’s purpose to be happy on this earth and lead the way to felicity and preach its gospel wherever he goes. He who does not see the kingdom of heaven in this life will never see it in the coming life. We came not into this life by exile, but we came as innocent creatures of God, to learn how to worship the holy and eternal spirit and seek the hidden secrets within ourselves from the beauty of life.

वे मान्यताएँ और शिक्षाएँ व्यर्थ हैं जो मनुष्य को दुखी करती हैं, और झूठी वह अच्छाई है जो उसे दुःख और निराशा में ले जाती है, क्योंकि मनुष्य का उद्देश्य इस धरती पर खुश रहना और खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करना और जहाँ भी वह जाता है, उसके सुसमाचार का प्रचार करना है.

_जो इस जीवन में स्वर्ग का राज्य नहीं देखता, वह आने वाले जीवन में इसे कभी नहीं देख पाएगा.

_हम इस जीवन में निर्वासन के द्वारा नहीं आए हैं, बल्कि हम भगवान के निर्दोष प्राणियों के रूप में आए हैं, यह सीखने के लिए कि पवित्र और शाश्वत आत्मा की पूजा कैसे करें और जीवन की सुंदरता से अपने भीतर छिपे रहस्यों को कैसे खोजें.

Youth is a beautiful dream, on whose brightness books shed a blinding dust. Will ever the day come when the wise link the joy of knowledge to youth’s dream? Will ever the day come when Nature becomes the teacher of man, humanity his book and life his school? Youth’s joyous purpose cannot be fulfilled until that day comes. Too slow is our march toward spiritual elevation, because we make so little use of youth’s ardor.

जवानी एक खूबसूरत सपना है, जिसकी चमक पर किताबें धुंधली धूल छिड़कती हैं. _क्या कभी वह दिन आएगा जब बुद्धिमान लोग ज्ञान के आनंद को युवावस्था के सपने से जोड़ देंगे ?

क्या कभी वह दिन आएगा जब प्रकृति मनुष्य की शिक्षक, मानवता उसकी पुस्तक और जीवन उसकी पाठशाला बनेगी ?

जब तक वह दिन न आये तब तक यौवन का आनन्दमय प्रयोजन पूरा नहीं हो सकता. _आध्यात्मिक उन्नति की ओर हमारा मार्च बहुत धीमा है, क्योंकि हम युवाओं की ललक का बहुत कम उपयोग करते हैं.

Why dispute what we shall be, when we know not even what we are.

इस बात पर विवाद क्यों करें कि हम क्या होंगे, जबकि हम यह भी नहीं जानते कि हम क्या हैं.

A shy failure is nobler than an immodest success.

एक शर्मीली असफलता एक अदम्य सफलता से अधिक महान होती है.

To love life through our labor is to be intimate with life’s inmost secrets.

अपने श्रम के माध्यम से जीवन से प्रेम करना जीवन के सबसे गहरे रहस्यों से घनिष्ठ होना है.

इच्छाओ का संघर्ष प्रकट करता है की जीवन व्यवस्थित होना चाहता है. ~

मैंने दुनिया को छोड़कर एकांत का दामन थामा, क्योंकि मैं उन अनगिनत लोगों की ख़ुशामद करते-करते थक गया, जो विनम्रता को कमज़ोरी, दया को कायरता और अहंकार को शक्ति समझते हैँ.!!







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