मस्तों का आधार सूत्र है कि, दूसरों से अपने सुख को मत जोड़ो..!!
_ बहुत प्यार है मुझे अपने स्पेस से, अपने सपनों से, अपनी आजादी से..!!
यारों अगर हमें जीवन में कुछ बड़ा करना है तो सबसे पहले अपने कान बंद करने होंगे, _ क्योंकि हम क्या हैं और हम क्या कर सकते हैं वह सिर्फ हम जानते हैं.
_ दुनिया सिर्फ हमें बाहर बाहर से जानती हैं । हमारे अंदर क्या प्रतिभा है और हम कैसे दुनिया को बदल सकते हैं वो सिर्फ हम जानते हैं.
_ इसीलिए अगर हमने जीवन में खुश रहना है तो सबसे पहले खुद को समझें, खुद से प्यार करे, रोज सुबह उठकर योग और व्यायाम करें, अपने कंफर्ट क्षेत्र से बाहर निकले, अपने अंदर की प्रतिभा को जानें, खुद की कभी भी दूसरों से तुलना ना करें, अपने फोन से थोड़ी दूरी बनाकर रखें, खुद से बातें करें इत्यादि, _
_ जीवन में कुछ खुद को महत्व (importance) देना सीखो और अपनी खुशियों को खुद हासिल करो.
“_ जैसे दुनिया तुम्हें देखना चाहती है, वैसे बिलकुल भी मत बनना ;
जैसा तुम खुद को देखना चाहते हो, वैसा बनने के लिए जी जान लगा देना._”
“- आप की समझ बढ़ जाने के बाद आप लोगों के डिफरेंस को स्वीकार करने लगेंगे, _उन डिफरेंस की इज्जत करेंगे, उन्हें जज नहीं करेंगे.-“
_ जब हम अपने ही भीतर आत्मविश्वास से भरपूर हो जाते हैं और फिर कोई हमारा साथ दे या ना दे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता _ हम अपने में मस्त रहते हैं..!!
आसक्तियों को तोड़ने से स्वतंत्रता मिलती है, लेकिन आसक्तियों को तोड़ने का मतलब एक प्यारे और सार्थक रिश्ते को त्यागना नहीं है,
एक ऐसा रिश्ता जो आपकी आत्मा का पोषण करता है ; _ इसका अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु पर निर्भरता समाप्त करना ;; ” प्रेम कभी भी किसी पर निर्भर नहीं होता “
गुलामी का जीवन कष्टमय होता है_ … अतः आज़ादी को सँभालकर रखना हम सभी का दायित्व है.
“–हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जिसमें कोई भी आजाद नहीं है, _जिसमें शायद ही कोई सुरक्षित है, _ ऐसा लगता है कि इसमें ईमानदार रहना और जीवित रहना लगभग असंभव है.–“
You are free to be free ; but if you refuse to be free, nobody can make you free.
_ जिन्हें ये स्वाद लगा, वो फ़िर कैद में नहीं रहते …!!
-आज़ाद खयाल होना गलत नहीं, _ बस सबको अपनी हद मालूम होनी चाहिए..
_ खुद को आज़ाद कर लूँ ये फैसला ले लिया..!!
_ तो आप स्वतंत्रता के एक अद्भुत स्तर पर पहुंच गए हैं.
When you truly don’t care what anyone thinks of you, you have reached a awesome level of freedom.
– लेकिन स्वयं को खुश रखो !
_ और अधिकांश लोग जिम्मेदारी से डरते हैं..
– ” जिंदगी बहुत खूबसूरत है इसे खुश हो कर जीएं “
Don’t ever save anything for a special occasion. Being alive is the special occasion.
_ चाहे वह कितना भी अजीज हो, इस के लिए उसे भी त्याग दूँगा….••
“– जो स्वयं को जोखिम में डालने को तैयार नहीं है, _वह जीवन के रहस्योद्घाटन को कभी नहीं देख सकता..–“
_ काश हम सब “चीजें और सामान” जमा करने में कम समय बिताना सीखें _और यादें बनाने में अधिक समय व्यतीत करें.!!
_कुछ चीजें हैं _जो पैसे से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं !!
“- जो आपके पास नहीं है _उसकी इच्छा करके +जो आपके पास है _उसे बर्बाद मत करो.”
_एन्जॉय करते हैं और भरपूर जीवन जीते हैं ! सादगी से जियो ; सबसे प्रेम करो ; सबकी केअर करो. _जीवन का आनन्द लो, यही असली जीना है..
— ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो आपको खुश कर सकती हैं, _ उन चीजों पर ज्यादा ध्यान न दें जो आपको दुखी करती हैं —
” जीवन एक लंबी यात्रा है इसे उन लोगों के साथ सही ढंग से बिताएं _ जो आपके लिए मुस्कुराते हैं और आपसे प्यार महसूस करते हैं.”
