Isn’t it funny how day by day nothing changes, but when you look back, everything is different ?
क्या यह मज़ेदार नहीं है कि कैसे दिन-ब-दिन कुछ नहीं बदलता, लेकिन जब आप पीछे मुड़कर देखते हैं, तो सब कुछ अलग होता है ?
क्या यह मज़ेदार नहीं है कि कैसे दिन-ब-दिन कुछ नहीं बदलता, लेकिन जब आप पीछे मुड़कर देखते हैं, तो सब कुछ अलग होता है ?