हमारी मानसिक वृत्ति ही हमारी दुनिया बनाती है, _ हमारे विचार ही चीजों को सुन्दर बनाते हैं तो _ हमारे विचार ही उन्हें बदसूरत भी बनाते हैं.
— ” अच्छे विचार भीतरी सुन्दरता है.”
जैसे द्रव अपनी सतह स्वयं ढूंढ लेता है, वैसे ही सुंदर विचार फैलते हुए, इधर-उधर होते हुए उन तक पहुंच जाते हैं, जिन्हें उनकी ज़रूरत होती है.!!
हर छोटी चीज़ जीवन को संपूर्ण बनाती है_और आपको एहसास दिलाती है कि _आप एक सुंदर जीवन जी रहे हैं.!!
जीवन सुंदर पर अनिश्चित है हम सब जानते हैं, पर जब तक जीवन है साँसें चलना निश्चित है..
_ इन साँसों की सार्थकता को बनाए रखने के लिए हमें जीवन भर प्रयास करने होते हैं !
“जीवन को धीरे और सुन्दर तरीके से लो, जीवन कोई दौड़ नहीं है. ”
“चिंता मत करो, जीवन एक दौड़ नहीं है..!!”
युवावस्था बहुत सुन्दर है, संदेह नहीं ; _ पर जहां जीवन की गहनता की जांच होती है,
_ वहाँ यौवन का कोई मूल्य नहीं रह जाता.
जो शख्स चमड़ी और दमड़ी के दायरे में सुन्दरता को आंकते हैं, _ उनकी सोच सकारात्मक नहीं होती.
अगर आपकी आँखे सुन्दर हैं, तो आप दुनिया से प्यार करोगे ; _ पर अगर आपकी जबान मीठी है, तो दुनिया आपको प्यार करेगी.
_ अगर दोनों चीजें अच्छी हैं तो फिर आप तूफान मचा देंगे.
सुंदरता किसी के चेहरे पर नहीं होती है,
_ सुंदरता को देखने का हमारा अपना नज़रिया होता है..
सुन्दर मुखड़े के मुकाबले बरताव के भले तौरतरीके कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं. सुन्दर मुखड़ा लोगों को सिर्फ अपनी ओर खींचता है,
_ जबकि भले तौरतरीके हमेशा के लिए उन्हें अपने बन्धन में बाँध लेते हैं.
*”सुन्दर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है,_**
_*पर हमारा सुन्दर व्यवहार जीवन भर याद रहता है.!!
सुन्दर वह है जो सुन्दर काम करता है, समझदार है ;
_ तथा किसी को बे- वजह नुक़सान नहीं पहुँचाता है.
जीवन के हर पल को बेहतर बनाने का प्रयास , हमारा कर्त्तव्य है.
_ जीवन को जीने के ढंग से और भी सुन्दर बनाएँ.
अगर आप अपने मन के जाल में ही खोए रहेंगे तो _
_ इस जीवन की सुन्दरता से चूक जाएंगे.
हर समय मन को रचनात्मक एवं कल्याणकारी कार्यों में व्यस्त रखने से मन की व्यर्थ की भाग- दौड़ शान्त हो जाती है _ और मन सुन्दर सृजन में सलंग्न रहता है.
आप अपने व्यवहार , आचरण. रचनात्मकता, सामाजिक चेतना, योग्यता, व्यक्तित्व व विशिष्टता से पहचान बनाएँ. _ यह स्थायी और सुन्दर भी है.
एक पत्थर को तराशने से सुन्दर मूर्ति बन सकती है तो _ कर्मों के सहारे जिन्दगी को तराशने से बहुत सुन्दर स्वरुप बन सकता है..!!
अपने अन्तर्मन को साफ़ करें तो बाहर भी हर एक चीज़ साफ़ दिखाई देगी.
_ अन्तर्मन को संवारने से बाहर भी सब कुछ सुन्दर हो जाएगा.
किसी अच्छे इंसान के साथ हद से ज्यादा बुरा सुलूक मत कीजिये ;
_ क्योंकि सुन्दर काँच जब टूटता है, तो धारदार हथियार बन जाता है.
जब निराशा जीवन को घेर ले, _ तब निराशा के समंदर में आशा का पुल बनायें,
_ जीवन सुन्दर बन जायेगा..
इस जीवन में जीने से अधिक मरने के छण आयेंगे और हमें उनमें भी सुन्दर तरीके से जीना है !!
सफलता भी फीकी लगती है अगर कोई बधाई देने वाला ही न हो,
_ और विफलता भी सुन्दर लगती है जब आपके साथ कोई अपना खड़ा हो.
क्या आप किसी बेहतरीन चीज़ को सुंदर बनाने के लिए.. उसे नष्ट कर देंगे ?