_ लेकिन जो कतई जरुरी नहीं, उसके लिए यहां अथक प्रयास किया जाता है.
“– एक ईमानदार जीवन जीने के लिए बहुत सी चीजों की आवश्यकता नहीं होती है.”
जैसे एक पौधे को खिलने के लिए एक महंगे गमले की नहीं, एक अच्छी मिट्टी की आवश्यकता होती है, वैसे हीअच्छा जीवन जीने के लिए हमें महंगे साधनों की नहीं _ सरलता की, सहजता की और अच्छी समझ की जरुरत पड़ती है..!
_लेकिन जिन चीज़ों की आप कल्पना कर सकते हैं कि आपको ज़रूरत है _वह अनंत हैं, _और आप कभी संतुष्ट नहीं होंगे.
“- जब आप संतुष्ट होते हैं और अत्यधिक इच्छाओं से मुक्त होते हैं, तो जोड़-तोड़ करने वाले व्यक्तियों को शोषण करना या हस्तक्षेप करना मुश्किल लगता है.”
_ हारो तो उसे जिंदगी का पाठ समझो _ जीतो तो जिंदगी का इनाम..
_ दूसरे आपके बारे में क्या बात करते हैं, ये उन्हीं पर छोड़ दीजिए !!
_ आप के हिसाब से सब कुछ न हो तो _ समझो जो हो रहा है _ वही होना था..
_ परेशान वही है जो दूसरों की खुशियों से त्रस्त है !!
मेरा सफ़र अकेला है ,,,! पर मंज़िल तक पहुँचने के लिए, कुछ महान हस्तियों के, मार्गदर्शन की बहुत जरुरत होती है !!
The happiness of your life depends on the quality of your thoughts.
” इसका जवाब __” ज्ञान से मिलनेवाली _ आज़ादी का आनंद ” महसूस करने के बाद ही मालूम पड़ता है.
_ वे मनन के ज़रिए भावी संभावनाओं को पहले से ही जान लेते हैं.
इन्हेँ accept करिये, इन्हे overcome करिये और अपना तेज बनाये रखिये.
_ इसका मतलब है कि मेरी चुनौतियों के बावजूद, मैं अपनी खुशी और जीवन के सर्वोत्तम क्षणों पर ध्यान केंद्रित करना चुनता हूं.
_ आपका अतीत बदला नहीं जा सकता और आपका भविष्य सजा के लायक नहीं है..
कभी भी सबसे अच्छा बनने की कोशिश करना बंद न करें, _ यह आप की शक्ति है..
_ जो आपको आपकी पूरी क्षमता तक पहुँचने से रोकते हैं..
_ उसे पहले से हासिल करने वाले इंसान खुश हैं या नहीं ..
_ मानो कोई है जो हमारा साथ दे रहा है.
_ सांस उखड़ जाती है अच्छे अच्छों की.!!
_ और आकर्षण का नियम आपके लिए इसे प्राप्त करने का सही तरीका खोज लेगा..
_ या एक सुखद अनुभव को याद करके..
_ उसके पास विचारों का व्यापक दृष्टिकोण है और इसके साथ ही वह अंततः महान उपलब्धियां हासिल करता है..
_ बल्कि यह है कि हम इसे शुरू करने के लिए इतना लंबा इंतजार करते हैं..
_ लेकिन मूर्ख को कुछ भी संतुष्ट नहीं करता है; और यही कारण है कि इतनी सारी मानव जाति दुखी है.
_ बुद्धिमान व्यक्ति खुद को दुनिया के अनुरूप बना लेता है.
_ खुद पहचान लेगा ज़माना, भीड़ से तू अलग चल कर दिखा !!
_ जिन्होंने ऐसे काम किए जिन्हें लोग असंभव समझते थे..
अमूमन जहाँ किसी का ध्यान नहीं जाता है, और आप कभी भी संबंध नहीं खोते हैं..
_ बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि उसने वहाँ पहुँचने के लिए कितनी बाधाओं को पार किया है..
_ तो कठिनाइयां हमें दुखी नहीं बना सकतीं..
_ आप जो करते हैं, उसके बारे में किसी को कोई स्पष्टीकरण नहीं देना है_ आपका जीवन आपका है, _ उनका नहीं..
_ क्योंकि अगर वे आपकी कीमत जानते हैं, तो वे निश्चित रूप से आपके लिए एक जगह बनाएंगे.
_ लेकिन आपके दिल को अच्छी नहीं लगती है, तो यह सफलता बिल्कुल नहीं है.
_ ” कोई समस्या नहीं है, केवल चुनौतियाँ और समाधान हैं”
बल्कि इसलिए कि आप कुछ सही कर रहे हैं..
_ मानवता एक सागर है; सागर की कुछ बूंदे गंदी हो जाए तो सागर गंदा नहीं होता..
तुमने देखा, बस हँसे, और गिर गए…
स्वयं को एक दिन _ फूलों के बगीचे में पाओगे….
लेकिन मानसिक शांति आज भी प्रकृति की गोद में ही मिलती है.
जो रब की याद से संभव है…
_ अपनी मेहनत से खुद को साबित करें और अपना जीवन बदलें..
क्रिया की प्रतिक्रिया होती है, ” सुखद की सुखद और दुखद की दुखद “
_ एक सुकूँ से भरी जिंदगी है बहुत, चाहिए कुछ नहीं और ख़ुशी के लिए !!
जीवन समझौता है, घूँट – घूँट पीजिए …!!
आंख में बूंद ना हो _ दिल में समन्दर रखना..
दुखी मन के आगे _ समंदर की भी क्या औकात है..
_ प्रार्थना हमें बदल देती है _ और हम चीजों को बदल देते हैं..
_ जो हमेशा तक रहता है वो आसानी से नहीं मिलता..
- “- किसी को आसानी से मत मिल जाना, _ लोग सस्ता समझने लगते हैं -”
_ वह जीवन में उतनी हीं जरूरतें जोड़ता है _ ताकि जीवन ना घटे,
_ इस यात्रा पर निकला वह यात्री ज्य़ादा खुश है _ जिसके पास कम सामान है.
“– जीवन में ज्यादा जरूरी है कि अधिक धन अज॔न कि बजाय अधिक जिया जाए.–“
_ ख़्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने और ख़ुशी ख़रीद ली.
“-एक बार जब आप एक निश्चित उम्र तक पहुँच जाते हैं, तो आप बहुत सी चीज़ों से स्थायी रूप से अप्रभावित हो जाते हैं.”
” – जो खुद में खुश रहता है _ उसके लिए सभी परिस्थितियाँ अच्छी होती हैं..”
साज़िशें नहीं करते, नफ़रतें नहीं फैलाते, ” मगर कम होते हैं ऐसे लोग !!! “
तो सबसे पहले ज़िंदगी की परवाह होनी चाहिये,”
_ ज्यादा खुश, और ज्यादा समझदार होते जा रहे हैं.
अपनी जीवन की गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर किसी और को नहीं बैठने देना चाहिए. किसी और को बैठाने वाले जिम्मेदारियों से भागते हैं.
उन चीजों पर ध्यान देना जो लोगों ने कहा है कि आपको ” करना चाहिए ” आपकी खुशी को मार देगा ;
_ हर कोई अलग है, और आपकी खुशी का भी कोई रास्ता होगा.
अपनी किसी भावना का कोई एहसास ही नहीं रहता है, _ किसी एक खुशी को बताने के लिए सामने वाले पर इतने निर्भर हो जाते हैं कि उसके मूड के आगे अपनी खुशी गम उधार पर दे देते हैं.
जब हम खुद में खुशी ढूंढ लेते हैं तो दूसरे पर बोझ नहीं उसके साथी होते हैं, __ एक दूसरे की खुशी साझा करने बढ़ाने के लिए साथ होते हैं “
एक लंबे अंतराल के बाद पता चलता है कि हमने जिंदगी उस काम में गुजार दी, जिसमें खुद अपना ही अहित हुआ, तो आनेवाले समय में इस बात का ख्याल रहे कि अच्छे और नेक काम में समय बीते. यही जिंदगी का फलसफा है.
जीवन का मजा जीवंत रहने में है, इसलिए अपने स्वभाव के अनुसार जीवंत बने रहिए.
ये जो हमारा दिखावटी नकली और झूठा जीवन है, यही है गुलामी,
यही है जो हमें हमारे वास्तविकता से दूर रखता है, और यही है जो हम पर बोझ है,
यही है जो हमें आजाद और सुंदर नहीं होने देता,
तुम कमाल हो, बस समाज ओर लोगों के (( पैरामीटर)) मापदंड से खुद को देखना बन्द करो,,
_ फिर तुम कमाल हो _ तुम्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।।
सोसाइटी की नजर में तोपचंद बनने से अपना दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं,
वो अमीरी मुझे महा गरीबी लगती है _ जिसमे गुलामी होती है मजबूरी होती है..
चाहे दुनिया का सबसे बड़ा काम करो _ मगर आजादी नहीं तो _ सब व्यर्थ..
जीवन से मृत्यु तक का सफर मगर _ ” उसके पहले जी लो जिंदादिली से “
_मगर बहुत सारा प्रतिशत ऐसा भी है _ ख़ुद की आजादी के लिए इंसान को आजीवन जूझना होता है.. ऐसे में आप सिर्फ़ इग्नोर करें या सक्षम हैं तो वह जगह ही छोड़ दें _बट यहां मुझे नहीं लगता कोई ऐसी जगह बनी होगी _जहां सुकून मिले _सुकून भी अब छीनने वाली चीज़ बन गई है..
_ लोग क्या सोचेंगे, ज़माना क्या कहेगा, रिश्ते सवाल उठाएंगे, अपने मुंह मोड़ लेंगे बस यही सोच सोच कर इंसान एक जिंदा लाश बनकर जीता है.
_इस सोसइटी को हंसते, मुस्कुराते, खुश लोग पसंद नहीं, वो ज़िंदा लाशों को सर माथे पर बैठाता है.
_लेना देना कुछ नहीं होता _बस आपका कोई दुख जान जाएं तो _कुरेद कुरेद कर जीना हराम कर देते हैं.
_अब सोसाइटी का क्या कहें _ऐसे ही लोग मिलकर सोसाइटी बनाते हैं _जहां किसी की निजता का कोई मूल्य नहीं..
_सोसाइटी के so called मापदंडों पर यदि आप खरे नहीं उतरते _ तो जीना मुश्किल कर देंगे ये लोग..!!
_ जिस दिन सोसइटी को ठीक से जान जाओगे, उस दिन सोसइटी से सम्मान पाने की चाहत और बदनामी का डर दोनों मिट जाएगा, फिर जी उठोगे !!
_ वास्तव में मैं उनके जैसा नहीं बनना चाहता…
_ वे उम्मीद करते हैं कि मैं भी उनके जैसी सोच रखूं…जो कभी सम्भव नहीं है…
_ जो मैं हूँ, जैसा मैं हूँ.. हु-ब-हु वैसा ही रहना चाहता हूँ…
_ हालाँकि मुझे कभी-कभी इसका पछतावा हो सकता है..
_ लेकिन जब मैं सोसाइटी या दुनिया में आता हूँ..
_ यह एक नैतिक पतन जैसा लगता है- वेश्यालय में प्यार ढूँढ़ने जैसा..!!”
_क्यूंकि हम सब एक चादर ओढ़े मन में कुंठा लिए खुद को बचाने की कोशिश करते रहते हैं और जब सम्मान उस चादर का है तो _जिस दिन चादर हटेगा वो सब अपने साथ ले जाएगा _जो हम सबने उस चादर के भरोसे कमाये हैं.
_ अपना सिम्पल सा फंडा है ” जिओ और जीने दो ” _ छोटी ही सही मगर जिंदगी ” अपने नाम होनी चाहिए “
ना वो मुझे गलत ठहरा रहें ना मैं, खुद को सही बता रहा,
वो अपना काम कर रहे हैं, मैं अपना काम,
हम दोनों ही एक दूसरे का मान रख रहे हैं, बिना एक दूसरे को आरोपित किये
_ बिलकुल खामोशी से..
” यदि आप परिवर्तन की राह पर चलते हो तो, आपके विरोध की शुरुआत सबसे पहले आपके घर परिवार से होगी.”
_ मुझे अपनी हदें और मर्यादा अच्छे से मालूम है !!
I live my life on my conditions, _ No time to waste on wastage…
_ क्योंकि आपकी जिंदगी बर्बाद करके _ दूसरों को थोड़ा सा भी फर्क नहीं पड़ेगा !
“– हम लोगों के फैसलों के बारे में बहुत सोचते हैं, हम भूल जाते हैं कि _ ये हमारी जिंदगी है और फैसला लेने का हक भी हमारा है.”
— आजादी कोई बजार की वस्तु नहीं जिसे कुछ भाव में खरीदा जा सके, ये वो चीज है जिसके लिये बहोत बड़ी कीमत अदा करनी पड़ती है, इसके काबिल बनना पड़ता है, और इस बात को केवल आजाद इंसान ही समझ सकता है, मजे की बात की इसे पाने के बाद भी इसके छिन जाने का खतरा नहीं जाता..
“अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीने के लिए एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है ;_
_ कभी- कभी सोचता हूँ खुद को लानत दूँ या प्राउड करूँ समझ में नहीं आता.!!’
“-स्वतंत्र व्यक्ति होने के लिए हमें स्वयं के लिए पूरी ज़िम्मेदारी लेनी होगी, _साथ ही उस ज़िम्मेदारी को अस्वीकार करने की क्षमता भी होनी चाहिए _जो वास्तव में हमारी नहीं है.”
खुद की खुशी को दूसरों की मोहताज मत बनाओ _ खुद फैंसले करो और आगे बढ़ो..
मैं चीजों को अपने हिसाब से करना अधिक पसन्द करता हूँ..!!
” — मैं साधारण जीवन के बजाय जूनून के साथ जीना पसंद करता हूँ –“
क्योंकि उन पर आगे की राह निर्भर करती है.
_ ये ज़रूरतों की मोहताज, हमारी ज़िंदगी अब कहीं खो गई है ?
अपने रास्ते खुद चुनिए, आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता..
अपनी सोच अनुसार जीवन जीना _ सब के बस की नहीं..
_ना मैं रुकता ना कांटे चुभना बंद करते हैं..
_ उसे जीने से आपको क्या रोकता है..
_ जबकि जो होता है उसका लाभ भी नहीं ले सकते ..
_ हम ही नही देख पाते, वरना पतझड़ के बाद पत्ते आ ही जाते हैं,,,
_ जिससे जीवन के आख़िरी समय में कोई कसक न बाक़ी रह जाए ..
हां अब छोड़ दी है परवाह करना लोगों की, और जीने लगा हूं खुद की जिंदगी..
लेकिन जीवन में पास होने के लिए अनुभवों से सीखने के अलावा कोई डिग्री नहीं है.
तुम्हारी असफलता और दुख का कारण _ तुम्हारी किस्मत या कम श्रम नहीं, _ तुम्हारी चाहत है..
क्योंकि तुम जानते ही नहीं कि तुम्हें क्या चाहिए, _ और तुम चुनने और जांचने निकल जाते हो.
यही कारण है कि तुम्हारी न केवल रोज़ चाहतें बदलती हैं _ बल्कि तुम अपने मन की करने के बाद भी दुखी लौटते हो.
अपनी वास्तविक चाहत को बिना जाने जीना दुख है _ और उसे जान लेना परम आनंद..
“– यदि आप अपने तुच्छ मामलों में उलझे रहते हो, तो आप अपनी विशालता का एहसास कैसे करोगे ?
मेरा जीवन और मेरी ऊर्जा को तुच्छ मामलो में बेकार क्यो जाने दूँ ?–“
_ वे तुरंत उस सारे दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं और अंत में और नीचे डूब जाते हैं ; लगभग हर कोई तत्काल संतुष्टि की तलाश में है.
जीवन आसान और सुंदर हो सकता है ; ” वास्तव में आसान और सुंदर ” अगर हम स्वीकार करते हैं कि हम वास्तव में क्या चाहते हैं और केवल वही लेते हैं जो हम वास्तव में चाहते हैं और कम के लिए समझौता नहीं करते हैं और प्रतीक्षा करते हैं और प्रतीक्षा करते हैं.
जीवन में हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें से अधिकांश में हम जो आसान होता है उसे लेते हैं ; चाहे वह काम हो, जुनून हो, रिश्ते हों, लक्ष्य हों या तलाश ; _ कुछ बिंदु पर, हम उस मानक की तलाश करना बंद कर देते हैं जो हमें लगता है कि हमारे पास है ; और अपने आप को नीचा देखने से बुरा क्या है.
मेरे पास हमेशा अपने लिए उच्चतम मानक हैं ; मैं वही चाहता हूं जो मैं चाहता हूं और मैं खुद से वादा करता हूं कि मैं कभी भी कुछ कम नहीं करूंगा.
_ हर इंसान मशीन बनने में लगा हुआ है,_ इस भ्र्म में कि _ आज मेहनत करुँगा कल सुकून से जीऊंगा.
सार्थक वही है जो तृप्ति देता हो और तब तुम निश्चित पाओगे कि जिंदगी में चैन की बांसुरी बजने लगी.
अगर लोग आवश्यकताओं से जीएं तो दुनिया में कोई कमी नहीं है.
तुम्हारी प्यास से पानी बहुत ज्यादा है, _ तुम्हारी भूख से भोजन बहुत ज्यादा है, _ तुम्हारे तन को ढंकने से बहुत ज्यादा कपड़े हो सकते हैं, कोई अड़चन नहीं है.
थकान तो बस _ कुछ लम्हे _ सुकून के चाहती है.
जब कि मालूम नहीं ये भी, कि जो मिला है, उस का करना क्या है..
” पर जो ढूँढ़ लिया ” उसे संभालने का समय नही मिला.
_ जो मिला है, उसे संभालिये…
जब तक कि आपको उनका उपयोग करना ही नहीं आता..
बेहतर यही है कि हम ” जरूरतों की गली में मुड़ जाएं ” !!
कभी कभी हमारी जिंदगी दूभर कर देता है.
जितनी भारी गठरी होगी, उतना तू हैरान रहेगा..
नहीं तो जिसकी जरुरत है उसे बेचना पड़ेगा..
इसलिए अपने काम से काम रखें..
कि एक खूबसूरत जिंदगी सामने थी और हम दुनियादारी में उलझे रहे..
जो होना था हो गया, अब उठो और आगे बढ़ो..
बहुत ज्यादा चिंतित थे, जो वास्तव में मायने रखती ही नहीं थीं,,!!
कुछ इसी तरह हमने जीवन को आसां रखा !!!!
भौतिक संपत्ति कभी भी हमारे दिल की गहरी लालसाओं और जुनून को संतुष्ट नहीं कर सकती ; _इसीलिए, चाहे हम कितना भी जमा कर लें, हम हमेशा और अधिक की इच्छा करते हैं.
जिन चीज़ों की हमें ज़रूरत नहीं है उन्हें खरीदने की तुलना में और भी अधिक मूल्यवान चीज़ें हैं, _जिन्हें हम अपने पैसे से पूरा कर सकते हैं.
उम्र- भर जी के भी जीना नहीं आया मुझको..
_ इतना तो जीना नही जितना तू मर रहा है !!!
याद रहे कमाना ठीक है मगर आप कमाने वाली मशीन नहीं हैं.
_ आप उससे कितने सन्तुष्ट हैं, ये बहुत मायने रखता है..!!
जो मैंने खुद को ही खो दिया…
फिर भले ही अकेले चलने में आप को हजारों मुसीबतो का सामना क्यू न करना पड़े,
” आपको रास्ता सुखद ही लगेगा “
तो हम अनर्थ होने से बचा सकते हैं.
कुछ इस तरह सबका होकर भी उनसे दूर हुआ जाता हूँ !”
_ तो जान लेना कि _ ज़िन्दगी सही दिशा में जा रही है..!
तो सब से पहले उन्हें भूल जाना, जो आपको भूल गए,
“भूल नही पा रहे ” यह बहाना मत बताना,
खुद के लिए भी जी सकते हो, यह खुद को साबित कर के दिखाना..
वर्तमान में खुश रहना सीखो, नहीं तो तुम्हारा समय समाप्त हो जाएगा.
मौसम – माहौल – वक़्त _ कैसा भी ,,,_ किसी की क्या मजाल…
हम तो महके ही हैं …गुलशन से..
किसी ने कुछ भी कहा बस मुस्करा दिया हमने.
फूल अपने बदन पर जेवर नहीं रखते जनाब..
आप कुछ सबसे अलग कर रहे हैं..
मैं भी मैं हूँ ! कौन सा मर जाऊँगा ? होने दो सब हैं अगर मेरे ख़िलाफ़.
जो इसमें रहने के क़ाबिल हों, दिखावा करने वाले नहीं !
महत्वपूर्ण यह है कि मैं अपनी स्वयं कि दृष्टि में क्या हूं !
हसीन है कितना मगर गिना पत्थर में जाता है ”
ये वो सबक़ है जो ज़िंदगी ने दिये थे..
अगर तेरा दिल सच्चा है तो नाज़ कर खुद पर..
कानों में ज़हर घोलना तो जमाने का काम है.
अब तो आप जो समझो वही हूं मैं…
_ अपनी ही मौज का फ़क़ीर बने रहना..
” रशुख “और अमीरी जरा सी भी हो तो, ” शोर ” बहुत करती है…??
हम अपने को बादशाह जानते रहे, और दुनिया फ़क़ीर, “
दिलों के शाह तो अक्सर गरीब होते हैं !
पर सब्र गुलाम को बादशाह बना देता है…!!!
खुद की दुनिया के बादशाह हैं हम..
तूने अपनी रहमत से हमें बादशाह बना दिया.
आँख बंद करी तो पाया मुझे उसकी ज़रूरत नहीं.
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं ..!!
ये फिक्र अक्सर जिंदगी का मजा छिन लेती है..!!
_ आप को इसमें तैरना सीखना होगा ..!!
जो मैं नहीं हूँ वो दिखाने का तरीका मुझे नहीं आता..!!
क्या बैलेंस बना पाओगे जिनसे जुड़ने जा रहे हो ?
जितना ये सोचकर था की ” दुनिया क्या कहेगी “
चार लोग या जीवन दोनों में से, किसी एक को चुनना होगा.
इसे “लोग क्या कहेंगे” यह सोचने में बर्बाद मत कीजिए..
ये हमारी जिंदगी है और फैसला लेने का हक भी हमारा है.”
हो सकता है कि शायद हम एक नए तरीके की दुनिया बना पाएं.
इसलिए लोगों की परवाह मत करो ……करो वो जो उचित हो, जो तुम चाहते हो, जिसमें तुम खुश हो….
याद रखना….. जिंदगी तुम्हारी है, लोगों की नहीं….
मुझे ढूंढ़ने की हद तक कोई ढूंढ़ता ही नहीं…!!
लोग तो सिर्फ हमारे बारे में ” अंदाज़ा ” लगा सकते हैं,,,,
_अजब फितरत है, कोई आईना नही रखता !!
_ बदला है जो मूड मेरा, अपनों की मेहरबानी के कारण..!!
विरासत में हमें कोई तोहफा नहीं मिला..
ज़रूर कुछ पन्ने बिना पढ़े ही पलट दिए होंगे.
लोगो को अपने पास बुलाती__ और किसी को डरा कर दूर करती.
सभी को यह महसूस होने दो कि तुम्हारे साथ होना एक उपहार है.
_हर मौसम में उसके आसपास खुशियों का मेला है..!!
_ किन्तु छोटे- छोटे कार्यों को बड़े प्यार से तो कर सकते हैं..
_किसी निराश व्यक्ति की आंखों में भी चमक आ जाए ,,!!
_ एक विनाशकारी उद्देश्य के लिए बर्बाद करना बुद्धिमानी नहीं है.
वास्तविकता कुछ और होती है, और वो दुनिया को कुछ और दिखाना चाहता है.”
ये जो((( नकल )))से भरा हुआ जीवन है, जो दूसरे जैसा होने की चाहत है !यही नर्क को जन्म देता है,
ये जो हमारा दिखावटी नकली और झूठा जीवन है, यही है गुलामी,
यही है जो हमें हमारी वास्तविकता से दूर रखता है,और यही है जो हमारी आत्मा पर बोझ है,
यही है जो तुम्हे आजाद और सुंदर नहीं होने देता,
_ तुम कमाल हो, बस समाज ओर लोगों के (( पैरामीटर)) मापदंड से खुद को देखना बन्द करो,
_, फिर तुम कमाल हो तुम्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं।।
_ जो यूँ ही मिट जाना होता, तो कब के मिट गए होते “
हम तो समुद्र में डुबकियाँ लगा कर ही, जीने का मजा लेते हैं.
मूर्ख व्यक्ति बाहरी दुनिया को दोष दे दुख मे रहता है..
कभी खुल के … चाँद को छू के देख !
माना दुनिया में अनेक बुराइयाँ है _ यूँ अपने आंसू के मोतियों को बर्बाद ना कर..
मैने अभी तक यही सीखा है कि लोगों को, लोग मिल जाया करते हैं…
जिदंगी रुकती नहीं किसी के लिए भी, चलती रहती है…
चाहे कोई नज़रअंदाज़ करे या मुझसे दूर हो जाए, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता.
” मेरी जीवन की वरियता अब मेहनत है..”
यदि आप एक वांछित लक्ष्य की ओर पैडल नहीं मार रहे हैं, तो समाज आपको उस दिशा में धकेल देगा जिसकी आपने योजना नहीं बनाई थी और आपको शायद मंजिल पसंद नहीं आएगी.
एक आदमी या तो अपनी दृष्टि का निर्माण कर रहा है, या किसी और का निर्माण कर रहा है ;अपना भविष्य सुरक्षित करो.
Life is like a river.
If you’re not paddling toward a desired goal, then soceity will push you in a direction you didn’t plan for.And you probably won’t like the destination.
A man is either building is own vision, or building someone else’s.Secure your future,
_ हेरफेर आपके दिमाग से शुरू होता है फिर यह उन चीजों की ओर बढ़ता है जो आपको नियंत्रित करने के लिए आपके सिर पर लटकी होंगी.
Don’t let anyone get the chance to wield power over you. Don’t let people fool you with dreams and aspirations of them getting you to the top.
Manipulation starts with your mind then It moves to things that will be dangled over your head to control you.
_ क्योंकि उसे कहीं ना कहीं मालूम होता है कि अपने ढंग से जी कर ही वो अपने वजूद को पा सकता है ; अगर वो किसी दूसरे के ढंग से जीना शुरू करेगा तो दूसरा उसका वजूद उससे पहले छीन लेगा..
_ वे उन लाभों पर प्रसन्न होंगे _ जो आप से प्राप्त हुए हैं.
_ यह ज़िन्दगी इतनी भी कठिन तो नही….
_ लिखना बस बहाना है… इसी ख्वाहिश को पूरा करने का…!”
_ आप अपने अंदर कितना शानदार महसूस करते हैं, यही सबसे महत्वपूर्ण है.
_ बल्कि अपनी तसल्ली के लिए होनी चाहिए.
_ उसके इंसान होने में सब से बड़ी गिरावट है,”
_ अब वो सुकून चाहिये _ जिसमे कोई ना हो !
_ देख, _ शायद सोचने में ही तेरे, कुछ गड़बड़ी है.
उसकी जिंदगी में तकलीफें बहोत कम हो जाती हैं.
हमें सुकून में कामयाबी दिखी तो हम ठेहर गए.
_ वर्ना तो ऊब में क्या ख़ाक जीया जाता है ?
कई बार धीरे चलने पर भी मंजिल मिल जाती है.
पहले गुलाम की तरह मेहनत करनी पड़ती है.
जितना भी टूटूं, फिर खुद ही ऊठ जाता हूँ !
ये कैसा जूनून है मुझमे, गिरकर सँभलने का,
खुद को मात देकर, खुद से ही जीत जाता हूँ”.
दुनिया की सारी दौलत उसके सामने व्यर्थ हो जाएगी..
कि हकीकत में रहने का सलीका ही भूल गए हम.
संभव है सब हों ग़लत, बस तू ही हो ठीक..
ऐ जिंदगी.._ तू भी कुछ – कुछ किताब सी है.
वरना तेरा ज़िंदगी से फ़ासला हो जाएगा…
अपनी औकात, अपनी जानकारी और अपनी हैसियत से लगाएगा..
जिनसे आप किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे.
लेकिन वो चीज खो दी है, जो पैसे से नहीं खरीदी जा सकती..
लेकिन सुकून जरूर आता है, और सुकून सबसे कीमती है,”
–” अगर लगन सच्ची है तो बस वो करो जिस से मन को सुकून मिलता है.–“
_ आपके मंजिल की अहमियत _ जितनी आप जानते हो _ उतनी और कोई नहीं जानता..
_ इसीलिए लम्हों के साथ चलो…ज़िन्दगी भी जी लोगे और सफ़ल भी हो जाओगे…!!!
यदि रास्ते में है मजा तो मंजिल की फिकर न कर, ” दोनों हालत में जीत तुम्हारी है “
या इसके अतिरिक्त भी कुछ कमाना है _ _ प्रयास और केवल, प्रयास.
जो मेरे कुछ भी नहीं लगते, पर फिर भी मेरे बहुत कुछ हैं..!!
जब आप संतुलित, स्पष्ट और खुश हों तो तब कोई निर्णय लीजिए… और
ईमानदारी से अपना जीवन उसमें लगा दीजिये ; कुछ न कुछ शानदार होगा ..!!
जैसे ही लगे की कोई चीज / व्यक्ति आदत बन रहा है, खुद को उससे दूर कर दो !!
..पर उनकी तरह निजता का सम्मान करना,
_अपने काम से काम रखना ..हम नहीं सीख पाये..!!
_ रब सिर्फ लकीरें देता है _ रंग हमको भरना पड़ता है..
धन को बहुत महत्व दिया जाता है और सरल चीजें _ जो हमें सच्ची खुशी देती हैं हम अक्सर उनकी अनदेखी कर देते हैं,_
खुशी देने वाली चीजों में से एक प्रेम है, _ इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है _ लेकिन आपकी जिंदगी खुशी से भर सकती है.
_ जीवन का सही आनंद उठाने के लिए मानसिक स्थिति का बेहतर होना बहुत जरूरी है..!!!
You can solve a lot of problems by reacting less.
धीमी गति से ही सही मगर खुशी की बात है काम जारी है..
_ हम उसे सुधारने की कोशिश नहीं करते..
“–दुनिया में किन्हीं भी दो लोगों को कभी एक- सा आसमान नहीं दिखता, _
_ हम सब को अपना- अपना आसमान दिखता है..–“
पर कुछ लोग ऐसे भी हैं _ जो आप जैसी जिंदगी जीने के लिए तरसते हैं..
_ प्रयास करें कि दोनों का सामंजस्य ऐसा बने की समानता बनी रहे ;
_ ” सुख और दुख का पलड़ा स्थिर रहे “
एक ब्रेक लें – वे आपको आलसी कहते हैं.
कड़ी मेहनत करो – वे आपको जुनूनी कहते हैं.
जो उनके पास नहीं है उसे पा लो – वे तुम्हें स्वार्थी कहते हैं.
इसे समझो और जो चाहो करो.
Whatever you do, people find a way to criticize you :Take a break – they call you lazy.Work hard – they call you obsessed.Get what they don’t have – they call you selfish.Realize this and do whatever you want.
If you don’t like something, change it. If you can’t change it, change the way you think about it.
If you settle for just anything, you’ll never know what you’re truly worthy of.
In life, you get what you put in. Everything comes back around.
_ न कि जिंदगी से जो मिल जाए, उसी में संतुष्ट हो जाएं, _
हमें अपनी खुशियों को खोजने की जरुरत है कि वो कहाँ और कैसे मिल सकती है..
“–सच्ची ख़ुशी तो वह करने में है, जिसे दिल करना चाहता है, _
_सच्ची ख़ुशी उन सपनों को पूर्ण करने में है जिसे दुनिया पागलपन कहती है.–“
अच्छा हो मनुष्य भोजन, कपड़े, और घर से ही राजी हो जाये !
मन की इच्छाओं का कोई अन्त नहीं है !
उनका त्याग तत्काल शांति लाता है ;
और शांति का जीवन ही वास्तव में जीवन है.
जीवन हमें पैसा बनाने और संपत्ति जमा करने के लिए नहीं बल्कि छोटी चीजों में अर्थ खोजने के लिए दिया गया है.
अपने आप से एक प्रश्न पूछें, क्या आप अपने जीने के तरीके से प्यार कर रहे हैं ? यदि नहीं, तो इसके बारे में कुछ करने का समय आ गया है ; आपको और मुझे दोनों को कुछ छोड़ने और जीने की जरूरत है.
मैंने सीखा है कि कम संपत्ति वाले लोग अधिक खुश और अधिक संतुष्ट रहते हैं ; _ वे दयालु हैं और अजनबियों की मदद करने से नहीं डरते.
मैंने सीखा है कि जीवन आसान है, हम इसे कठिन बनाते हैं.
“पैसे के लिए हमें जो कीमत चुकानी पड़ती है, _वह कभी-कभी स्वतंत्रता होती है.”